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सलमान हत्याकांड: सीबीआई जांच के खिलाफ CID जाएगी सुप्रीम कोर्ट

रांची की चर्चित मो. सलमान हत्याकांड में सीबीआई जांच के खिलाफ सीआईडी सुप्रीम कोर्ट जाएगी. जिसके लिए सीआईडी के अधिकारी गुरूवार को दिल्ली रवाना होंगे.

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Published : May 16, 2019, 3:13 AM IST

Updated : May 16, 2019, 7:00 AM IST

CID जाएगी सुप्रीम कोर्ट.

रांची: झारखंड के चतरा के पिपरवार में पुलिसकर्मियों के हाथों मारे गए मो. सलमान की हत्या की जांच सीबीआई से कराने के आदेश के खिलाफ सीआईडी सुप्रीम कोर्ट जाएगी. सीआईडी के अधिकारी गुरूवार को दिल्ली रवाना होंगे. सुप्रीम कोर्ट में झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एसएलपी दायर की जाएगी,

पांच पुलिसकर्मी है आरोपी
मो. सलमान की हत्या का आरोपी पिपरवार के तत्कालीन थानेदार विनोद कुमार सिंह, एएसआई प्रेम कुमार मिश्रा, आर्म्स गार्ड रवि राम के अलावा पांच पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है. आरोपी रवि राम की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था. जिसके बाद सीबीआई की स्पेशल क्राइम सेल ने 11 जनवरी को एफआईआर दर्ज की थी.

विधि विभाग से मांगी गई सहमति
सीआईडी के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सीआईडी ने मामले में सही तरीके से अनुसंधान किया था. ऐसे में सीआईडी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यायल को भेजा था. विधि विभाग के द्वारा सहमति मिलने और एसएलपी के लिए वकालतनामा सौंप दिया गया है, ऐसे में सीआईडी के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. विधि विभाग ने इस मामले में एसएलपी कर तत्काल गृह विभाग को सूचित करने का आदेश भी सीआईडी को दिया है.

हाईकोर्ट ने कहा था, जांच करने में विफल रही राज्य की जांच एजेंसी
मो. सलमान हत्याकांड में रवि राम की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि सलमान की हत्या का सच सामने लाने में पहले पुलिस और फिर सीआइडी विफल रही है. इससे लोगों का विश्वास राज्य की एजेंसियों से डिगा है, इसलिए इसकी जांच सीबीआइ को सौंपी जाती है. रवि राम ने अपने हलफनामे में कहा था कि दुर्घटनावश फायरिंग हो गयी थी. इसलिए आइपीसी की धारा 304 के तहत जमानत दी जाए. लेकिन केस डायरी और जांच प्रतिवेदन देखने के बाद कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका रद्द कर दी.

पिता ने लगाया था थानेदार पर गंभीर आरोप
मृतक सलमान के पिता अब्दुल जब्बार ने थाने में दर्ज एफआईआर में लिखा था कि पिपरवार थाना के तत्कालीन थानेदार विनोद कुमार सिंह, पुलिसकर्मी रवि राम, प्रेम कुमार मिश्र सहित पांच पुलिसकर्मियों ने 23 जून 2017 की रात गश्ती के दौरान उनके घर आये थे. घर पर उनके पुत्र मो सलमान से पुलिसवालों ने पूछताछ की थी. इसके बाद सलमान को घर से बाहर निकालकर थानेदार के कहने पर गोली मार दी गई. मृतक सलमान के पिता ने आरोप लगाया था कि थानेदार ने साथी पुलिसवालों को कहा कि सलमान को गोली मार दो. फिर सलमान को पुलिसवालों ने काफी नजदीक से दो गोलियां मारी थी.

रांची: झारखंड के चतरा के पिपरवार में पुलिसकर्मियों के हाथों मारे गए मो. सलमान की हत्या की जांच सीबीआई से कराने के आदेश के खिलाफ सीआईडी सुप्रीम कोर्ट जाएगी. सीआईडी के अधिकारी गुरूवार को दिल्ली रवाना होंगे. सुप्रीम कोर्ट में झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एसएलपी दायर की जाएगी,

पांच पुलिसकर्मी है आरोपी
मो. सलमान की हत्या का आरोपी पिपरवार के तत्कालीन थानेदार विनोद कुमार सिंह, एएसआई प्रेम कुमार मिश्रा, आर्म्स गार्ड रवि राम के अलावा पांच पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है. आरोपी रवि राम की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था. जिसके बाद सीबीआई की स्पेशल क्राइम सेल ने 11 जनवरी को एफआईआर दर्ज की थी.

विधि विभाग से मांगी गई सहमति
सीआईडी के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सीआईडी ने मामले में सही तरीके से अनुसंधान किया था. ऐसे में सीआईडी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यायल को भेजा था. विधि विभाग के द्वारा सहमति मिलने और एसएलपी के लिए वकालतनामा सौंप दिया गया है, ऐसे में सीआईडी के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. विधि विभाग ने इस मामले में एसएलपी कर तत्काल गृह विभाग को सूचित करने का आदेश भी सीआईडी को दिया है.

