चतरा: शिक्षा कार्यालय से चंद दूरी पर संचालित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय भगवान दास में छात्रा की पिटाई के बाद पनपा विवाद अब तूल पकड़ने लगा है. आरोपी शिक्षिका को हटाने की मांग को लेकर अड़ी आक्रोशित ग्रामीण महिलाओं ने विद्यालय में ताला जड़ दिया है. जिससे न सिर्फ यहां पढ़ने वाले नौनिहालों का भविष्य अधर में लटक गया है, बल्कि शिक्षा का मंदिर राजनीति का शिकार भी हो गया है.
गौरतलब है कि भगवान दास स्कूल की शिक्षिका पूर्णिमा के द्वारा एक छात्रा की भोजन मांगने पर बेरहमी से पिटाई की गई थी. जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने बच्चों को स्कूल भेजने से इनकार कर दिया था. मामले में ग्रमीणों ने आरोपी शिक्षकों को विद्यालय से हटाने के लिए शिक्षा अधिकारियों से मांग की थी.
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उपायुक्त ने भी मामले में नहीं की कार्रवाई
ग्रामीणों के इस आंदोलन का समर्थन विद्यालय प्रबंधन समिति ने भी की थी. इसके बाद भी जिला शिक्षा कार्यालय से आरोपी शिक्षिका के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होता देख महिलाओं ने उपायुक्त कार्यालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी. न तो शिक्षिका को विद्यालय से हटाया गया और न ही उसके विरुद्ध कार्रवाई की गई. जिसके बाद अधिकारियों की लापरवाही से आक्रोशित महिलाओं ने विद्यालय में ताला जड़ दिया.
जिला शिक्षा अधीक्षक ने स्कूल खुलवाने का दिया निर्देश
महिलाओं का कहना है कि जब तक बच्चों के साथ मारपीट करने वाली शिक्षिका के विरूद्ध कार्रवाई नहीं होगी तब तक ताला नहीं खुलेगा. इधर विद्यालय में तालाबंदी के मामले को जिला शिक्षा अधीक्षक ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को विद्यालय जा कर अविलंब विवाद का निष्पादन करते हुए विद्यालय का ताला खुलवाने का निर्देश दिया. मामले में डीएसई ने कहा है कि विद्यालय में पनपे विवाद का पटाक्षेप अभिलंब करते हुए शिक्षा व्यवस्था सुचारू किया जाएगा.