ETV Bharat / state

रांची के बालाश्रय में मासूमों से होता था कुकर्म,  केस दर्ज होने के बाद कार्रवाई में जुटी पुलिस

राजधानी के हेहल स्थित बालाश्रय में छोटे-छोटे मासूम बच्चों के साथ यौनाचार किए जाने का मामला सामने आया है. यौनाचार से परेशान बच्चों ने जब मामले का विरोध किया तो मैनेजमेंट के द्वारा उनकी ग्रुप काउंसलिंग की गई. उसी काउंसलिंग में यह खुलासा हुआ है कि आश्रम के सीनियर छात्रों के द्वारा ही उनके साथ गलत काम किया जाता था.

फाइल फोटो
author img

By

Published : Feb 13, 2019, 11:16 AM IST

रांची: राजधानी के हेहल स्थित बालाश्रय में छोटे-छोटे मासूम बच्चों के साथ यौनाचार किए जाने का मामला सामने आया है. यौनाचार से परेशान बच्चों ने जब मामले का विरोध किया तो मैनेजमेंट के द्वारा उनकी ग्रुप काउंसलिंग की गई. उसी काउंसलिंग में यह खुलासा हुआ है कि आश्रम के सीनियर छात्रों के द्वारा ही उनके साथ गलत काम किया जाता था.

misdeed with childrens in shelter home
फाइल फोटो
undefined


इस मामले में रांची पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. पुलिस ने रांची के पंडरा ओपी में अप्राकृतिक यौनाचार और पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है. बच्चों के ग्रुप काउंसलिंग में जो बात सामने आई है उसके अनुसार आश्रम के चार नाबालिगों के द्वारा ही छोटे बच्चों के साथ गलत काम किया जाता था. विरोध करने पर या वार्डन को जानकारी देने की बात करने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी.


काउंसलिंग में बात आई सामने
काउंसलिंग में बच्चों ने बताया है कि रात के समय कंबल के अंदर आरोपी आश्रम के बच्चों के साथ गलत काम करते थे. सुबह प्रार्थना के बाद ऊपर के कमरे में जाने पर, खाने के बाद दोपहर के समय भी गलत हरकत किया जाता था. आरोपी ने गलत काम करने के लिए कई बच्चों के पॉकेट तक फाड़ रखे थे. चिल्लाने पर उनका मुंह दबा देते थे.

undefined


दो आरोपियों को भेजा गया घर
सीडब्ल्यूसी के निर्देश पर अप्राकृतिक यौनाचार करने वाले दो बच्चों को घर भेज दिया गया है. सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष के अनुसार घर भेजने के पीछे तर्क यह कि उनके घर में स्थिति की सुधार हो सके. अन्य दो बच्चों के घर की भी तलाश चल रही है. हालांकि, पुलिस अपनी जांच के बाद सीडब्ल्यूसी से सहमति लेकर चारों आरोपियों को बाल सुधार गृह भेजने की कार्रवाई कर सकती है.


10 से 18 साल के बच्चे रहते हैं यहां
रांची के बालाश्रय में 10 से 18 वर्ष की उम्र वाले बच्चों को रखा जाता है. वैसे बच्चे को यहां रखने का प्रावधान है जिन्हें सुरक्षा और जरूरत हो. सीडब्ल्यूसी के निर्देश पर ही बच्चों को यहां रखा जाता है. यह संस्था झारखंड महिला समाख्या सोसाइटी की ओर से संचालित किया जा रहा है.


इस मामले को लेकर रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि मामले में पीड़िता और आरोपी दोनों ही नाबालिग है. ऐसे में सीडब्ल्यूसी के निर्देश मिलने पर जैसे बोर्ड के समक्ष आरोपियों को प्रस्तुत किया जाएगा. जेजे एक्ट को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी.

undefined

रांची: राजधानी के हेहल स्थित बालाश्रय में छोटे-छोटे मासूम बच्चों के साथ यौनाचार किए जाने का मामला सामने आया है. यौनाचार से परेशान बच्चों ने जब मामले का विरोध किया तो मैनेजमेंट के द्वारा उनकी ग्रुप काउंसलिंग की गई. उसी काउंसलिंग में यह खुलासा हुआ है कि आश्रम के सीनियर छात्रों के द्वारा ही उनके साथ गलत काम किया जाता था.

misdeed with childrens in shelter home
फाइल फोटो
undefined


इस मामले में रांची पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. पुलिस ने रांची के पंडरा ओपी में अप्राकृतिक यौनाचार और पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है. बच्चों के ग्रुप काउंसलिंग में जो बात सामने आई है उसके अनुसार आश्रम के चार नाबालिगों के द्वारा ही छोटे बच्चों के साथ गलत काम किया जाता था. विरोध करने पर या वार्डन को जानकारी देने की बात करने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी.


