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हजारीबाग वन विभाग ने किया घायल लकड़बग्घा का रेस्क्यू, लोहे के शिकंजे में फंसा था - RESCUE OF INJURED HYENA

हजारीबाग में एक लकड़बग्घे को रेस्क्यू किया गया है. लकड़बग्घा बुरी तरह से घायल है. उसे इलाज के लिए भेजा गया है.

Hyena In Hazaribag
हजारीबाग के इचाक प्रखंड से घायल लकड़बग्घे को रेस्क्यू कर ले जाती वन विभाग की टीम. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 23, 2025, 10:33 PM IST

हजारीबागः जिले के इचाक प्रखंड क्षेत्र से हजारीबाग वन विभाग ने रविवार को घायल लकड़बग्घा का रेस्क्यू किया है. लकड़बग्घे की स्थिति को देखते हुए उसे इलाज के लिए प्रमंडलीय पशु चिकित्सालय भेजा गया है. अगर लकड़बग्घे के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ तो उसे बेहतर इलाज के लिए कोलकाता रेफर किया जाएगा.

इचाक से किया गया रेस्क्यू

वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हजारीबाग के इचाक प्रखंड के सूर्य मंदिर के पास स्थानीय लोगों ने लकड़बग्घा को एक लोहे के शिकंजे में फंसा देखा था. इसकी सूचना ग्रामीणों ने थाना प्रभारी संतोष कुमार को दी. थाना प्रभारी ने वन विभाग से संपर्क स्थापित कर पूरे मामले से अवगत कराया. इसके बाद वन विभाग की टीम पहुंची और लगभग डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लकड़बग्घा को रेस्क्यू किया.

हजारीबाग के इचाक प्रखंड में लकड़बग्घे का रेस्क्यू करती वन विभाग की टीम. (वीडियो-ईटीवी भारत)

घायल लकड़बग्घे को भेजा गया अस्पताल

वन विभाग की 15 सदस्यीय टीम सुरक्षा कवच और लोहे की जाली लेकर घायल लकड़बग्घे का रेस्क्यू करने पहुंची थी. डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद लोहे के शिकंजे में फंसे लकड़बग्घा को रेस्क्यू कर लिया गया. इस संबंध में प्रशिक्षु आईएफएससी मोहित कुमार बंसल ने बताया कि लकड़बग्घा को इलाज के लिए जिला के एनिमल हसबेंडरी अस्पताल ले जाया गया है. जहां जांच के बाद जरूरत पड़ी तो कोलकाता के अस्पताल भेजा जा सकता है.

लोहे के शिकंजे में फंस गया था लकड़बग्घा

उन्होंने बताया कि लकड़बग्घा के अगले हिस्से का दाहिना पैर लोहे के शिकंजा में फंसा था, छुड़ाने की चक्कर में वह घायल हो गया है. उन्होंने बताया कि शिकारियों ने जंगली सूअर को फंसाने के मकसद से लोहे के शिकंजे को सूर्य मंदिर छोटा तालाब के निकट बांध के बीचोंबीच करीब दो फीट खुदाई कर गाड़ दिया था. लकड़बग्घा रात में पानी पीने के लिए बांध से होकर तालाब में उतरना चाह रहा था. इसी क्रम में उसका पैर शिकंजे में जकड़ गया.

आपको बता दें कि नेशनल पार्क और सलपर्णी का क्षेत्र इचाक एरिया से सटा है. गर्मी के दस्तक देते ही रजडेरवा वन आश्रयणी और सलपर्णी क्षेत्र में स्थित नदी नाले और जलाशय सूख जाते हैं. इस कारण जंगली जानवर प्यास बुझाने के लिए तालाब की ओर आते हैं.

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इचाक से किया गया रेस्क्यू

वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हजारीबाग के इचाक प्रखंड के सूर्य मंदिर के पास स्थानीय लोगों ने लकड़बग्घा को एक लोहे के शिकंजे में फंसा देखा था. इसकी सूचना ग्रामीणों ने थाना प्रभारी संतोष कुमार को दी. थाना प्रभारी ने वन विभाग से संपर्क स्थापित कर पूरे मामले से अवगत कराया. इसके बाद वन विभाग की टीम पहुंची और लगभग डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लकड़बग्घा को रेस्क्यू किया.

हजारीबाग के इचाक प्रखंड में लकड़बग्घे का रेस्क्यू करती वन विभाग की टीम. (वीडियो-ईटीवी भारत)

घायल लकड़बग्घे को भेजा गया अस्पताल

वन विभाग की 15 सदस्यीय टीम सुरक्षा कवच और लोहे की जाली लेकर घायल लकड़बग्घे का रेस्क्यू करने पहुंची थी. डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद लोहे के शिकंजे में फंसे लकड़बग्घा को रेस्क्यू कर लिया गया. इस संबंध में प्रशिक्षु आईएफएससी मोहित कुमार बंसल ने बताया कि लकड़बग्घा को इलाज के लिए जिला के एनिमल हसबेंडरी अस्पताल ले जाया गया है. जहां जांच के बाद जरूरत पड़ी तो कोलकाता के अस्पताल भेजा जा सकता है.

लोहे के शिकंजे में फंस गया था लकड़बग्घा

उन्होंने बताया कि लकड़बग्घा के अगले हिस्से का दाहिना पैर लोहे के शिकंजा में फंसा था, छुड़ाने की चक्कर में वह घायल हो गया है. उन्होंने बताया कि शिकारियों ने जंगली सूअर को फंसाने के मकसद से लोहे के शिकंजे को सूर्य मंदिर छोटा तालाब के निकट बांध के बीचोंबीच करीब दो फीट खुदाई कर गाड़ दिया था. लकड़बग्घा रात में पानी पीने के लिए बांध से होकर तालाब में उतरना चाह रहा था. इसी क्रम में उसका पैर शिकंजे में जकड़ गया.

आपको बता दें कि नेशनल पार्क और सलपर्णी का क्षेत्र इचाक एरिया से सटा है. गर्मी के दस्तक देते ही रजडेरवा वन आश्रयणी और सलपर्णी क्षेत्र में स्थित नदी नाले और जलाशय सूख जाते हैं. इस कारण जंगली जानवर प्यास बुझाने के लिए तालाब की ओर आते हैं.

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