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बंगाल में चतरा के मजदूर की मौत, शव लाने के लिए परिजनों के पास नहीं है पैसे - बंगाल में फंसे चतरा के मजदूर

कोरोना लॉकडाउन को लेकर लगातार मजदूरों के आना का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में चतरा के टंडवा थाना क्षेत्र का रहने वाला मजदूर बंगाल से साइकिल से चतरा आ रहा था. इस दौरान एक अनियंत्रित ट्रक के चपेट में आने से उसकी मौत हो गई.

Chatra worker died in road accident while coming from Bengal
परिजन
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Published : May 9, 2020, 8:40 PM IST

चतरा: कोरोना संक्रमण को लेकर देश मे लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों का चतरा आगमन निरंतर जारी है. दूसरे प्रदेशों में फंसे कुछ मजदूर सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाकर अपने गांव लौट रहे हैं तो कोई अपनी बेबसी और परेशानियों से निजात पाने को लेकर पैदल या साइकिल से ही अपने घर वापसी कर रहे है. ऐसे में रोजगार के तलाश में बंगाल गए चतरा के टंडवा थाना क्षेत्र के तेसरचेपा गांव का रहने वाला मजदूर फूलदेव भुइयां की दर्दनाक मौत सड़क दुर्घटना में हो गई.

देखें पूरी खबर

बता दें कि फूलदेव बंगाल रोजगार के तलाश में गया था. जहां लॉकडाउन के कारण काम बंद होने के बाद उसके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. ऐसे में फूलदेव अपने घर के लिए साइकिल से ही निकल गया लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था. बंगाल के ही अंडाल थाना क्षेत्र में अनियंत्रित ट्रक के चपेट में आने से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने उसे उठाकर दुर्गापुर अस्पताल पहुंचाया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

इधर, मृतक के परिजनों ने अपनी आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए जिला प्रशासन से फूलदेव का शव मंगवाने का गुहार लगाया है. इसके बावजूद जिला प्रशासन की ओर से बंगाल के अस्पताल में पड़े फूलदेव के शव को लाने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई है. ऐसे में परिजनों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों में अधिकारियों के प्रति रोष है. जिला परिषद सदस्य दुलारचंद साहू ने भी जिला प्रशासन से मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़ित परिवार को अविलंब मदद पहुंचाने की मांग की है.

ये भी देखें- दुमका सीट में विधायक का पद खाली, कौन बनाए जरूरतमंदों की सूची

जिप सदस्य ने कहा है कि मृतक फूलदेव के पांच छोटे-छोटे बच्चे हैं. उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे बंगाल जाकर फूलदेव के शव को ला सकें. ऐसे में जिला प्रशासन शव वाहन का पास निर्गत करने के नाम पर टाल-मटोल कर रहा है. जिप सदस्य ने अधिकारियों से पल्ला झाड़ने के बजाय मानवीय संवेदना दिखाते हुए मदद की अपील की है.

चतरा: कोरोना संक्रमण को लेकर देश मे लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों का चतरा आगमन निरंतर जारी है. दूसरे प्रदेशों में फंसे कुछ मजदूर सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाकर अपने गांव लौट रहे हैं तो कोई अपनी बेबसी और परेशानियों से निजात पाने को लेकर पैदल या साइकिल से ही अपने घर वापसी कर रहे है. ऐसे में रोजगार के तलाश में बंगाल गए चतरा के टंडवा थाना क्षेत्र के तेसरचेपा गांव का रहने वाला मजदूर फूलदेव भुइयां की दर्दनाक मौत सड़क दुर्घटना में हो गई.

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बता दें कि फूलदेव बंगाल रोजगार के तलाश में गया था. जहां लॉकडाउन के कारण काम बंद होने के बाद उसके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. ऐसे में फूलदेव अपने घर के लिए साइकिल से ही निकल गया लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था. बंगाल के ही अंडाल थाना क्षेत्र में अनियंत्रित ट्रक के चपेट में आने से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने उसे उठाकर दुर्गापुर अस्पताल पहुंचाया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

इधर, मृतक के परिजनों ने अपनी आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए जिला प्रशासन से फूलदेव का शव मंगवाने का गुहार लगाया है. इसके बावजूद जिला प्रशासन की ओर से बंगाल के अस्पताल में पड़े फूलदेव के शव को लाने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई है. ऐसे में परिजनों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों में अधिकारियों के प्रति रोष है. जिला परिषद सदस्य दुलारचंद साहू ने भी जिला प्रशासन से मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़ित परिवार को अविलंब मदद पहुंचाने की मांग की है.

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जिप सदस्य ने कहा है कि मृतक फूलदेव के पांच छोटे-छोटे बच्चे हैं. उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे बंगाल जाकर फूलदेव के शव को ला सकें. ऐसे में जिला प्रशासन शव वाहन का पास निर्गत करने के नाम पर टाल-मटोल कर रहा है. जिप सदस्य ने अधिकारियों से पल्ला झाड़ने के बजाय मानवीय संवेदना दिखाते हुए मदद की अपील की है.

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