हाईकोर्ट ने कहा था, जांच करने में विफल रही राज्य की जांच एजेंसी
मो. सलमान हत्याकांड में रवि राम की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि सलमान की हत्या का सच सामने लाने में पहले पुलिस और फिर सीआइडी विफल रही है. इससे लोगों का विश्वास राज्य की एजेंसियों से डिगा है, इसलिए इसकी जांच सीबीआइ को सौंपी जाती है. रवि राम ने अपने हलफनामे में कहा था कि दुर्घटनावश फायरिंग हो गयी थी. इसलिए आइपीसी की धारा 304 के तहत जमानत दी जाए. लेकिन केस डायरी और जांच प्रतिवेदन देखने के बाद कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका रद्द कर दी.

पिता ने लगाया था थानेदार पर गंभीर आरोप
मृतक सलमान के पिता अब्दुल जब्बार ने थाने में दर्ज एफआईआर में लिखा था कि पिपरवार थाना के तत्कालीन थानेदार विनोद कुमार सिंह, पुलिसकर्मी रवि राम, प्रेम कुमार मिश्र सहित पांच पुलिसकर्मियों ने 23 जून 2017 की रात गश्ती के दौरान उनके घर आये थे. घर पर उनके पुत्र मो सलमान से पुलिसवालों ने पूछताछ की थी. इसके बाद सलमान को घर से बाहर निकालकर थानेदार के कहने पर गोली मार दी गई. मृतक सलमान के पिता ने आरोप लगाया था कि थानेदार ने साथी पुलिसवालों को कहा कि सलमान को गोली मार दो. फिर सलमान को पुलिसवालों ने काफी नजदीक से दो गोलियां मारी थी.

Intro:सलमान हत्याकांड: सीबीआई जांच के खिलाफ सीआईडी जाएगी सुप्रीम कोर्ट

झारखंड के चतरा के पिपरवार में पुलिसकर्मियों के हाथों मारे गए मो. सलमान की हत्या की जांच सीबीआई से कराने के आदेश के खिलाफ सीआईडी सुप्रीम कोर्ट जाएगी। सीआईडी के अधिकारी गुरूवार को दिल्ली रवाना होंगे। सुप्रीम कोर्ट में झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एसएलपी दायर की जाएगी।

पांच पुलिस वाले है आरोपी
मो. सलमान की हत्या का आरोपी पिपरवार के तत्कालीन थानेदार विनोद कुमार सिंह, एएसआई प्रेम कुमार मिश्रा, आर्म्स गार्ड रवि राम के अलावा पांच पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है। आरोपी रवि राम की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। जिसके बाद सीबीआई की स्पेशल क्राइम सेल ने 11 जनवरी को एफआईआर दर्ज की थी।

विधि विभाग से मांगी गई सहमति

सीआईडी के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सीआईडी ने मामले में सही तरीके से अनुसंधान किया था। ऐसे में सीआईडी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यायल को भेजा था। विधि विभाग के द्वारा सहमति मिलने और एसएलपी के लिए वकालतनामा सौंप दिया गया है, ऐसे में सीआईडी के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। विधि विभाग ने इस मामले में एसएलपी कर तत्काल गृह विभाग को सूचित करने का आदेश भी सीआईडी को दिया है।

हाईकोर्ट ने कहा था, जांच करने में विफल रही राज्य की जांच एजेंसी
मो सलमान हत्याकांड में रवि राम की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि सलमान की हत्या का सच सामने लाने में पहले पुलिस और फिर सीआइडी विफल रही है। इससे लोगों का विश्वास राज्य की एजेंसियों से डिगा है, इसलिए इसकी जांच सीबीआइ को सौंपी जाती है। रवि राम ने अपने हलफनामे में कहा था कि दुर्घटनावश फायरिंग हो गयी थी, इसलिए आइपीसी की धारा 304 के तहत जमानत दी जाए। लेकिन केस डायरी व जांच प्रतिवेदन देखने के बाद कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका रद्द कर दी।

पिता ने लगाया था थानेदार पर गंभीर आरोप

मृतक सलमान के पिता अब्दुल जब्बार ने थाने में दर्ज एफआईआर में लिखा था कि पिपरवार थाना के तत्कालीन थानेदार विनोद कुमार सिंह, पुलिसकर्मी रवि राम, प्रेम कुमार मिश्र सहित पांच पुलिसकर्मियों ने 23 जून 2017 की रात गश्ती के दौरान उनके घर आये थे। घर पर उनके पुत्र मो सलमान से पुलिसवालों ने पूछताछ की थी। इसके बाद सलमान को घर से बाहर निकालकर थानेदार के कहने पर गोली मार दी गई। मृतक सलमान के पिता ने आरोप लगाया था कि थानेदार ने साथी पुलिसवालों को कहा कि सलमान को गोली मार दो। फिर सलमान को पुलिसवालों ने काफी नजदीक से दो गोलियां मारी थी।Body:केConclusion:के
Last Updated : May 16, 2019, 7:00 AM IST
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