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JVM के 6 दल-बदलू विधायकों के मामले पर 20 फरवरी को फैसला, जानें सरकार पर क्या होगा असर - ranchi

झारखंड विकास मोर्चा के 6 दल बदलू विधायकों के मामले को लेकर फैसला 20 फरवरी को आने वाला है. फैसला सरकार के पक्ष में हो या विपक्ष में दोनों ही मामलों में सत्तारूढ़ सरकार की स्थिरता बरकरार रहेगी. प्रदेश बीजेपी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि इस फैसले को लेकर पहले टिप्पणी करना मुनासिब नहीं होगा, लेकिन आंकड़ों के मामले में पार्टी विधानसभा में मजबूत स्थिति में है.

जानकारी देते शिवपूजन पाठक
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Published : Feb 18, 2019, 7:49 PM IST

रांची: झारखंड विकास मोर्चा के 6 दल बदलू विधायकों के मामले को लेकर फैसला 20 फरवरी को आने वाला है. फैसला सरकार के पक्ष में हो या विपक्ष में दोनों ही मामलों में सत्तारूढ़ सरकार की स्थिरता बरकरार रहेगी. प्रदेश बीजेपी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि इस फैसले को लेकर पहले टिप्पणी करना मुनासिब नहीं होगा, लेकिन आंकड़ों के मामले में पार्टी विधानसभा में मजबूत स्थिति में है.

बता दें कि इलेक्टेड सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में 6 दल-बदलू विधायकों को मिलाकर बीजेपी 43 के आंकड़े पार हैं. ऐसे में अगर इन सभी विधायकों के पक्ष में फैसला आता है तो सरकार के बहुमत का आंकड़ा बरकरार रहेगा. अगर कोई भी फैसला इन छह विधायकों के योग्यता पर सवाल खड़ा करता है तो असेंबली की स्ट्रैंथ 81 से घटकर 75 हो जाएगी.

वैसे में बीजेपी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 38 विधायकों की जरूरत पड़ेगी. बीजेपी के पास फिर 37 विधायक अपने रहेंगे. इसके अलावा आजसू के चार विधायक सरकार के साथ हैं. जिनमें से एक सरकार में मंत्री भी है और इन आंकड़ों को जोड़ें तो विधानसभा में सरकार की स्थिति मजबूत रहेगी.

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दरअसल 2014 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद फरवरी 2015 में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. उन विधायकों में आलोक चौरसिया, अमर बाउरी, रणधीर सिंह, जानकी यादव, गणेश गंझू और नवीन जयसवाल के नाम शामिल है. इनमें से दो मौजूदा सरकार में मंत्री हैं, जबकि 3 अलग-अलग बोर्ड और निगम में शीर्ष पद पर तैनात है. वहीं, अन्य एक को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.

क्या-क्या हुआ है इस मामले में अबतक
बता दें कि 2015 में दलबदल विधायकों के खिलाफ झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर के यहां शिकायत दर्ज कराई थी. साथ ही उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. जून 2017 तक इस मामले में गवाही पूरी हुई और 12 दिसंबर 2018 को इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली गई.

हालांकि विपक्ष में बैठने वाली कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा ने बताया कि इस मामले में फैसला आते-आते काफी देर हो चुकी है. जबकि बीजेपी ने कहा कि फैसला निष्पक्ष और पूरी सुनवाई के बाद आ रहा है.

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रांची: झारखंड विकास मोर्चा के 6 दल बदलू विधायकों के मामले को लेकर फैसला 20 फरवरी को आने वाला है. फैसला सरकार के पक्ष में हो या विपक्ष में दोनों ही मामलों में सत्तारूढ़ सरकार की स्थिरता बरकरार रहेगी. प्रदेश बीजेपी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि इस फैसले को लेकर पहले टिप्पणी करना मुनासिब नहीं होगा, लेकिन आंकड़ों के मामले में पार्टी विधानसभा में मजबूत स्थिति में है.

बता दें कि इलेक्टेड सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में 6 दल-बदलू विधायकों को मिलाकर बीजेपी 43 के आंकड़े पार हैं. ऐसे में अगर इन सभी विधायकों के पक्ष में फैसला आता है तो सरकार के बहुमत का आंकड़ा बरकरार रहेगा. अगर कोई भी फैसला इन छह विधायकों के योग्यता पर सवाल खड़ा करता है तो असेंबली की स्ट्रैंथ 81 से घटकर 75 हो जाएगी.

