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शिल्यान्यास वाली सरकार के कांसेप्ट को बीजेपी ने उद्घाटन वाली सरकार के रूप में बदला: लुईस मरांडी - झारखंड न्यूज

झारखंड सरकार में मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि दुमका संसदीय सीट पर बीजेपी की जीत के लिए पार्टी लंबे समय से प्रयासरत थी और 2019 में पार्टी का यह सपना पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दुमका विधानसभा सीट पर फतह हासिल की और उसके बाद इलाके को लोगों का विश्वास जीता.

लुईस मरांडी
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Published : May 30, 2019, 2:56 PM IST

रांची: प्रदेश की समाज कल्याण मंत्री और दुमका विधानसभा इलाके से विधायक लुईस मरांडी ने दावा किया कि मौजूदा राज्य और देश में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने विकास की परिभाषा बदल दी है. उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्ववर्ती सरकारों को शिलान्यास वाली सरकार के नाम से जाना जाता था लेकिन मौजूदा सरकार ने उसके कंसेप्ट को बदलकर उद्घाटन करने वाली सरकार के रूप में बदल दिया है.

संवाददाता अमित के साथ लुईस मरांडी

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की दुमका संसदीय इलाके में हार के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए मरांडी ने कहा कि लोगों ने झामुमो सुप्रीमो और उनके बेटे को सत्ता दिलाई लेकिन वह जन आकांक्षाओं पर खरे नहीं उतरे. यही वजह है कि 2014 में शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन को दुमका में विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा, फिर 2019 में झामुमो सुप्रीमो खुद दुमका संसदीय सीट से हारे हैं.

लुईस मरांडी ने कहा कि दुमका संसदीय सीट पर बीजेपी की जीत के लिए पार्टी लंबे समय से प्रयासरत थी और 2019 में पार्टी का यह सपना पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दुमका विधानसभा सीट पर फतह हासिल की और उसके बाद इलाके को लोगों का विश्वास जीता. यही वजह है कि झामुमो प्रत्याशी और राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उस विधानसभा चुनाव में दुमका में हार का मुंह देखना पड़ा.

ये भी पढ़ें- CM रघुवर दास समेत सांसद और मंत्री दिल्ली रवाना, नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने दुमका और संथाल परगना इलाके में स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति दयनीय थी पिछले 4 साल में वहां की तस्वीर बदली है. दुमका में एक मेडिकल कॉलेज बना है. राज्य के सबसे बड़े पुल का निर्माण वहां हो रहा है. इतना ही नहीं नेतरहाट की तर्ज पर एक स्कूल खुल रहा है, जबकि केंद्रीय विद्यालय 4 साल से वहां चल रहा है. मरांडी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में मॉडल कॉलेज भी वहां खुलने जा रहा है.

उन्होंने कहा कि संथाल परगना को झामुमो का अभेद्य दुर्ग माना जाता था लेकिन अब ऐसी स्थिति अब नहीं रही. अब बीजेपी ने वहां के लोगों का विश्वास जीता है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि वहां के आदिवासियों में सत्तारूढ़ बीजेपी को लेकर विश्वसनीयता बढ़ी है. मरांडी ने कहा कि आदिवासी समुदाय के लिए न केवल राज्य और केंद्र सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं बल्कि उनके साथ सरकार कदम से कदम मिलाकर चल रही है.

बता दें कि दुमका विधानसभा सीट दुमका संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है और इस सीट पर लोकसभा चुनावों में बीजेपी को लगभग 10,000 वोटों की बढ़त मिली है और यह इकलौता एसटी विधानसभा इलाका है जहां बीजेपी को इतनी अधिक बढ़त मिली है.

रांची: प्रदेश की समाज कल्याण मंत्री और दुमका विधानसभा इलाके से विधायक लुईस मरांडी ने दावा किया कि मौजूदा राज्य और देश में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने विकास की परिभाषा बदल दी है. उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्ववर्ती सरकारों को शिलान्यास वाली सरकार के नाम से जाना जाता था लेकिन मौजूदा सरकार ने उसके कंसेप्ट को बदलकर उद्घाटन करने वाली सरकार के रूप में बदल दिया है.

संवाददाता अमित के साथ लुईस मरांडी

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की दुमका संसदीय इलाके में हार के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए मरांडी ने कहा कि लोगों ने झामुमो सुप्रीमो और उनके बेटे को सत्ता दिलाई लेकिन वह जन आकांक्षाओं पर खरे नहीं उतरे. यही वजह है कि 2014 में शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन को दुमका में विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा, फिर 2019 में झामुमो सुप्रीमो खुद दुमका संसदीय सीट से हारे हैं.

