ETV Bharat / state

दुमकाः पहाड़िया जनजाति के लोगों का है कहना, वोट देंगे उसको, जो दिलाएगा हक

पहाड़िया आदिम जनजाति के लोगों का कहना है कि वो उन्हें ही वोट देंगे जो उनके लिए और विकास के लिए काम करेगा. जो उन्हें उनका हक दिलाएगा.

देखें स्पेशल स्टोरी.
author img

By

Published : Apr 30, 2019, 12:41 PM IST

दुमका: आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के उत्थान और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. लेकिन पहाड़ के ऊपर जीवन जीने वाले ये लोग आज भी अत्यंत पिछड़े हैं. इन लोगों का कहना है कि जो इनकी जिंदगी में बदलाव लाएगा, उन्हें ही वोट दिया जाएगा.

देखें स्पेशल स्टोरी.

गरीबी में जन्म लेना, मुफलिसी में पलना और तंगहाली में मर जाना पहाड़िया जनजाति के लोगों नियति बन चुकी है. लेकिन बदलते दौर के साथ ये जागरूक हो रहे हैं. अपने अधिकारों को समझने लगे हैं. बता दें कि दुमका लोकसभा चुनाव के लिए 19 मई को वोटिंग होनी है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने दुमका के पहाड़िया जनजाति बहुल आसनसोल गांव जाकर ग्रामीणों से जाना कि वो किस तरह के प्रत्याशी को चुनना चाहते हैं.

ग्रामीणों ने कहा नहीं मिलता हमारा हक
गांव की महिला और पुरूषों का कहना है कि पहाड़िया समाज के लिए सरकार काफी योजनाएं चला रही है. लेकिन सरकार की तरफ से जो भी लाभ दिया जाता है. वो ग्रामीणों तक सही ढंग से नहीं पहुंच पाता है. इसका पूरा लाभ केवल बिचौलियों को मिलता है. ग्रामीणों का कहना है कि वे ऐसे प्रत्याशी को वोट देंगे जो उनका हक दिलाएगा और बिचौलियों को भगाएगा.

दुमका: आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के उत्थान और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. लेकिन पहाड़ के ऊपर जीवन जीने वाले ये लोग आज भी अत्यंत पिछड़े हैं. इन लोगों का कहना है कि जो इनकी जिंदगी में बदलाव लाएगा, उन्हें ही वोट दिया जाएगा.

देखें स्पेशल स्टोरी.

गरीबी में जन्म लेना, मुफलिसी में पलना और तंगहाली में मर जाना पहाड़िया जनजाति के लोगों नियति बन चुकी है. लेकिन बदलते दौर के साथ ये जागरूक हो रहे हैं. अपने अधिकारों को समझने लगे हैं. बता दें कि दुमका लोकसभा चुनाव के लिए 19 मई को वोटिंग होनी है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने दुमका के पहाड़िया जनजाति बहुल आसनसोल गांव जाकर ग्रामीणों से जाना कि वो किस तरह के प्रत्याशी को चुनना चाहते हैं.

ग्रामीणों ने कहा नहीं मिलता हमारा हक
गांव की महिला और पुरूषों का कहना है कि पहाड़िया समाज के लिए सरकार काफी योजनाएं चला रही है. लेकिन सरकार की तरफ से जो भी लाभ दिया जाता है. वो ग्रामीणों तक सही ढंग से नहीं पहुंच पाता है. इसका पूरा लाभ केवल बिचौलियों को मिलता है. ग्रामीणों का कहना है कि वे ऐसे प्रत्याशी को वोट देंगे जो उनका हक दिलाएगा और बिचौलियों को भगाएगा.

Intro:दुमका - आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के उत्थान के लिए , उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं लेकिन अधिकांशतः पहाड़ के ऊपर जीवन जीने वाले ये लोग आज भी अत्यंत पिछड़े हुए हैं । गरीबी में जन्म लेना , मुफलिसी में पलना और तंगहाली मे मर जाना इनकी नियति बन चुकी है । लेकिन बदलते दौर में ये जागरूक हुए हैं और अपने अधिकारों को समझते हैं । दुमका लोकसभा चुनाव के लिए 19 मई को वोटिंग होनी है ईटीवी भारत ने दुमका के पहाड़िया बहुल आसनसोल गांव जाकर ग्रामीणों से जाना कि किस तरह के प्रत्याशी को चुनना चाहते हैं आप , किन मुद्दों पर करेंगे वोटकास्ट ।


Body:ग्रामीणों ने कहा - हमें सही ढंग से नहीं मिलता है हमारा हक ।
--------------------------------------------------------------
गांव की महिलाएं- पुरूष सभी का कहना था पहाड़िया समाज के लिए सरकार काफी योजनाएं चला रही है लेकिन जितना ऊपर से आता है उतना हम तक नहीं पहुँचता । वे कहते हैं हम ऐसे प्रत्याशी को चुनेंगे जो हमारा पूरा हक दिलाये , बिचौलिया को भगाए ।


Conclusion:ग्रामीणों ने कहा भलाई करने वाले को देंगे वोट ।
---------------------------------------------------
कुछ लोगों ने कहा जो हमारी भलाई करेगा , हमारे बुनियादी जरूरतों को हम तक पहुंचाने का काम करेगा हम उन्हें ही अपना सांसद चुनेंगे ।

नोट - सर , यह खबर रेडी टू पैकेज फॉरमेट में भेजे हैं ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.