ETV Bharat / state

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को 15 अप्रैल से पहले रांची की अदालत में करना हो सरेंडर: SC

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को रांची की अदालत में करना होगा सरेंडर, वो भी 15 अप्रैल तक. सुप्रीम कोर्ट ने दिया है आदेश.

योगेंद्र साव(फाइल फोटो)
author img

By

Published : Apr 12, 2019, 6:41 PM IST

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को 15 अप्रैल से पहले रांची की अदालत में आत्मसमर्पण करने का शुक्रवार को निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने दंगा करने और हिंसा भड़काने के मामले में साव की जमानत रद्द किये जाने के बाद यह निर्देश दिया है.

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की पीठ ने कहा कि साव को सोमवार तक आत्मसमर्पण करना होगा. झारखंड सरकार की ओर से अधिवक्ता तपेश कुमार सिंह ने कहा कि साव रांची की संबंधित निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश के अनुपालन में मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड रांची भेजे जा चुके हैं. शीर्ष अदालत ने साव के उस आवेदन पर यह आदेश दिया जिसमें उन्होंने यह जानना चाहा था कि उन्हें किस जगह पर आत्मसमर्पण करना है.

इससे पहले, चार अप्रैल को न्यायालय ने यह कहते हुए साव की जमानत याचिका, रद्द कर दी थी. उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है. पूर्व मंत्री ने शीर्ष अदालत के समक्ष अर्जी देकर मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पक्ष में प्रचार की अनुमति मांगी थी.

न्यायालय ने साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी के खिलाफ चल रहे 18 मामले को झारखंड के हजारीबाग जिले से रांची स्थानांतरित कर दिये थे. झारखंड में 2013 में बनी हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली संप्रग सरकार में साव मंत्री बने थे. वह दंगा करने और हिंसा भड़काने के एक दर्जन से अधिक मामलों में आरोपी हैं.

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को 15 अप्रैल से पहले रांची की अदालत में आत्मसमर्पण करने का शुक्रवार को निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने दंगा करने और हिंसा भड़काने के मामले में साव की जमानत रद्द किये जाने के बाद यह निर्देश दिया है.

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की पीठ ने कहा कि साव को सोमवार तक आत्मसमर्पण करना होगा. झारखंड सरकार की ओर से अधिवक्ता तपेश कुमार सिंह ने कहा कि साव रांची की संबंधित निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश के अनुपालन में मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड रांची भेजे जा चुके हैं. शीर्ष अदालत ने साव के उस आवेदन पर यह आदेश दिया जिसमें उन्होंने यह जानना चाहा था कि उन्हें किस जगह पर आत्मसमर्पण करना है.

इससे पहले, चार अप्रैल को न्यायालय ने यह कहते हुए साव की जमानत याचिका, रद्द कर दी थी. उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है. पूर्व मंत्री ने शीर्ष अदालत के समक्ष अर्जी देकर मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पक्ष में प्रचार की अनुमति मांगी थी.

न्यायालय ने साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी के खिलाफ चल रहे 18 मामले को झारखंड के हजारीबाग जिले से रांची स्थानांतरित कर दिये थे. झारखंड में 2013 में बनी हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली संप्रग सरकार में साव मंत्री बने थे. वह दंगा करने और हिंसा भड़काने के एक दर्जन से अधिक मामलों में आरोपी हैं.

Print Print
पीटीआई-भाषा संवाददाता 14:2 HRS IST
  • झारखंड के पूर्व मंत्री 15 अप्रैल से पहले रांची की अदालत में समर्पण करें: न्यायालय

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को 15 अप्रैल से पहले रांची की एक अदालत में आत्मसमर्पण करने का शुक्रवार को निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने दंगा करने और हिंसा भड़काने के मामले में साव की जमानत रद्द किये जाने के बाद यह निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की पीठ ने कहा कि साव को सोमवार तक आत्मसमर्पण करना होगा।

झारखंड सरकार की ओर से अधिवक्ता तपेश कुमार सिंह ने कहा कि साव रांची की संबंधित निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश के अनुपालन में मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड रांची भेजे जा चुके हैं।

शीर्ष अदालत ने साव के उस आवेदन पर यह आदेश दिया जिसमे उन्होंने यह जानना चाहा था कि उन्हें किस जगह पर आत्मसमर्पण करना है।

इससे पहले, चार अप्रैल को न्यायालय ने यह कहते हुए साव की जमानत रद्द कर दी थी कि उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। पूर्व मंत्री ने शीर्ष अदालत के समक्ष अर्जी देकर मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पक्ष में प्रचार की अनुमति मांगी थी।

न्यायालय ने साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी के खिलाफ चल रहे 18 मामले को झारखंड के हजारीबाग जिले से रांची स्थानांतरित कर दिये थे। 

झारखंड में 2013 में बनी हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली संप्रग सरकार में साव मंत्री बने थे। वह दंगा करने और हिंसा भड़काने के एक दर्जन से अधिक मामलों में आरोपी हैं। 

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.