लुईस मरांडी ने कहा कि दुमका संसदीय सीट पर बीजेपी की जीत के लिए पार्टी लंबे समय से प्रयासरत थी और 2019 में पार्टी का यह सपना पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दुमका विधानसभा सीट पर फतह हासिल की और उसके बाद इलाके को लोगों का विश्वास जीता. यही वजह है कि झामुमो प्रत्याशी और राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उस विधानसभा चुनाव में दुमका में हार का मुंह देखना पड़ा.

ये भी पढ़ें- CM रघुवर दास समेत सांसद और मंत्री दिल्ली रवाना, नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने दुमका और संथाल परगना इलाके में स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति दयनीय थी पिछले 4 साल में वहां की तस्वीर बदली है. दुमका में एक मेडिकल कॉलेज बना है. राज्य के सबसे बड़े पुल का निर्माण वहां हो रहा है. इतना ही नहीं नेतरहाट की तर्ज पर एक स्कूल खुल रहा है, जबकि केंद्रीय विद्यालय 4 साल से वहां चल रहा है. मरांडी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में मॉडल कॉलेज भी वहां खुलने जा रहा है.

उन्होंने कहा कि संथाल परगना को झामुमो का अभेद्य दुर्ग माना जाता था लेकिन अब ऐसी स्थिति अब नहीं रही. अब बीजेपी ने वहां के लोगों का विश्वास जीता है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि वहां के आदिवासियों में सत्तारूढ़ बीजेपी को लेकर विश्वसनीयता बढ़ी है. मरांडी ने कहा कि आदिवासी समुदाय के लिए न केवल राज्य और केंद्र सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं बल्कि उनके साथ सरकार कदम से कदम मिलाकर चल रही है.

बता दें कि दुमका विधानसभा सीट दुमका संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है और इस सीट पर लोकसभा चुनावों में बीजेपी को लगभग 10,000 वोटों की बढ़त मिली है और यह इकलौता एसटी विधानसभा इलाका है जहां बीजेपी को इतनी अधिक बढ़त मिली है.

Intro:रांची। प्रदेश की समाज कल्याण मंत्री और दुमका विधानसभा इलाके से विधायक लुईस मरांडी ने दावा किया कि मौजूदा राज्य और देश में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने विकास की परिभाषा की बदल दी है। उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्ववर्ती सरकारों को शिलान्यास वाली सरकार के नाम से जाना जाता था लेकिन मौजूदा सरकार ने उसके कंसेप्ट को बदलकर उद्घाटन करने वाली सरकार के रूप में बदल दिया है। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की दुमका संसदीय इलाके में हार के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए मरांडी ने कहा कि लोगों ने झामुमो सुप्रीमो और उनके बेटे को सत्ता दिलाई लेकिन वह जन आकांक्षाओं पर खरे नहीं उतरे। यही वजह है कि 2014 में शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन को दुमका में विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। फिर 2019 में झामुमो सुप्रीमो खुद दुमका संसदीय सीट से हारे हैं।


Body:मरांडी ने कहा कि दुमका संसदीय सीट पर बीजेपी की जीत के लिए पार्टी लंबे समय से प्रयासरत थी और 2019 में पार्टी का यह सपना पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दुमका विधानसभा सीट पर फतह हासिल की और उसके बाद इलाके को लोगों का विश्वास जीता। यही वजह है कि झामुमो प्रत्याशी और राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उस विधानसभा चुनाव में दुमका में हार का मुंह देखना पड़ा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने दुमका और संथाल परगना इलाके में स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति दयनीय थी पिछले 4 साल में वहां की तस्वीर बदली है। दुमका में एक मेडिकल कॉलेज बना है। राज्य के सबसे बड़े पुल का निर्माण वहां हो रहा है। इतना ही नहीं नेतरहाट की तर्ज पर एक स्कूल खुल रहा है। जबकि केंद्रीय विद्यालय 4 साल से वहां चल रहा है। मरांडी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में मॉडल कॉलेज भी वहां खुलने जा रहा है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि संथाल परगना को झामुमो का अभेद्य दुर्ग माना जाता था लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं रही। अब बीजेपी ने वहां के लोगों का विश्वास जीता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है वहां की आदिवासियों में सत्तारूढ़ बीजेपी को लेकर विश्वसनीयता बढ़ी है। मरांडी ने कहा कि आदिवासी समुदाय के लिए न केवल राज्य और केंद्र सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं बल्कि उनके साथ सरकार कदम से कदम मिलाकर चल रही है।
बता दें कि दुमका विधानसभा सीट दुमका संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है और इस सीट पर लोकसभा चुनावों में बीजेपी को लगभग 10,000 वोटों की बढ़त मिली है और यह इकलौता एसटी विधानसभा इलाका है जहां बीजेपी को इतनी अधिक बढ़त मिली है।
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