वैसे में बीजेपी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 38 विधायकों की जरूरत पड़ेगी. बीजेपी के पास फिर 37 विधायक अपने रहेंगे. इसके अलावा आजसू के चार विधायक सरकार के साथ हैं. जिनमें से एक सरकार में मंत्री भी है और इन आंकड़ों को जोड़ें तो विधानसभा में सरकार की स्थिति मजबूत रहेगी.

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दरअसल 2014 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद फरवरी 2015 में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. उन विधायकों में आलोक चौरसिया, अमर बाउरी, रणधीर सिंह, जानकी यादव, गणेश गंझू और नवीन जयसवाल के नाम शामिल है. इनमें से दो मौजूदा सरकार में मंत्री हैं, जबकि 3 अलग-अलग बोर्ड और निगम में शीर्ष पद पर तैनात है. वहीं, अन्य एक को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.

क्या-क्या हुआ है इस मामले में अबतक
बता दें कि 2015 में दलबदल विधायकों के खिलाफ झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर के यहां शिकायत दर्ज कराई थी. साथ ही उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. जून 2017 तक इस मामले में गवाही पूरी हुई और 12 दिसंबर 2018 को इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली गई.

हालांकि विपक्ष में बैठने वाली कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा ने बताया कि इस मामले में फैसला आते-आते काफी देर हो चुकी है. जबकि बीजेपी ने कहा कि फैसला निष्पक्ष और पूरी सुनवाई के बाद आ रहा है.

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Intro:रांची। प्रदेश की बीजेपी सरकार को बहुमत के आंकड़े तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले झारखंड विकास मोर्चा के 6 'दल बदलू' विधायकों के मामले को लेकर फैसला 20 फरवरी को आने वाला है। पिछले 4 साल से झारखंड विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव के न्यायाधिकरण में चल रहे इस मामले के फैसले की तारीख 20 फरवरी तय की गई है। हालांकि स्पीकर के फैसले से राज्य सरकार की सेहत पर खासा असर पड़ता नहीं दिख रहा है। फैसला सरकार के पक्ष में हो या विपक्ष में दोनों ही मामलों में सत्तारूढ़ सरकार की स्थिरता बरकरार रहेगी। प्रदेश बीजेपी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा है कि इस फैसले को लेकर पहले टिप्पणी करना मुनासिब नहीं होगा, लेकिन आंकड़ों के मामले में पार्टी विधानसभा में मजबूत स्थिति में है।


Body:81 इलेक्टेड सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में 6 'दल-बदलू' विधायकों को मिलाकर बीजेपी 43 के आंकड़े पर है। ऐसे में अगर इन सभी विधायकों के पक्ष में फैसला आता है तो सरकार बहुमत का आंकड़ा बरकरार रहेगा। अगर कोई भी फैसला इन छह विधायकों योग्यता पर सवाल खड़ा करता है तो असेंबली का स्ट्रैंथ 81 से घटकर 75 हो जाएगा। वैसे में बीजेपी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 38 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। बीजेपी का मौजूदा स्ट्रैंथ 37 का है। इसके अलावा आजसू के चार विधायक सरकार के साथ हैं। जिनमें से एक सरकार में मंत्री भी है इन आंकड़ों को जोड़ें तो विधानसभा में सरकार की स्थिति मजबूत रहेगी।


Conclusion:दरअसल 2014 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद फरवरी 2015 में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायको ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। उन विधायकों में आलोक चौरसिया, अमर बाउरी, रणधीर सिंह, जानकी यादव, गणेश गंझू और नवीन जयसवाल के नाम शामिल है। इनमें से दो मौजूदा सरकार में मंत्री हैं जबकि 3 अलग अलग बोर्ड और निगम में शीर्ष पद पर तैनात है। वही अन्य एक को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।

क्या क्या हुआ हूं इस मामले में अबतक
दलबदल मामले को शुरुआत से देखें तो 2015 में ही इन विधायकों के खिलाफ झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर के यहां शिकायत दर्ज कराई। साथ जी उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की। जून 2017 तक इस मामले में गवाही पूरी हुई और 12 दिसंबर 2018 को इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली गई।

हालांकि विपक्ष में बैठने वाली कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में फैसला आते आते काफी देर हो चुकी है। जबकि बीजेपी ने कहा कि फैसला निष्पक्ष और पूरी सुनवाई के बाद आ रहा है।
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