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रांची: दलबदल मामले पर हाई कोर्ट में टली सुनवाई, विधानसभा स्पीकर दिनेश उरांव के फैसले को चुनौती

साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद फरवरी 2015 में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इनमें से दो विधायक मौजूदा सरकार में मंत्री हैं, जबकि तीन अलग-अलग बोर्ड और निगम के सिर्फ पद पर तैनात हैं. वहीं, अन्य एक को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.

झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Mar 15, 2019, 4:43 PM IST

रांची: दलबदल मामले में विधानसभा स्पीकर दिनेश उरांव के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई टल गई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट में सूचीबद्ध थी. हाई कोर्ट के दूसरे प्रशासनिक मामलों को लेकर रेगुलर बेंच नहीं होने की वजह से मामले की सुनवाई टाली गई है. फिलहाल सुनवाई की अगली तारीख 25 मार्च को होगी.

साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद फरवरी 2015 में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इनमें से दो विधायक मौजूदा सरकार में मंत्री हैं, जबकि तीन अलग-अलग बोर्ड और निगम के सिर्फ पद पर तैनात हैं. वहीं, अन्य एक को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.

आर एन सहाय, वरीय अधिवक्ता, झारखंड हाई कोर्ट

गौरतलब है कि 2015 में दलबदल विधायकों के खिलाफ झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर को यह शिकायत दर्ज करके उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की. जून 2017 तक इस मामले में गवाही पूरी हो गई. इसके बाद 12 दिसंबर 2018 को मामले की सुनवाई पूरी हुई और स्पीकर दिनेश उरांव ने जेवीएम के 6 विधायकों को बीजेपी में विलय को सही ठहराया है.

रांची: दलबदल मामले में विधानसभा स्पीकर दिनेश उरांव के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई टल गई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट में सूचीबद्ध थी. हाई कोर्ट के दूसरे प्रशासनिक मामलों को लेकर रेगुलर बेंच नहीं होने की वजह से मामले की सुनवाई टाली गई है. फिलहाल सुनवाई की अगली तारीख 25 मार्च को होगी.

साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद फरवरी 2015 में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इनमें से दो विधायक मौजूदा सरकार में मंत्री हैं, जबकि तीन अलग-अलग बोर्ड और निगम के सिर्फ पद पर तैनात हैं. वहीं, अन्य एक को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.

आर एन सहाय, वरीय अधिवक्ता, झारखंड हाई कोर्ट

गौरतलब है कि 2015 में दलबदल विधायकों के खिलाफ झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर को यह शिकायत दर्ज करके उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की. जून 2017 तक इस मामले में गवाही पूरी हो गई. इसके बाद 12 दिसंबर 2018 को मामले की सुनवाई पूरी हुई और स्पीकर दिनेश उरांव ने जेवीएम के 6 विधायकों को बीजेपी में विलय को सही ठहराया है.

Intro:रांची
बाइट--आर एन सहाय वरीय अधिवक्ता झारखंड हाई कोर्ट


दलबदल मामले में विधानसभा स्पीकर दिनेश उरांव के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में आज सुनवाई टल गई । मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद कोर्ट में मामला सूचीबद्ध था हाईकोर्ट के अन्य प्रशासनिक मामले को लेकर रेगुलर बेंच नहीं होने के कारण मामले की सुनवाई आज टल गई है साथ ही सुनवाई के लिए अगली तारीख की तिथि निर्धारित की गई है मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी


Body:दलबदल मामले में विधान सभा स्पीकर दिनेश उरांव के फैसले को चुनौती देते हुए प्रार्थी की ओर से याचिका में कहा गया है कि झारखंड विकास मोर्चा के सभी छह विधायकों ने संविधान और राजनीतिक मर्यादाओं को तोड़ते हुए भाजपा की सदस्यता ले ली थी और छह विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे इसी दल बदल मामले में स्पीकर के फैसले को झारखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है


Conclusion:2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद फरवरी 2015 में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था उन विधायकों में आलोक चौरसिया ,अमर बाउरी, रणधीर सिंह, जानकी यादव, गणेश गंझु और नवीन जायसवाल के नाम शामिल है इनमें से दो मौजूदा सरकार में मंत्री हैं जबकि तीन अलग-अलग बोर्ड और निगम ने सिर्फ पद पर तैनात है वहीं अन्य एक को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है आपको बता दें कि 2015 में दलबदल विधायकों खिलाफ झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर को यह शिकायत दर्ज की थी साथ ही उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की जून 2017 तक इस मामले में गवाही पूरी हुई और 12 दिसंबर 2018 को मामले की सुनवाई पूरी कर ली गई थी और स्पीकर दिनेश उरांव ने इस मामले में जेवीएम के 6 विधायकों को बीजेपी में विलय को सही ठहराया है
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