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चतरा: हिरण के शिकार मामले में बड़ी कार्रवाई, रिश्वतखोरी के आरोप में दो वनरक्षी निलंबित - deer hunting case of Chatra

वन विभाग को वनों और वन्य जीवों की सुरक्षा की जिम्मेवारी सौंपी गई है, लेकिन अगर जंगल के रक्षक ही उसके भक्षक बन जाएं तो स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. ऐसा ही एक मामला चतरा में प्रकाश में आया है, जहां वनकर्मियों ने न सिर्फ हिरण के शिकारियों को पैसे लेकर जंगल से ही छोड़ा, बल्कि उसके मांस को खुद ही गटक गए.

हिरण शिकार मामले में बड़ी कार्रवाई
Big action in deer hunting case in Chatra
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Published : Apr 24, 2020, 7:15 PM IST

Updated : May 1, 2020, 4:17 PM IST

चतरा: सिमरिया पूर्वी वन क्षेत्र में बीते मंगलवार को गांव के कुछ लोगों ने पानी की तलाश में भटक रहे हिरण को मार दिया. जब वनकर्मियों ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया तो वे उन्हें पैसे देकर छूट गए. इसके बाद वनकर्मियों ने मजे से उसके मांस को खाया.

देखें पूरी खबर

हिरण का शिकार

सिमरिया पूर्वी वन क्षेत्र में बीते मंगलवार को गांव के कुछ लोगों ने पानी की तलाश में भटक रहे हिरण को मार दिया था. मारने के बाद कान्हूखाप के दोमुहाना नदी किनारे तस्कर हिरण को काटकर उसका मांस निकालकर बेच रहे थे. इसी बीच ग्रामीणों की सूचना पर वन के वनपाल इंद्रदेव पांडेय, वनरक्षी अंकित कुमार और संजीव कुमार सिंह जंगल में पड़ताल के लिए पहुंचे और तस्करों को अपने कब्जे में लेकर सिमरिया वन क्षेत्र पदाधिकारी कार्यालय ले जाने लगे.

ये भी पढ़ें-धोनी के बड़े भाई गरीबों की मदद के लिए उतरे सड़क पर, कहा-मोदी जी के साथ हैं हम

पैसे लेकर तस्करों को छोड़ा

रास्ते में इनलोगों ने तस्करों से सांठगांठ कर पैसे लेकर उसे रास्ते में ही छोड़ दिया, साथ ही तस्करों से हिरण के मांस को लेकर अपने घर चले गए और मजे से सभी ने पकाकर उसे खाया. हिरण का मांस खरीदने पहुंचे लोगों से भी वनकर्मियों ने 22-22 हजार रुपये वसूल किए. इतना ही नहीं वनकर्मी मांस खरीदार के स्कूटी भी अपने साथ रिश्वत के एवज में लेकर चलते बने. इसी बीच मामले की जानकारी डीएफओ को मिल गई, जिसके बाद उन्होंने मामले की जांच रेंजर से कराते हुए जांचोपरांत सभी तीनों आरोपियों को हिरण का शिकार करने के आरोपियों को छोड़ने और रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया है.

दो वनरक्षियों प्रभाव से निलंबित

वनपाल इंद्रदेव पांडे पर कार्रवाई करने की अनुशंसा को लेकर वन विभाग के वरीय अधिकारी (सीएफ) को डीएफओ की ओर से पत्र लिखा गया है. डीएफओ ने बताया कि निलंबित किए गए कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी. डीएफओ ने इस बात के भी संकेत दिए है कि वनपाल इंद्रदेव पांडे पर भी विभागीय गाज गिरना लगभग तय है. हालांकि, मामला संज्ञान में आते ही डीएफओ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मामले में संलिप्त दो वनरक्षियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वहीं, वनपाल के विरुद्ध भी कार्रवाई की अनुशंसा कर दी है.

चतरा: सिमरिया पूर्वी वन क्षेत्र में बीते मंगलवार को गांव के कुछ लोगों ने पानी की तलाश में भटक रहे हिरण को मार दिया. जब वनकर्मियों ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया तो वे उन्हें पैसे देकर छूट गए. इसके बाद वनकर्मियों ने मजे से उसके मांस को खाया.

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हिरण का शिकार

सिमरिया पूर्वी वन क्षेत्र में बीते मंगलवार को गांव के कुछ लोगों ने पानी की तलाश में भटक रहे हिरण को मार दिया था. मारने के बाद कान्हूखाप के दोमुहाना नदी किनारे तस्कर हिरण को काटकर उसका मांस निकालकर बेच रहे थे. इसी बीच ग्रामीणों की सूचना पर वन के वनपाल इंद्रदेव पांडेय, वनरक्षी अंकित कुमार और संजीव कुमार सिंह जंगल में पड़ताल के लिए पहुंचे और तस्करों को अपने कब्जे में लेकर सिमरिया वन क्षेत्र पदाधिकारी कार्यालय ले जाने लगे.

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पैसे लेकर तस्करों को छोड़ा

रास्ते में इनलोगों ने तस्करों से सांठगांठ कर पैसे लेकर उसे रास्ते में ही छोड़ दिया, साथ ही तस्करों से हिरण के मांस को लेकर अपने घर चले गए और मजे से सभी ने पकाकर उसे खाया. हिरण का मांस खरीदने पहुंचे लोगों से भी वनकर्मियों ने 22-22 हजार रुपये वसूल किए. इतना ही नहीं वनकर्मी मांस खरीदार के स्कूटी भी अपने साथ रिश्वत के एवज में लेकर चलते बने. इसी बीच मामले की जानकारी डीएफओ को मिल गई, जिसके बाद उन्होंने मामले की जांच रेंजर से कराते हुए जांचोपरांत सभी तीनों आरोपियों को हिरण का शिकार करने के आरोपियों को छोड़ने और रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया है.

दो वनरक्षियों प्रभाव से निलंबित

वनपाल इंद्रदेव पांडे पर कार्रवाई करने की अनुशंसा को लेकर वन विभाग के वरीय अधिकारी (सीएफ) को डीएफओ की ओर से पत्र लिखा गया है. डीएफओ ने बताया कि निलंबित किए गए कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी. डीएफओ ने इस बात के भी संकेत दिए है कि वनपाल इंद्रदेव पांडे पर भी विभागीय गाज गिरना लगभग तय है. हालांकि, मामला संज्ञान में आते ही डीएफओ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मामले में संलिप्त दो वनरक्षियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वहीं, वनपाल के विरुद्ध भी कार्रवाई की अनुशंसा कर दी है.

Last Updated : May 1, 2020, 4:17 PM IST
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