चतरा: मनरेगा लाभुक की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. सरकारी रोक के बावजूद मनमाने तरीके से कराए जा रहे मनरेगा कूप निर्माण कार्य की चाल धंसने से एक मजदूर मिट्टी में दब गया. घटना के करीब 15 घंटे बाद मजदूर का शव बाहर निकाला गया. पोकलेन की मदद से पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने मिट्टी में दबे मजदूर का शव निकला. फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में कर सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
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पूरा मामला
मामला सिमरिया प्रखंड के कसारी पंचायत अंतर्गत चुनीडीह गांव का है. यहां मोहम्मद कलाम के खेत में 3 लाख 81 हजार 294 रुपए की लागत से मनरेगा कूप का निर्माण कराया जा रहा था. जहां कूप निर्माण में लाभुक का भतीजा मनरेगा और मजदूर मोहम्मद साबिर अंसारी काम कर रहा था. काम के दौरान ही ऊपर से मिट्टी की चाल धंस गई.
आनन-फानन में ग्रामीणों ने घटना की सूचना प्रखंड प्रशासन और पुलिस को दी. दरअसल, चक्रवाती तूफान यास को देखते हुए जिला प्रशासन ने 26 मई से जिले भर में मनरेगा कूप निर्माण कार्य पर रोक लगा रखी है. इसके तहत निर्माण कार्य की डिमांड भी रोक दी गयी है. बावजूद इसके सरकारी निर्देशों की अवहेलना कर मनमाने तरीके से कूप का निर्माण कराया जा रहा था.
जिसे सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रखंड प्रशासन, पुलिस और ग्रामीणों के सहयोग से राहत बचाव अभियान चलाया. प्रशासन की ओर से कुएं में धंसी मिट्टी को बाहर निकालने के लिए जेसीबी भी लगायी गयी. इसके बावजूद करीब 5 घंटे बीत जाने के बाद भी मिट्टी में दबे मजदूर को कुएं से बाहर नहीं निकाला जा सका.