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भूख से कथित मौत का जायजा लेने पहुंचे मंत्री, कहा- दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई - लातेहार

लातेहार में भूख से कथित मौत पर मंत्री सरयू राय बेहद गंभीर है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इसमें जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

मौत के बाद घर में पसरा मातम
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Published : Jun 8, 2019, 1:03 PM IST

रांची: प्रदेश के लातेहार जिले में 65 साल के एक वृद्ध की भूख से हुई कथित मौत के बाद राज्य सरकार एक्शन में आ गई है. घटना का जायजा लेने प्रदेश के खाद्य आपूर्ति एवं सार्वजनिक वितरण मामले के मंत्री सरयू राय शनिवार को लातेहार गए हैं. ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए मंत्री राय ने कहा कि वह लातेहार जा रहे हैं और पूरे मामले की जानकारी अपने स्तर से लेंगे. उन्होंने कहा कि अधिकारियों से भी इस मामले का फीडबैक लिया जाएगा और उसके बाद कोई कार्रवाई की जाएगी.

दो दिन पहले लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के लूरगुमी कला गांव में 65 साल के रामचरण मुंडा की कथित तौर पर भूख से मौत हो गई. इसके बाद जिला प्रशासन की तरफ से अनुमंडल पदाधिकारी सुधीर कुमार दास ने मामले की जांच की और दावा किया कि पीड़ित परिवार को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है. ऐसे में भूख से मौत की बात सही नहीं है.

ये भी पढ़ें- धनबाद पुलिस पेश की मानवता की मिसाल, जरूरतमदों के लिए किया रक्तदान

भूख से कथित मौत का पहला मामला नहीं है
राज्य में भूख से मौत को लेकर हुए कथित मौत का यह पहला मामला नहीं है. सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लेकर काम कर रहे.अलग-अलग गैर सरकारी संगठनों के आंकड़ों के हिसाब से पिछले 4 साल में अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों की मौत कथित तौर पर भूख की वजह से हुई है. सिमडेगा की संतोषी कुमारी की मौत को लेकर झारखंड सरकार के पूरे देश में किरकिरी भी हुई थी.

ये भी पढ़ें- झारखंड प्रशासनिक सेवा के 63 पदाधिकारियों को मिली प्रोन्नति, यहां देखें पूरी लिस्ट​​​​​​​

भूख से मौत परिभाषित करने को लेकर बानी थी कमिटी
भूख से मौत को परिभाषित करने को लेकर राज्य सरकार ने एक कमिटी भी बनाई थी. जिसे अलग-अलग केस स्टडी के आधार पर भूख से मौत को परिभाषित करने की जिम्मेदारी दी गई थी. कमेटी ने जुलाई 2018 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. बता दें कि राज्य सरकार ने इस तरह की अस्वाभाविक मौतों पर पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया है. सरकार ने साफ किया है कि जब तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में चीजें साफ नहीं होंगे तब तक इस तरह की मौत को भूख से मौत की संज्ञा नहीं दी जा सकती है.

रांची: प्रदेश के लातेहार जिले में 65 साल के एक वृद्ध की भूख से हुई कथित मौत के बाद राज्य सरकार एक्शन में आ गई है. घटना का जायजा लेने प्रदेश के खाद्य आपूर्ति एवं सार्वजनिक वितरण मामले के मंत्री सरयू राय शनिवार को लातेहार गए हैं. ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए मंत्री राय ने कहा कि वह लातेहार जा रहे हैं और पूरे मामले की जानकारी अपने स्तर से लेंगे. उन्होंने कहा कि अधिकारियों से भी इस मामले का फीडबैक लिया जाएगा और उसके बाद कोई कार्रवाई की जाएगी.

दो दिन पहले लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के लूरगुमी कला गांव में 65 साल के रामचरण मुंडा की कथित तौर पर भूख से मौत हो गई. इसके बाद जिला प्रशासन की तरफ से अनुमंडल पदाधिकारी सुधीर कुमार दास ने मामले की जांच की और दावा किया कि पीड़ित परिवार को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है. ऐसे में भूख से मौत की बात सही नहीं है.

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भूख से कथित मौत का पहला मामला नहीं है
राज्य में भूख से मौत को लेकर हुए कथित मौत का यह पहला मामला नहीं है. सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लेकर काम कर रहे.अलग-अलग गैर सरकारी संगठनों के आंकड़ों के हिसाब से पिछले 4 साल में अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों की मौत कथित तौर पर भूख की वजह से हुई है. सिमडेगा की संतोषी कुमारी की मौत को लेकर झारखंड सरकार के पूरे देश में किरकिरी भी हुई थी.

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भूख से मौत परिभाषित करने को लेकर बानी थी कमिटी
भूख से मौत को परिभाषित करने को लेकर राज्य सरकार ने एक कमिटी भी बनाई थी. जिसे अलग-अलग केस स्टडी के आधार पर भूख से मौत को परिभाषित करने की जिम्मेदारी दी गई थी. कमेटी ने जुलाई 2018 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. बता दें कि राज्य सरकार ने इस तरह की अस्वाभाविक मौतों पर पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया है. सरकार ने साफ किया है कि जब तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में चीजें साफ नहीं होंगे तब तक इस तरह की मौत को भूख से मौत की संज्ञा नहीं दी जा सकती है.

Intro:रांची। प्रदेश के लातेहार जिले में 65 साल के एक वृद्ध की भूख से हुई कथित मौत के बाद राज्य सरकार एक्शन में आ गई है। घटना का जायजा लेने प्रदेश के खाद्य आपूर्ति एवं सार्वजनिक वितरण मामले के मंत्री सरयू राय शनिवार को लातेहार गए हैं। ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए मंत्री राय ने कहा कि वह लातेहार जा रहे हैं और पूरे मामले की जानकारी अपने स्तर से लेंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से भी इस मामले का फीडबैक लिया जाएगा और उसके बाद कोई कार्रवाई की जाएगी।


Body:2 दिन पहले लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के लूरगुमी कला गांव में 65 साल के रामचरण मुंडा की कथित तौर पर भूख से मौत हो गई। इसके बाद जिला प्रशासन की तरफ से अनुमंडल पदाधिकारी सुधीर कुमार दास ने मामले की जांच की और दावा किया कि पीड़ित परिवार को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। ऐसे में भूख से मौत की बात सही नहीं है।

भूख से कथित मौत का पहला मामला नही है
राज्य में भूख से मौत को लेकर हुए कथित मौत का यह पहला मामला नहीं है। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लेकर काम कर रहे। अलग-अलग गैर सरकारी संगठनों के आंकड़ों के हिसाब से पिछले 4 साल में अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों की मौत कथित तौर पर भूख की वजह से हुई है।


Conclusion:सिमडेगा की संतोषी कुमारी की मौत को लेकर झारखंड सरकार के पूरे देश में किरकिरी भी हुई थी।

भूख से मौत परिभाषित करने को लेकर बानी थी कमिटी
भूख से मौत को परिभाषित करने को लेकर राज्य सरकार ने एक कमिटी भी बनाई थी। जिसे अलग-अलग केस स्टडी के आधार पर भूख से मौत को परिभाषित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। कमेटी ने जुलाई 2018 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। बता दें कि राज्य सरकार ने इस तरह की अस्वाभाविक मौतों पर पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया है। सरकार ने साफ किया है कि जब तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में चीजें साफ नहीं होंगे तब तक इस तरह की मौत को भूख से मौत की संज्ञा नहीं दी जा सकती है।
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