चतरा: चतरा जिले के सिमरिया विधानसभा में 12 दिसंबर को होने वाले चुनाव में लोकलुभावन वादों के सहारे सत्ता और विपक्ष दोनों चुनावी बाजी मारने में जुट गये हैं. कोई सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के तकदीर और तस्वीर बदलने की दावा कर रहा है, कोई अपने विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले लोगों की दशा और दिशा बदलने का दावा कर रहा है लेकिन हकीकत यहां की स्वास्थ्य सुविधा को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है. बता दें कि सिमरिया अस्पताल में आने वाले मरीजों का इलाज कम बल्कि उनको रेफर अधिक किया जाता है.
वहीं, लोगों का कहना है कि यदि हमारे क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने विकास किया होता तो आज मरीजों को दवाइयों की किल्लत, डाक्टरों और कर्मियों की कमी के कारण बेहाल नहीं होना पड़ता. सिमरिया अस्पताल में आने वाले मरीजों का इलाज कम बल्कि उनको रेफर अधिक किया जाता है. यहां एक्सीडेंट होने पर घायल मरीजो को इलाज के लिए 50 किलोमीटर दूर की दूरी तय कर हजारीबाग जाना पड़ता है. कई मरीजों को इलाज सही समय पर नहीं मिलने से बीच रास्ते में ही मौत भी हो जाती है. राज्य में कांग्रेस, बीजेपी, जेवीएम, आजसू और जेएमएम सभी ने सत्ता का सुख भोगा लेकिन सिमरिया विधानसभा में स्वास्थ्य व्यवस्था आजतक नहीं सुधरी है.
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सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के लोग स्वास्थ्य के साथ-साथ स्थानीय मुद्दों को लेकर आस लगाए बैठे हैं कि उनकी समस्याओं से जुड़े मुद्दे चुनावी मुद्दे बनेंगे लेकिन परिणाम के बाद स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निदान होता है या नहीं यह एक सवाल बन के रह गया है.