चतरा: राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से लगातार प्रवासी मजदूरों को हर संभव मदद उपलब्ध कराने के साथ ही उनको घर पहुंचाने के दावे किए जा रहे हैं. दोनों ही सरकारें मजदूरों को सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही श्रेय लेनी लगी हैं, लेकिन महाराष्ट्र से पैदल पहुंचे चतरा के कुछ मजदूरों ने सरकार की पोल खोलकर रख दी है. महाराष्ट्र से पैदल गोड्डा जा रहा एक दर्जन से अधिक मजदूरों का जत्था चतरा पहुंचा है.
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चतरा पहुंचने पर थके-हारे मजदूरों को न सिर्फ ईटीवी भारत की टीम का सहारा मिला बल्कि उन्हें रास्ते में रोककर पानी और बिस्किट देकर दर्द भी कम करने का हमारी टीम ने प्रयास किया. 28 दिनों में करीब 1400 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर प्रवासी मजदूर इतने थक चुके थे कि उनके पैरों में न सिर्फ छाले पड़ गए थे बल्कि हिम्मत भी जवाब दे गया. ऐसे में करीब 350 किलोमीटर की और पैदल यात्रा उनके लिए परेशानी का सबब बन गया है.
मजदूरों ने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि वे महाराष्ट्र में कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण दो महीने से काम पूरी तरह से बंद हो गया था. ऐसे में उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. उनके पास न तो खाने के लिए अनाज था और न ही राशन खरीदने के लिये पैसे. इस स्थिति में सभी पैदल ही अपने घर के लिये निकल पड़े. उन्हें गोड्डा पहुंचने में अभी भी करीब सात से आठ दिन और लगेंगे.