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जहरीली गैस के साए में स्कूल, बच्चों को पानी पीने के लिए भी जाना पड़ता है घर - झारखंड न्यूज

इस स्कूल में बच्चों को पीने के लिए पानी नहीं है. जिसको लेकर बच्चों को खाना खाने के बाद हाथ धोने के लिए घर जाना पड़ता. जिसकी कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की लेकिन अबतक इस ओर किसी भी कोई पहल नहीं की.

सरकारी स्कूल की स्थिति.
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Published : Mar 21, 2019, 7:34 AM IST

धनबाद: झरिया में कुजामा के सेंट्रल मध्य विद्यालय की हालात कितनी खराब है इसका अंदाजा आप इसी बात से लागा सकते हैं कि बच्चे वहां खाना तो खा लेते हैं, लेकिन पानी हाथ धोने और पानी पीने के लिए उन्हें घर जाना पड़ता है. यही नहीं, स्कूल कंपाउंड के अंदर भूमिगत आग के कारण जहरीली गैस का भी रिसाव होता है जिससे बच्चे परेशान हैं.

देखिए, ये स्पेशल रिपोर्ट.

झरिया नगर निगम के अंतर्गत इस विद्यालय में लगभग 15 वर्षों से पानी की समस्या बनी हुई है. खाना बनाने वाली महिलाएं बताती है कि रात के 12 बजे से पानी के लिए लाइन में लगना होता है. यही नहीं स्कूल में नहीं होने से खाना बनाने के बाद बच्चों को हाथ धोने और पानी पीने के लिए मजबूरी में घर जाना पड़ता है.

वहीं, यही नहीं स्कूल में शौचालय भी व्यवस्था नहीं है, शौच के लिए बच्चों को घर जाना पड़ता है जिससे पढ़ाई भी बाधित होती है. इधर, स्कूल की महिला टीचर का कहना है कि वह मजबूरी में बाहर या फिर अगल-बगल के घर में जाने को विवश हैं. उन्होंने बताया कि इससे उन्हें काफी शर्मिंदगी महसूस होती है.

जब इन सारी सम्सया को लेकर विद्यालय समिति के अध्यक्ष विजय भुइयां ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों के पास लिखित और मौखिक सभी तरह की शिकायतें की गई है. इसके बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

धनबाद: झरिया में कुजामा के सेंट्रल मध्य विद्यालय की हालात कितनी खराब है इसका अंदाजा आप इसी बात से लागा सकते हैं कि बच्चे वहां खाना तो खा लेते हैं, लेकिन पानी हाथ धोने और पानी पीने के लिए उन्हें घर जाना पड़ता है. यही नहीं, स्कूल कंपाउंड के अंदर भूमिगत आग के कारण जहरीली गैस का भी रिसाव होता है जिससे बच्चे परेशान हैं.

देखिए, ये स्पेशल रिपोर्ट.

झरिया नगर निगम के अंतर्गत इस विद्यालय में लगभग 15 वर्षों से पानी की समस्या बनी हुई है. खाना बनाने वाली महिलाएं बताती है कि रात के 12 बजे से पानी के लिए लाइन में लगना होता है. यही नहीं स्कूल में नहीं होने से खाना बनाने के बाद बच्चों को हाथ धोने और पानी पीने के लिए मजबूरी में घर जाना पड़ता है.

वहीं, यही नहीं स्कूल में शौचालय भी व्यवस्था नहीं है, शौच के लिए बच्चों को घर जाना पड़ता है जिससे पढ़ाई भी बाधित होती है. इधर, स्कूल की महिला टीचर का कहना है कि वह मजबूरी में बाहर या फिर अगल-बगल के घर में जाने को विवश हैं. उन्होंने बताया कि इससे उन्हें काफी शर्मिंदगी महसूस होती है.

जब इन सारी सम्सया को लेकर विद्यालय समिति के अध्यक्ष विजय भुइयां ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों के पास लिखित और मौखिक सभी तरह की शिकायतें की गई है. इसके बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

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