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बोकारोः मानपुर में बूंद-बूंद पानी को तरसते लोग, दो चापानल के भरोसे हजारों जिंदगी

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Published : Apr 30, 2019, 3:15 PM IST

चंदनकियारी में लोग पानी की समस्या से परेशान है. इस गांव में सरकार द्वारा लगाए गए 16 चापाकलों में से मात्र दो चापाकल से पानी आता है. जिससे पर गांव के दो हजार की आबादी निर्भर है.

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे लोग

चंदनकियारी, बोकारो: मानपुर गांव में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इस समस्या के समाधान की दिशा में संबंधित विभाग आदर्श आचार संहिता के बहाने हाथ खड़ा कर चुकी है. पंचायत की सरकार भी इन खराब पड़े चापाकलों की मरम्मती पर कोई ध्यान नहीं दे रही.

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे लोग

मानपुर गांव में लगभग दो हजार की आबादी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है. मानपुरवासियों का कहना है कि गांव में सरकारी मद द्वारा कुल सोलह चापाकल लगाए गए हैं. जिसमें कई पूर्ण रूप से बेकार हो चुके हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सिर्फ दो चापाकल से ही पानी निकलता है. जिससे पूरा गांव अपनी प्यास बुझाने को विवश है. ज्यादातर लोग गांव से दो किमी दूरी पर स्थित इजरी नदी में चुआं खोदकर साइकिल और बाइक से ढोकर पानी लाने को विवश हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि जमीन के नीचे कोलियरी का सुरंग है. जिसके कारण गांव में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. यहां जलसंकट काफी पुरानी समस्या है. लेकिन आज तक इसके समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं हुई है.

चंदनकियारी, बोकारो: मानपुर गांव में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इस समस्या के समाधान की दिशा में संबंधित विभाग आदर्श आचार संहिता के बहाने हाथ खड़ा कर चुकी है. पंचायत की सरकार भी इन खराब पड़े चापाकलों की मरम्मती पर कोई ध्यान नहीं दे रही.

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे लोग

मानपुर गांव में लगभग दो हजार की आबादी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है. मानपुरवासियों का कहना है कि गांव में सरकारी मद द्वारा कुल सोलह चापाकल लगाए गए हैं. जिसमें कई पूर्ण रूप से बेकार हो चुके हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सिर्फ दो चापाकल से ही पानी निकलता है. जिससे पूरा गांव अपनी प्यास बुझाने को विवश है. ज्यादातर लोग गांव से दो किमी दूरी पर स्थित इजरी नदी में चुआं खोदकर साइकिल और बाइक से ढोकर पानी लाने को विवश हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि जमीन के नीचे कोलियरी का सुरंग है. जिसके कारण गांव में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. यहां जलसंकट काफी पुरानी समस्या है. लेकिन आज तक इसके समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं हुई है.

Intro:मानपुर समेत आधा दर्जन गांवों में पानी के लिए हाहाकारBody:चंदनकियारी/लोकसभा चुनाव के पारा चढ़ने के साथ ही चंदनकियारी के शिवबाबुडीह पंचायत के मानपुर गावँ में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। वहीं इसके समाधान की दिशा में सम्बंधित विभाग आदर्श आचार संहिता के बहाने हाथ खड़ा कर चुके हैं तो पंचायत की सरकार भी इन खराब पड़े चापाकलों की मरम्मती की दिशा में पहल करते नजर नही आ रही है। फलस्वरूप मानपुर गावँ की लगभग दो हजार की आबादी बूंद बूंद पानी के लिए तरस रही है। मानपुर निवासी विभूति पांडे , तारापदों ओझा , अमर धामी , अरुण ठाकुर , भूलन ठाकुर , रंजीत ठाकुर , जयदेव ठाकुर , राकेश मिश्रा , त्रिलोचन ठाकुर , लखन ओझा , साधन धामी , महाबीर महथा ,बुगा प्रमाणिक , दिलीप बाउरी , बलाई बाउरी , मानिक गोराई , हरेन गोराई आदि ने बताया कि गांव में विभिन्न सरकारी मदों द्वारा निर्मित कुल सोलह चापाकल स्थित है। जिसमे कई पूर्ण रूप से बेकार हो चुकी है तो कई के जलस्तर कम होने से लम्बी पाइप लगवाने के अभाव में बंद पड़ी हुई है। जिनमे से सिर्फ दो चापाकल में पानी निकलता है। जिसपर पूरा गांव अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं। ज्यादातर लोग गावँ से दो किमी दूरी पर स्थित इजरी नदी में चुआं खोदकर साइकिल व बाइक से ढोकर पानी लाने को विवश हैं।
इन गांव में प्रतिवर्ष होती भयंकर जलसंकट -- लोगों ने कहा कि यहां देश के आजादी के पूर्व और कोलियरी के राष्ट्रीयकरण से पहले बगल स्थित सितनाला व गौरीग्राम में निजी कोलियरी कार्यरत थी। जिसमे इंक्लाइन के द्वारा कोयला उत्पादन होता था। ऐसे में इन कोलियरी के बन्द होने के बाद भी जमीन के नीचे आज भी सुरंग अवस्थित है। जिस कारण यहां कुआं में पानी नही रहता। तालाब का पानी भी बरसात समाप्ति के साथ ही सुख जाते हैं। ऐसे में मानपुर के अलावे सितानाल , गौरीग्राम , शिवबाबुडीह , चिटलाही , पुटकामुडु , झरना व गुंडलिभिठा आदि दर्जनभर गांव के हजारों परिवार दामोदर या इजरी नदी पर आश्रित है। जहां स्वच्छ पेयजल नही मिलने पर भी मजबूरन इसका उपयोग करने को विवश हैं।Conclusion:ग्रामीण कहते हैं कि जमीन के नीचे कोलियरी का सुरंग होने के कारण इन गांव में जलस्तर काफी नीचे चला गया है। जिससे यहां जलसंकट काफी पुरानी समस्या है परन्तु आज तक इसके समाधान की दिशा में कोई पहल नही हुई।
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