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परीक्षा प्रणाली में बदलाव का दिखा सकारात्मक असर, JAC के प्रयास से मैट्रिक रिजल्ट हुआ बेहतर - झारखंड समाचार

झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में कई सकारात्मक बदलाव किए थे. इसका असर परिणामों पर देखने को मिला और पहले से बेहतर रिजल्ट सामने आया है.

खुशी जाहिर करते छात्र
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Published : May 18, 2019, 12:27 PM IST

रांची: जैक द्वारा परीक्षा प्रणाली में बदलाव का असर इस बार मैट्रिक के रिजल्ट पर दिखा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इस वर्ष मैट्रिक के परीक्षा से लेकर कॉपी जांच तक की प्रक्रिया में बदलाव किया था. जैक द्वारा सीबीएसई के तर्ज पर इस वर्ष हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, साहित्य जैसे विषयों में इंटरनल असेसमेंट का प्रावधान किया था. इसका सकारात्मक असर मैट्रिक के रिजल्ट में देखने को मिला.

देखें पूरी खबर

इस बार जैक द्वारा मैट्रिक परीक्षा प्रणाली में कई बदलाव किए गए थे. जैक ने सीबीएसई की तर्ज पर हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत समेत अन्य भाषा विषय में इंटरनल असेसमेंट का प्रावधान किया था. इसके तहत 80 अंकों की लिखित परीक्षा जैक द्वारा ली गई थी, वहीं 20 अंकों का इंटरनल एसेसमेंट किया गया था. विद्यार्थियों के वर्षभर की उपस्थिति, मॉक टेस्ट, गतिविधियों के आधार पर उन्हें अंक दिया गया.

ये भी पढ़ें- अस्पताल में पानी के लिए मचा हहाकार, बूंद-बूंद को तरस रहे कर्मचारी और मरीज

इन विषयों में असेसमेंट होने के कारण पिछले वर्षों की तुलना में संस्कृत हिंदी अंग्रेजी समेत अन्य भाषा में विद्यार्थियों को अधिक अंक मिले हैं. कई विद्यार्थियों को तो इन विषयों में 100 में से 100 अंक मिले हैं. इससे पूर्व परीक्षार्थियों को इतना अंक नहीं मिलते थे. जानकार मानते हैं कि इस तरह के प्रयोग किए जाने पर इस बार रिजल्ट पर सकारात्मक असर पड़ा है. इसके साथ ही इस वर्ष कॉपी मूल्यांकन को लेकर जैक द्वारा किए गए प्रयास का भी रिजल्ट पर सकारात्मक असर देखने को मिला.वहीं, जैक द्वारा मॉडल प्रश्न पत्र भी जारी किया गया था. प्रति सप्ताह एक विषय का मॉक टेस्ट लिया जा रहा था. इसी का असर इस वर्ष इस मैट्रिक के रिजल्ट में देखने को मिला.

रांची: जैक द्वारा परीक्षा प्रणाली में बदलाव का असर इस बार मैट्रिक के रिजल्ट पर दिखा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इस वर्ष मैट्रिक के परीक्षा से लेकर कॉपी जांच तक की प्रक्रिया में बदलाव किया था. जैक द्वारा सीबीएसई के तर्ज पर इस वर्ष हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, साहित्य जैसे विषयों में इंटरनल असेसमेंट का प्रावधान किया था. इसका सकारात्मक असर मैट्रिक के रिजल्ट में देखने को मिला.

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इस बार जैक द्वारा मैट्रिक परीक्षा प्रणाली में कई बदलाव किए गए थे. जैक ने सीबीएसई की तर्ज पर हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत समेत अन्य भाषा विषय में इंटरनल असेसमेंट का प्रावधान किया था. इसके तहत 80 अंकों की लिखित परीक्षा जैक द्वारा ली गई थी, वहीं 20 अंकों का इंटरनल एसेसमेंट किया गया था. विद्यार्थियों के वर्षभर की उपस्थिति, मॉक टेस्ट, गतिविधियों के आधार पर उन्हें अंक दिया गया.

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इन विषयों में असेसमेंट होने के कारण पिछले वर्षों की तुलना में संस्कृत हिंदी अंग्रेजी समेत अन्य भाषा में विद्यार्थियों को अधिक अंक मिले हैं. कई विद्यार्थियों को तो इन विषयों में 100 में से 100 अंक मिले हैं. इससे पूर्व परीक्षार्थियों को इतना अंक नहीं मिलते थे. जानकार मानते हैं कि इस तरह के प्रयोग किए जाने पर इस बार रिजल्ट पर सकारात्मक असर पड़ा है. इसके साथ ही इस वर्ष कॉपी मूल्यांकन को लेकर जैक द्वारा किए गए प्रयास का भी रिजल्ट पर सकारात्मक असर देखने को मिला.वहीं, जैक द्वारा मॉडल प्रश्न पत्र भी जारी किया गया था. प्रति सप्ताह एक विषय का मॉक टेस्ट लिया जा रहा था. इसी का असर इस वर्ष इस मैट्रिक के रिजल्ट में देखने को मिला.

Intro:रेडी टू एयर...

रांची.

जैक द्वारा परीक्षा प्रणाली में बदलाव का असर इस बार मैट्रिक के रिजल्ट पर दिखा झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इस वर्ष मैट्रिक के परीक्षा से लेकर कॉपी जांच तक की प्रक्रिया में बदलाव किया था जैक द्वारा सीबीएसई के तर्ज पर इस वर्ष हिंदी अंग्रेजी संस्कृत साहित्य भाषा विषय में इंटरनल असेसमेंट का प्रावधान किया था और इसका सकारात्मक असर मैट्रिक के रिजल्ट में देखने को मिला


Body:गौरतलब है कि इस बार जैक द्वारा मैट्रिक परीक्षा प्रणाली में कई बदलाव किए गए थे ,जैक ने सीबीएसई की तर्ज पर इस वर्ष हिंदी, अंग्रेजी ,संस्कृत समेत अन्य भाषा विषय में इंटरनल असेसमेंट का प्रावधान किया था .इसके तहत 80 अंकों की लिखित परीक्षा जैक द्वारा ली गई थी वहीं 20 अंकों का इंटरनल एसेसमेंट किया गया था. विद्यार्थियों के वर्षभर की उपस्थिति, मॉक टेस्ट ,गतिविधियों के आधार पर उन्हें अंक दिया गया , इन विषयों में असेसमेंट होने के कारण पिछले वर्षों की तुलना में संस्कृत हिंदी अंग्रेजी समेत अन्य भाषा में विद्यार्थियों को अधिक अंक मिले हैं. कई विद्यार्थियों को तो इन विषयों में 100 में से 100 अंक मिले हैं . इससे पूर्व परीक्षार्थियों को इतना अंक नहीं मिलता था. जानकार मानते हैं कि इस तरह के प्रयोग किए जाने पर इस बार रिजल्ट पर सकारात्मक असर पड़ा है. इसके साथ ही इस वर्ष कॉपी मूल्यांकन को लेकर जैक द्वारा किए गए प्रयास का भी रिजल्ट पर सकारात्मक असर देखने को मिला. वहीं जैक द्वारा मॉडल प्रश्न पत्र भी जारी किया गया था प्रति सप्ताह एक विषय का मॉक टेस्ट लिया जा रहा था और इसी का असर इस वर्ष इस मैट्रिक के रिजल्ट में देखने को मिला।


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