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पुलिसिया 'एक्शन' से नक्सली संगठन में 'खलबली', अब नजर में 31 बड़े नाम - रांची न्यूज

झारखंड के 5 जिलों में आतंक का पर्याय बन चुके नक्सली संगठन पीएलएफआई पुलिसिया कार्रवाई के कारण बैकफुट पर है. पिछले दो महीने में इस संगठन के दस नक्सली एनकाउंटर में मारे गए हैं. वहीं, दस लाख के इनामी संतोष यादव सहित एक दर्जन से अधिक नक्सली गिरफ्तार कर लिए गए हैं.

बैकफुट पर पीएलएफआई.
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Published : Feb 28, 2019, 6:27 PM IST


रांची: झारखंड के 5 जिलों में आतंक का पर्याय बन चुके नक्सली संगठन पीएलएफआई पुलिसिया कार्रवाई के कारण बैकफुट पर है. पिछले दो महीने में इस संगठन के दस नक्सली एनकाउंटर में मारे गए हैं. वहीं, दस लाख के इनामी संतोष यादव सहित एक दर्जन से अधिक नक्सली गिरफ्तार कर लिए गए हैं.

पुलिस की इस तरह की कार्रवाई से संगठन में खलबली मची हुई है, उनके पास भी अब कम विकल्प ही नजर आ रहे हैं. वहीं, पुलिस इस संगठन को पूरी तरह से खत्म करने के लिए लगातार रणनीति तैयार करने में जुटी है.

बैकफुट पर पीएलएफआई.

29 जनवरी से अब तक दस नक्सली एनकाउंटर में मारे गए
29 जनवरी 2019 को खूंटी-चाईबासा बॉर्डर के पास पुलिस ने एनकाउंटर में पीएलएफआई के पांच नक्सलियों को मार गिराया था.14 फरवरी को खूंटी के रनिया में पीएलएफआई का एक नक्सली मुठभेड़ में मारा गया. 24 फरवरी को गुमला में हुए एनकाउंटर में तीन नक्सली मारे गए. वहीं, 27 फरवरी को रामगढ़ में कुख्यात बाजी राव भी इनकाउंटर में मारा गया.


इनामी गुज्जु गोप, प्रभु सहाय बोदरा भी मारे गए
29 जनवरी को खूंटी में हुए मुठभेड़ में 2 लाख के इनामी प्रभु सहाय बोदरा सहित पांच नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया. वहीं, पुलिस ने 24 फरवरी को पीएलएफआई को बहुत बड़ा झटका देते हुए संगठन में दूसरे नम्बर के 10 लाख के इनामी गुज्जु गोप सहित तीन को मार गिराया. इसके अलावा 10 लाख के एक और इनामी संतोष यादव मुठभेड़ में घायल होने के बाद रांची भाग आया था उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया.

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संगठन में बचे मात्र 31 इनामी नक्सली
पिछले 15 सालों झारखंड के रांची, खूंटी ,पश्चिमी सिंहभूम सिमडेगा और गुमला में आतंक का दूसरा नाम बने नक्सली संगठन पीएलएफआई के संगठन में अब मात्र 31 इनामी नक्सली ही बच गए हैं. संगठन के प्रमुख दिनेश गोप के ऊपर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित है. इसके अलावा मार्टिन पर 15 लाख, जिदन गुड़िया पर 15 लाख और तिलकेस्वर गोप पर 10 लाख का इनाम है. बाकी बचे 29 पीएलएफआई नक्सलियों के ऊपर एक लाख से लेकर दो लाख तक के ही इनाम घोषित है.


जारी रहेगी कार्रवाई- डीआईजी
सिर्फ रांची रेंज में ही इस साल 9 पीएलएफआई के नक्सली पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं. इसके अलावा लगभग एक दर्जन से अधिक नक्सलियों को पुलिस ने सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. हालांकि पुलिस अभी भी पीएलएफआई नक्सलियों के पीछे हाथ धोकर पड़ी हुई है. रांची रेंज के डीआईजी अमोल वेणुकान्त होमकर ने साफ-साफ कहा है और पीएलएफआई के नक्सलियों को आगाह भी किया है कि वे सरेंडर कर दे वरना उन्हें उनके बिल से खोज खोज कर मारा जाएगा.

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रांची: झारखंड के 5 जिलों में आतंक का पर्याय बन चुके नक्सली संगठन पीएलएफआई पुलिसिया कार्रवाई के कारण बैकफुट पर है. पिछले दो महीने में इस संगठन के दस नक्सली एनकाउंटर में मारे गए हैं. वहीं, दस लाख के इनामी संतोष यादव सहित एक दर्जन से अधिक नक्सली गिरफ्तार कर लिए गए हैं.

पुलिस की इस तरह की कार्रवाई से संगठन में खलबली मची हुई है, उनके पास भी अब कम विकल्प ही नजर आ रहे हैं. वहीं, पुलिस इस संगठन को पूरी तरह से खत्म करने के लिए लगातार रणनीति तैयार करने में जुटी है.

बैकफुट पर पीएलएफआई.

29 जनवरी से अब तक दस नक्सली एनकाउंटर में मारे गए
29 जनवरी 2019 को खूंटी-चाईबासा बॉर्डर के पास पुलिस ने एनकाउंटर में पीएलएफआई के पांच नक्सलियों को मार गिराया था.14 फरवरी को खूंटी के रनिया में पीएलएफआई का एक नक्सली मुठभेड़ में मारा गया. 24 फरवरी को गुमला में हुए एनकाउंटर में तीन नक्सली मारे गए. वहीं, 27 फरवरी को रामगढ़ में कुख्यात बाजी राव भी इनकाउंटर में मारा गया.


