धनबाद: अबतक आपने सड़कों पर बाइक सवारों को हेलमेट लगाते हुए देखा होगा. लेकिन क्या घर में रह रहे लोगों को आपने हेलमेट लगाते हुए कभी देखा है. अगर नहीं तो आइए आपको दिखाते हैं कोयलांचल का एक ऐसा इलाका, जहां लोग अपने घरों में ही हेलमेट लगाने को मजबूर हैं. आखिर क्या है इन लोगों के हेलमेट लगाने की मजबूरी. देखिए इस खास रिपोर्ट में.
जरा गौर से देखिए इन तस्वीरों को. हेलमेट लगाकर ये लोग सड़क पर बाइक की सवारी नहीं कर रहे. बल्कि ये आसमान से गिरने वाली मौत से अपनी हिफाजत कर रहे हैं. दरअसल, झरिया के कोयरीबान्ध इलाके में हैवी ब्लास्टिंग से घरों की दीवारों पर दरारें पड़ गई हैं. जिससे कभी भी छत गिरने की आशंका बना हुई है. स्थानीय निवासी साधन कुमार का कहना है कि बीसीसीएल की आउटसोर्सिंग कंपनी की ब्लास्टिंग ऐसी होती है कि मानो भूकंप आ गया हो. ब्लास्टिंग के दौरान छत का टुकड़ा सिर पर सीधे न गिरे. इसलिए हेलमेट लगाने को मजबूर हैं.
छठवीं क्लास की छात्रा संचिता का कहना है कि हैवी ब्लास्टिंग के दौरान घर की छत का टुकड़ा पहले भी गिर चुका है. इसमें भाई, पापा और मैं चपेट में आ गए थे. हालांकि घटना में मुझे और पापा को मामूली चोटें आई. लेकिन भाई बुरी तरह जख्मी हो गया, जिसका इलाज रांची के एक निजी अस्पताल में चल रहा है. परिवार की महिला का कहना है कि काम करने के दौरान सेफ्टी के लिए हेलमेट लगाते हैं. लेकिन रात में सोते वक्त बहुत डर लगता है. क्योंकि सोते वक्त हेलमेट नहीं लगा सकते.
आउटसोर्सिंग कंपनी की हैवी ब्लास्टिंग में कोयरीबांघ के कई घरों में दरारें आ चुकी हैं. स्थानीय लोगों ने बीसीसीएल अधिकारियों से कई बार इसको लेकर शिकायत की. लेकिन अधिकारी इनकी सुध नहीं ले रहे हैं. नतीजतन अब लोगों ने सरकार और बीसीसीएल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करके लोग हैवी ब्लास्टिंग को बन्द करने की मांग कर रहें हैं.