सिमरिया, चतरा: एक ओर जहां सरकार जंगल बचाने के लिए पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाकर पौधारोपण कर रही है. वहीं दूसरी ओर जंगल उजाड़ने में लोग कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड के गांवों में वन विभाग ने एक लाख से अधिक पौधे लगाए थे. जो अब वृक्ष बन चुके हैं, लेकिन उसे देखने वाला कोई नहीं.
धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई
सिमरिया में धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई हो रही है, लेकिन न कोई संज्ञान लेने वाला है और न ही कोई रोकने-टोकने वाला. चारों ओर कटे पेड़ों के ठूंठ और विशाल पेड़ों की लकड़ियां नजर आ रही हैं.
ग्रामीण खुलकर बोलने को तैयार नहीं
ईटीवी भारत की टीम को पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई की खबर मिलते ही टीम जंगल पहुंची. जहां कुछ ग्रामीणों से बात करने पर उन्होंने पेड़ों की कटाई पर चिंता तो जताई, लेकिन कुछ भी खुलकर बताने को तैयार नहीं हुए कि आखिर पेड़ों को काट कौन रहा है.
वन पदाधिकारी भी झाड़ा पल्ला
वहीं, पूछताछ के दौरान जानकारी मिली कि इसमें पेड़ माफिया शामिल हैं. इसके अलावा आसपास के गांव के लोग भी पेड़ काट कर ले जा रहे हैं. जिसे देखने वाला कोई नहीं है. गांव के लोग सिर्फ इतना कहते हैं कि इस पेड़ के नीचे हमें छाया मिलती है, लेकिन इसका बचाव नहीं हो पा रहा है. पेड़ों की अवैध कटाई के संबंध में सिमरिया वन पदाधिकारी से बात करने पर वो भी कैमरे के सामने स्पष्ट रूप से कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए. उन्होंने कहा कि स्थल निरीक्षण के बाद कुछ बता पाएंगे.
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देखने वाला कोई नहीं
गांववालों का कहना है कि यह सब वन विभाग की मिलीभगत के कारण हो रहा है. जिस तरह जंगल में धड़ल्ले से तैयार पेड़ काट दिए गए हैं. कोई भी इस मामले में संज्ञान नहीं लेता.