चंदनकियारी, बोकारो: मानपुर गांव में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इस समस्या के समाधान की दिशा में संबंधित विभाग आदर्श आचार संहिता के बहाने हाथ खड़ा कर चुकी है. पंचायत की सरकार भी इन खराब पड़े चापाकलों की मरम्मती पर कोई ध्यान नहीं दे रही.
मानपुर गांव में लगभग दो हजार की आबादी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है. मानपुरवासियों का कहना है कि गांव में सरकारी मद द्वारा कुल सोलह चापाकल लगाए गए हैं. जिसमें कई पूर्ण रूप से बेकार हो चुके हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सिर्फ दो चापाकल से ही पानी निकलता है. जिससे पूरा गांव अपनी प्यास बुझाने को विवश है. ज्यादातर लोग गांव से दो किमी दूरी पर स्थित इजरी नदी में चुआं खोदकर साइकिल और बाइक से ढोकर पानी लाने को विवश हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि जमीन के नीचे कोलियरी का सुरंग है. जिसके कारण गांव में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. यहां जलसंकट काफी पुरानी समस्या है. लेकिन आज तक इसके समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं हुई है.