काउंसलिंग में बात आई सामने
काउंसलिंग में बच्चों ने बताया है कि रात के समय कंबल के अंदर आरोपी आश्रम के बच्चों के साथ गलत काम करते थे. सुबह प्रार्थना के बाद ऊपर के कमरे में जाने पर, खाने के बाद दोपहर के समय भी गलत हरकत किया जाता था. आरोपी ने गलत काम करने के लिए कई बच्चों के पॉकेट तक फाड़ रखे थे. चिल्लाने पर उनका मुंह दबा देते थे.

undefined


दो आरोपियों को भेजा गया घर
सीडब्ल्यूसी के निर्देश पर अप्राकृतिक यौनाचार करने वाले दो बच्चों को घर भेज दिया गया है. सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष के अनुसार घर भेजने के पीछे तर्क यह कि उनके घर में स्थिति की सुधार हो सके. अन्य दो बच्चों के घर की भी तलाश चल रही है. हालांकि, पुलिस अपनी जांच के बाद सीडब्ल्यूसी से सहमति लेकर चारों आरोपियों को बाल सुधार गृह भेजने की कार्रवाई कर सकती है.


10 से 18 साल के बच्चे रहते हैं यहां
रांची के बालाश्रय में 10 से 18 वर्ष की उम्र वाले बच्चों को रखा जाता है. वैसे बच्चे को यहां रखने का प्रावधान है जिन्हें सुरक्षा और जरूरत हो. सीडब्ल्यूसी के निर्देश पर ही बच्चों को यहां रखा जाता है. यह संस्था झारखंड महिला समाख्या सोसाइटी की ओर से संचालित किया जा रहा है.


इस मामले को लेकर रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि मामले में पीड़िता और आरोपी दोनों ही नाबालिग है. ऐसे में सीडब्ल्यूसी के निर्देश मिलने पर जैसे बोर्ड के समक्ष आरोपियों को प्रस्तुत किया जाएगा. जेजे एक्ट को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी.

undefined
Intro:राजधानी रांची में दुष्कर्म पीड़ितों के बच्चों को बेचने की घटना बाद एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। रांची के हेहल स्थित बालाश्रय में छोटे-छोटे मासूम बच्चों के साथ यौनाचार किए जाने का मामला सामने आया है। यौनाचार से परेशान बच्चों ने जब मामले का विरोध किया तो मैनेजमेंट के द्वारा उनकी ग्रुप काउंसलिंग की गई उसी काउंसलिंग में यह खुलासा हुआ कि आश्रम के सीनियर छात्रों के द्वारा ही उनके साथ गलत काम किया जाता था।

पुलिसिया कार्रवाई शुरू

मामला सामने आते ही रांची पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है ।पुलिस ने रांची के पंडरा ओपी में अप्राकृतिक यौनाचार और पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। बच्चों के ग्रुप काउंसलिंग में जो बात सामने आई है उसके अनुसार आश्रम के चार नाबालिगों के द्वारा ही छोटे बच्चों के साथ गलत कार्य किया जाता था। विरोध करने पर या वार्डन को जानकारी देने की बात करने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी। कुछ बच्चों ने हिम्मत दिखाकर इस मामले की शिकायत वार्डन से की जिसके बाद मैनेजमेंट ने सभी बच्चों की काउंसलिंग करवाई । इसके बाद सभी बच्चों ने चार नाबालिगों के द्वारा उनके साथ यौनाचार करने की बात बताई।

कंबल में गलत काम

काउंसलिंग में बच्चों ने बताया है कि रात के समय कंबल के भीतर आरोपी बच्चे आश्रम के बच्चों के साथ गलत काम करते थे। सुबह प्रार्थना के बाद ऊपर के कमरे में जाने पर ,खाने के बाद दोपहर के समय भी गलत हरकत किया जाता था ।आरोपी बच्चों ने गलत काम करने के लिए कई बच्चों के पॉकेट तक फाड़ रखे थे चिल्लाने पर उनका मुंह दबा देते थे।

दो आरोपियों को भेजा गया घर

सीडब्ल्यूसी के निर्देश पर अप्राकृतिक यौनाचार करने वाले दो बच्चों को घर भेज दिया गया है ।सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष के अनुसार घर भेजने के पीछे तर्क यह कि उनके घर में स्थिति की सुधार हो सके। जे जे एक्ट में सजा देना नहीं है ,बल्कि सुधार जरूरी है। अन्य दो बच्चों के घर की भी तलाश चल रही है ।हालांकि पुलिस अपनी जांच के बाद सीडब्ल्यूसी से सहमति लेकर चारों आरोपियों को बाल सुधार गृह भेजने की कार्रवाई कर सकती है।

10 से 18 वर्ष के बच्चे रहते है

रांची के बालाश्रय में 10 से 18 वर्ष की उम्र वाले बच्चों को रखा जाता है। वैसे बच्चे को यहां रखने का प्रावधान है जिन्हें सुरक्षा और जरूरत हो। सीडब्ल्यूसी के निर्देश पर ही बच्चों को रखा जाता है ।यह संस्था झारखंड महिला समाख्या सोसाइटी की ओर से संचालित किया जा रहा है।

वही इस मामले को लेकर रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि चुकी इस मामले में पीड़िता और आरोपी दोनों ही नाबालिग है। ऐसे में सीडब्ल्यूसी के निर्देश मिलने पर जैसे बोर्ड के समक्ष आरोपियों को प्रस्तुत किया जाएगा। जे जे एक्ट को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी।


Body:ग


Conclusion:ग
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.