इनामी गुज्जु गोप, प्रभु सहाय बोदरा भी मारे गए
29 जनवरी को खूंटी में हुए मुठभेड़ में 2 लाख के इनामी प्रभु सहाय बोदरा सहित पांच नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया. वहीं, पुलिस ने 24 फरवरी को पीएलएफआई को बहुत बड़ा झटका देते हुए संगठन में दूसरे नम्बर के 10 लाख के इनामी गुज्जु गोप सहित तीन को मार गिराया. इसके अलावा 10 लाख के एक और इनामी संतोष यादव मुठभेड़ में घायल होने के बाद रांची भाग आया था उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया.

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संगठन में बचे मात्र 31 इनामी नक्सली
पिछले 15 सालों झारखंड के रांची, खूंटी ,पश्चिमी सिंहभूम सिमडेगा और गुमला में आतंक का दूसरा नाम बने नक्सली संगठन पीएलएफआई के संगठन में अब मात्र 31 इनामी नक्सली ही बच गए हैं. संगठन के प्रमुख दिनेश गोप के ऊपर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित है. इसके अलावा मार्टिन पर 15 लाख, जिदन गुड़िया पर 15 लाख और तिलकेस्वर गोप पर 10 लाख का इनाम है. बाकी बचे 29 पीएलएफआई नक्सलियों के ऊपर एक लाख से लेकर दो लाख तक के ही इनाम घोषित है.


जारी रहेगी कार्रवाई- डीआईजी
सिर्फ रांची रेंज में ही इस साल 9 पीएलएफआई के नक्सली पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं. इसके अलावा लगभग एक दर्जन से अधिक नक्सलियों को पुलिस ने सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. हालांकि पुलिस अभी भी पीएलएफआई नक्सलियों के पीछे हाथ धोकर पड़ी हुई है. रांची रेंज के डीआईजी अमोल वेणुकान्त होमकर ने साफ-साफ कहा है और पीएलएफआई के नक्सलियों को आगाह भी किया है कि वे सरेंडर कर दे वरना उन्हें उनके बिल से खोज खोज कर मारा जाएगा.

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झारखंड के 5 जिलों में आतंक का पर्याय बने नक्सली संगठन पीएलआई पुलिसिया कार्रवाई की वजह से बैकफुट पर है ।पिछले दो महीने में इस संगठन के दस नक्सली एनकाउंटर में मारे गए हैं वहीं दस लाख के इनामी संतोष यादव सहित एक दर्जन से अधिक नक्सली गिरफ्तार कर लिए गए हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से संगठन में खलबली मची हुई है वहीं पुलिस इस संगठन को पूरी तरह से खत्म करने के लिए लगातार अभियान को लेकर रणनीति तैयार करने में लगी हुई है।

29 जनवरी से अब तक दस नक्सली इनकाउंटर में मारे गए

29 जनवरी 2019 को खूंटी - चाईबासा बॉर्डर के पास पुलिस ने एनकाउंटर में पीएलएफआई के पांच नक्सलियों को मार गिराया था। 14 फरवरी को खूंटी के रनिया में पीएलएफआई का एक नक्सली मुठभेड़ में मारा गया। 24 फरवरी को गुमला में हुए इनकाउंटर में तीन नक्सली मारे गए। वही 27 फरवरी को रामगढ़ में कुख्यात बाजी राव भी इनकाउंटर में मारा गया।

इनामी गुज्जु गोप ,प्रभु सहाय बोदरा भी मारे गए

29 जनवरी को खूंटी में हुए मुठभेड़ में 2 लाख के इनामी प्रभु सहाय बोदरा सहित पांच नक्सलियो को पुलिस ने मार गिराया, वही पुलिस ने 24 फरवरी को पीएलएफआई को बहुत बड़ा झटका देते हुए संगठन में दूसरे नम्बर 10 लाख के इनामी गुज्जु गोप सहित तीन को मार गिराया,वही 10 लाख के एक और इनामी संतोष यादव जो मुठभेड़ में घायल होने के बाद रांची भाग आया था उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। गुज्जू गोप ने सिमडेगा में थाना प्रभारी विद्यापति सिंह की धोखे से हत्या कर दी थी।तब से वह पुलिस का दुश्मन नम्बर एक बना हुआ था।

संगठन में बचे मात्र 31 इनामी नक्सली

पिछले 15 सालों झारखंड के रांची, खूंटी ,पश्चिमी सिंहभूम सिमडेगा और गुमला में आतंक का दूसरा नाम बने नक्सली संगठन पीएलएफआई के संगठन में अब मात्र 31 इनामी नक्सली ही बच गए है। संगठन के प्रमुख दिनेश गोप के ऊपर 25 लाख रुपए के इनाम घोषित है ।इसके अलावा मार्टिन पर 15 लाख ,जिदन गुड़िया पर 15 लाख और तिलकेस्वर गोप पर 10 लाख का इनाम है। बाकी बचे 29 पीएलएफआई नक्सलियों के ऊपर एक लाख से लेकर दो लाख तक के ही नाम घोषित है।

कार्रवाई जारी रहेगी - डीआईजी

सिर्फ रांची रेंज में ही इस साल 9 पीएलएफआई के नक्सली पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं। इसके अलावा लगभग 1 दर्जन से अधिक नक्सलियों को पुलिस ने सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। हालांकि पुलिस अभी भी पीएलएफआई नक्सलियों के पीछे हाथ धोकर पड़ी हुई है। रांची रेंज के डीआईजी अमोल वेणुकान्त होमकर ने साफ-साफ कहा है और पीएलएफआई के नक्सलियों को आगाह भी किया है कि वे सरेंडर कर दे वरना उन्हें उनके बिल से खोज खोज कर मारा जाएगा।


बाईट - अमोल वेणुकान्त होमकर , डीआईजी , रांची रेंज।




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