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रांचीः मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई सुनवाई, पूर्व स्वास्थ्य सचिव हैं मुख्य आरोपी

रांची सिविल कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले पर सुनवाई हुई. इसके बाद आरोपियों को बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया. इसमें पूर्व स्वास्थ्य सचिव और उनके भाई आरोपी हैं.

सिविल कोर्ट, रांची
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Published : Jul 1, 2019, 6:22 PM IST

रांची: झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले पर कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई ईडी के विशेष न्यायालय के प्रभारी कोर्ट न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत में हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने इससे जुड़े आरोपियों को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया है.

देखें पूरी खबर

इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई की तारीख निर्धारित की गई है. हाईकोर्ट के आदेशानुसार आरोपियों को 3 जून तक अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया गया था. उसी आदेश के आलोक में डॉ प्रदीप कुमार और उनके भाई राजेंद्र प्रसाद दोनों ने ईडी के विशेष अदालत में खुद को सरेंडर किया था. यह मामला ईडी कांड संख्या 2/18 से जुड़ा है. मामले में पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार, उनके भाई राजेंद्र प्रसाद, नंदलाल, श्यामल चक्रवर्ती, धर्मेंद्र कुमार धीरज, नरेश कुमार केजरीवाल मुख्य आरोपी हैं.

ये भी पढ़ें- राजीव रंजन सिंह बने पाकुड़ के नए एसपी, कहा- अपराध और उग्रवाद पर लगाम लगाना हमारी प्राथमिकता

बता दें कि यह मामल वित्तीय वर्ष 2006-2010 से जुड़ा हुआ है. विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 1करोड़ 76 लाख रुपये का हेर फेर किया गया था. दवा घोटाला मामले में पूर्व में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आलोक में ईडी ने भी 2012 में प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार पर अपनी नाजायज कंपनी को जायज करार देने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का सहारा लेने का आरोप लगाया गया था.

रांची: झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले पर कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई ईडी के विशेष न्यायालय के प्रभारी कोर्ट न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत में हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने इससे जुड़े आरोपियों को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया है.

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इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई की तारीख निर्धारित की गई है. हाईकोर्ट के आदेशानुसार आरोपियों को 3 जून तक अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया गया था. उसी आदेश के आलोक में डॉ प्रदीप कुमार और उनके भाई राजेंद्र प्रसाद दोनों ने ईडी के विशेष अदालत में खुद को सरेंडर किया था. यह मामला ईडी कांड संख्या 2/18 से जुड़ा है. मामले में पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार, उनके भाई राजेंद्र प्रसाद, नंदलाल, श्यामल चक्रवर्ती, धर्मेंद्र कुमार धीरज, नरेश कुमार केजरीवाल मुख्य आरोपी हैं.

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बता दें कि यह मामल वित्तीय वर्ष 2006-2010 से जुड़ा हुआ है. विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 1करोड़ 76 लाख रुपये का हेर फेर किया गया था. दवा घोटाला मामले में पूर्व में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आलोक में ईडी ने भी 2012 में प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार पर अपनी नाजायज कंपनी को जायज करार देने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का सहारा लेने का आरोप लगाया गया था.

Intro:रांची

बाइट--संजय कुमार अधिवक्ता बचाव पक्ष

झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले पर रांची न्यायालय में सुनवाई हुई ।मामले की सुनवाई ईडी के विशेष न्यायालय के प्रभारी कोर्ट न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत में हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े आरोपियों को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया है। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई है। हाईकोर्ट के आदेशानुसार आरोपियों को 3 जून तक अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया गया था। उसी आदेश के आलोक में डॉ प्रदीप कुमार और उनके भाई राजेंद्र प्रसाद दोनों ने ईदी के विशेष अदालत में खुद को सरेंडर किया था। यह मामला ईडी कांड संख्या 2/18 से जुड़ा है मामले में पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार उसके भाई राजेंद्र प्रसाद, नंदलाल एचयुएच, श्यामल चक्रवर्ती धर्मेंद्र कुमार धीरज नरेश कुमार केजरीवाल मुख्य आरोपी है




Body:आपको बता दें कि यह मामल वित्तिय वर्ष 2006-2010 से जुड़ा हुआ है विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 1करोड़ 76 लाख रुपये का मनी लॉन्ड्री किया गया था। दवा घोटाला मामले में पूर्व में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आलोक में ईडी ने भी 2012 में प्राथमिकी दर्ज की थी इसमें झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार पर अपनी नाजायज कंपनी को जायज करार देने के लिए मनी लॉन्ड्री का सहारा लेने का आरोप लगाया गया था जांच के बाद ईडी ने प्रदीप कुमार पर मनी लॉन्ड्री के सहारे अपने और भाई राजेंद्र प्रसाद के नाम पर संपत्ति खरीदने से संबंधित साक्ष्य जुटाया गया


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