रांची: सूबे की राजधानी रांची में 'मन की बात' कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के सामने स्टूडेंट्स ने अपनी-अपनी समस्याएं रखी. किसी ने आदिवासी हॉस्टल की समस्या उठाई तो कोई यह सवाल पूछ बैठा की सरकार युवाओं के लिए क्या सोच रही हैं?
एक स्टूडेंट ने तो यहां तक पूछ लिया कि राजनेता अपने बच्चों को सरकारी स्कूल क्यों नहीं भेजते? कार्यक्रम में शामिल एक स्टूडेंट शिवम ने पूछा कि आखिर सरकारी अस्पताल में पोस्टेड डॉक्टर अपने परिवार का इलाज उसी अस्पताल में क्यों नहीं कराते? शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में भूपेंद्र यादव समेत बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा और पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे. उस दौरान छात्रों ने सवालों की बौछार कर दी.
आधे घंटे के इस कार्यक्रम के दौरान भूपेंद्र यादव ने कहा कि देश के युवाओं को नेतृत्व को लेकर तय करना है. उन्होंने कहा कि किसके हाथ में देश की बागडोर जाए यह युवावर्ग को तय करना है. उन्होंने कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका 21वीं सदी में जन्म लिए बच्चों की होगी. जो 2019 में पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.
इस मौके पर उन्होंने राज्य सरकार की भी पीठ थपथपायी. उन्होंने कहा कि यह पहली सरकार है जिसने झारखंड में अब तक साढ़े चार साल का शासनकाल पूरा किया है. उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले को लेकर देश में राजनीति नहीं होनी चाहिए. निश्चय ही इस तरह की घटना से दुख होता है लेकिन यह देश हित के नजरिए से देखा जाना चाहिए. कार्यक्रम के बाद वहां मौजूद युवाओं ने अपने मन की बात पर्ची में लिखकर दिया, जिसे बीजेपी प्राथमिकता के आधार पर अपने इलेक्शन मैनिफेस्टो में उपयोग करेगी.