चतरा: लाल आतंक का गढ़ कहे जाने वाले जिले के कुंदा प्रखंड मुख्यालय में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे सीएम रघुवर दास नक्सलियों पर जमकर बरसे. उन्होंने चुनावी जनसभा के दौरान लातेहार में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गए एएसआई समेत चार सुरक्षाबलों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए नक्सलियों को कड़े शब्दों में चेताया.
अमन-चैन का माहौल स्थापित करने का प्रयास
सीएम ने कहा कि लातेहार की घटना नक्सलियों की कायरतापूर्ण हरकत है. उनकी ओर से किए जा रहे छिटपुट घटनाओं से न तो सुरक्षाबलों के हौसले पस्त होंगे और न ही सरकार के इरादे कमजोर होंगे. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से अपनी जान की बाजी लगाकर देश और समाज में अमन-चैन का माहौल स्थापित करने के प्रयास में जुटे हमारे जवानों के दिलों में और भी ऊर्जा का संचार होगा.
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उग्रवाद मुक्त झारखंड
चुनावी मंच से नक्सलियों को ललकारते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हिम्मत है तो सामने आकर दो-दो हाथ कर लो, नहीं तो हथियार डालकर विकास में बाधक बनने के बजाय मुख्यधारा में शामिल हो जाए, वरना लोकतंत्र और कानून को चुनौती देने वाले नक्सलियों से प्रशासन सख्ती से निपटेगा. सीएम ने कहा कि सरकार उग्रवाद मुक्त झारखंड के लिए प्रतिबद्ध है. इस दौरान उन्होंने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया.
67 सालों तक लूटा है देश को
सीएम ने नेहरू और यूपीए के मनमोहन सिंह सरकार के शासनकाल का जिक्र करते हुए कहा कि इनलोगों ने राजद और झामुमो के सहयोग से आजादी के बाद 67 सालों तक देश को लूटा है. देश का सबसे बड़ा घोटाला प्रधानमंत्री नेहरू के शासनकाल मे हुआ था. उनके मंत्रिमंडल में शामिल लोगों ने चर्चित जीप घोटाला को अंजाम दिया था. वहीं, दस सालों तक शासन में रहे पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी देश में घोटालों का कीर्तिमान स्थापित हुआ है. इनके ही कार्यकाल में कोयला और कॉमनवेल्थ घोटाले हुए. उस समय झामुमो के शिबू सोरेन देश के कोयलमंत्री थे.
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बंदूक से नहीं बदलती है व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश मे यूपीए शासन काल में हुए महाघोटाले का मामला यहीं नहीं थमा. झारखंड में भी चौदह सालों तक शासन में रहने वाले झामुमो, राजद और कांग्रेस की ठगबंधन ने इस इतिहास को दोहराया. इनलोगों ने एक निर्दलीय को मुख्यमंत्री बनाकर राज्य के खनिजों को दोनों हाथों से लूटा है. जिसकी चर्चाएं लगातार मीडिया में होती रही है. सीएम ने नक्सलियों को चेताते हुए कहा कि बंदूक से व्यवस्था नहीं बदलती, बल्कि किसी की जान जा सकती है. उन्होंने समाज से भटके नक्सलियों से सरकार की सरेंडर नीति का लाभ उठाते हुए हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की. अगर नक्सली सरेंडर नहीं करते हैं तो उन्हें मार गिराया जाएगा.