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चतरा: कर्नाटक से लाया गया मजदूरों का शव, गांव में छाया मातम

चतरा से दो मजदूर 5 जनवरी को काम करने के लिए कर्नाटक गए थे. जिनकी पिछले दिनों मौत हो गई. वहीं, मौत की खबर सुनते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. कर्नाटक से शव को फ्लाइट से रांची लाया गया, जिसके बाद एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव लाया गया. शव को देखने के लिए काफी भीड़ पहले से ही जुटी हुई थी, दोनों शवों का अंतिम संस्कार परिजनों ने कर दिया है.

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Published : Feb 9, 2020, 7:38 PM IST

bodies of Chatra laborers brought from Karnataka
अंतिम संस्कार किया गया

चतरा: जिला के दो मजदूरों का शव कर्नाटक से उनके गांव सेसांग और रक्सी लाया गया. सबसे पहले शव को फ्लाइट से रांची लाया गया. इसके बाद एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव लाया गया.

देखें पूरी खबर

एंबुलेंस के गांव पहुंचते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. गांव में बच्चे, बूढ़े और जवान सभी की आंखों से आंसू निकल पड़े. सेसांग गांव में जीवन गंझू के घर के पास शुक्रवार से ही लोगों की भीड़ जुटी थी.

शव को देखते ही सभी परिजनों की आंखें भर आईं और सभी रोने लगे. शव को बाहर निकाल कर उपस्थित लोगों ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की. राजू पांच जनवरी को काम करने रक्सी गांव के काशीनाथ के साथ कर्नाटक गया था. एक महीने में ही उसकी मौत की खबर घरवालों को मिली.

ये भी देखें- बेरोजगोरों को मिलेगी सरकारी नौकरी, रामेश्वर उरांव ने कहा- नौकरी नहीं मिली तो मिलेगा बेरोजगारी भत्ता

शव को देखते ही पत्नी गीता शव से लिपट कर रोने लगी, मां रो-रोकर बेहोश हो रही थी. इधर, रक्सी गांव में काशीनाथ के घर के पास भी यही माहौल देखा गया. शव को देखने के लिए काफी भीड़ पहले से ही जुटी हुई थी, दोनों शवों का अंतिम संस्कार परिजनों ने कर दिया.

चतरा: जिला के दो मजदूरों का शव कर्नाटक से उनके गांव सेसांग और रक्सी लाया गया. सबसे पहले शव को फ्लाइट से रांची लाया गया. इसके बाद एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव लाया गया.

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एंबुलेंस के गांव पहुंचते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. गांव में बच्चे, बूढ़े और जवान सभी की आंखों से आंसू निकल पड़े. सेसांग गांव में जीवन गंझू के घर के पास शुक्रवार से ही लोगों की भीड़ जुटी थी.

शव को देखते ही सभी परिजनों की आंखें भर आईं और सभी रोने लगे. शव को बाहर निकाल कर उपस्थित लोगों ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की. राजू पांच जनवरी को काम करने रक्सी गांव के काशीनाथ के साथ कर्नाटक गया था. एक महीने में ही उसकी मौत की खबर घरवालों को मिली.

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शव को देखते ही पत्नी गीता शव से लिपट कर रोने लगी, मां रो-रोकर बेहोश हो रही थी. इधर, रक्सी गांव में काशीनाथ के घर के पास भी यही माहौल देखा गया. शव को देखने के लिए काफी भीड़ पहले से ही जुटी हुई थी, दोनों शवों का अंतिम संस्कार परिजनों ने कर दिया.

Intro:चतरा: कर्नाटक से लाये गये मजदूरों के शव, गांव में छाया मातम

चतरा के दो मजदूरों का शव कर्नाटक से उनके गांव सेसांग व रक्सी लाया गया। सबसे पहले फ्लाइट से शव रांची लाये गये। इसके बाद एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव लाया गया। एंबुलेंस के गांव पहुंचते परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे। गांव में बच्चे, बूढ़े व जवान सभी की आंखों से आंसू निकल पड़े। सेसांग गांव में जीवन गंझू के घर के पास शुक्रवार से ही लोगों की भीड़ जुटी थी। परिजनों व रिश्तेदारों ने पूरी रात जग कर बिताया।

बाईट: रूबी वर्मा / जिला परिषद उपाध्यक्षBody:ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे लोग आग ताप कर शव के आने का इंतजार करते रहे। मृतक राजू भोगता की वृद्ध मां सुकुन देवी, पत्नी गीता देवी, पुत्री सम्फुल कुमारी, शिवानी कुमारी, साक्षी कुमारी व पुत्र सत्यम भोगता समेत सभी परिजन शव को देख कर रोने लगे। शव को बाहर निकाल कर उपस्थित लोगों ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की। राजू पांच जनवरी को काम करने रक्सी गांव के काशीनाथ के साथ कर्नाटक गया था। एक माह में ही उसकी मौत की खबर घरवालों को मिली।Conclusion:पत्नी गीता शव से लिपट कर रोने लगी। मां रो-रोकर बेहोश हो रही थी। राजू का भाई विनोद अपनी मां को संभाल रहा था। पुत्री व पुत्र भी रो रहे थे। इधर, रक्सी गांव में काशीनाथ के घर के पास भी यही माहौल देखा गया। एंबुलेंस के गांव पहुंचते काशीनाथ की पत्नी, बच्चे व परिवार जोर-जोर से रोने लगे। शव को देखने के लिए काफी भीड़ पहले से ही जुटी हुई थी। दोनों शवों का अंतिम संस्कार परिजनों ने किया।

मोहम्मद अरबाज ईटीवी भारत चतरा
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