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इस CRPF जवान को झारखंड कर रहा है 'सलाम', गोली चलाने वाले नक्सली को खून देकर बचाई जान

राजधानी के रिम्स में मानवता की मिसाल देखने को मिली. सीआरपीएफ जवान राजकमल ने एक घायल नक्सली को खून देकर उसकी जान बचाई. जिसके बाद रिम्स में हर कोई राजकमल की चर्चा कर रहा है.

जानकारी देते रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह
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Published : Feb 5, 2019, 4:36 PM IST

Updated : Feb 5, 2019, 7:06 PM IST

रांची: राजधानी के रिम्स में मानवता की मिसाल देखने को मिली. सीआरपीएफ जवान राजकमल ने एक घायल नक्सली को खून देकर उसकी जान बचाई. जिसके बाद रिम्स में हर कोई राजकमल की चर्चा कर रहा है.

जानकारी देते रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह
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बता दें कि 29 जनवरी को अरकी थाना क्षेत्र के जंगलों में पुलिस बल एवं नक्सलियों के बीच भारी गोलीबारी हुई थी. जिसमें चार नक्सली मारे गए थे और दो नक्सलियों को गंभीर हालत में गिरफ्तार किया गया था. जिसे बेहतर इलाज के लिए रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया था. उसी में घायल नक्सली सोमू पूर्ति की जान बचाने के लिए बी पॉजिटिव खून की जरूरत पर रही थी. जिसकी सूचना मिलते ही 133 बटालियन सीआरपीएफ जवान राजकमल ने रक्तदान कर उसकी जान बचाई.

रिम्स ब्लड बैंक में कार्यरत लैब टेक्नीशियन कमलेन्द्र कुमार ने बताया कि राजकमल और इनके जैसे हजारों जवानों पर हम गर्व करते हैं, जो हमारी जान बचाने के लिए अपनी जान पर खेलते हैं. फिर वैसे नक्सलियों और आतंकवादियों की जान बचाने के लिए रक्तदान करते हैं, जो उनकी जान लेना चाहते हैं.

वहीं, रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह ने कहा कि पुलिस की ये दो मानवता के पक्ष को देखकर उन्हें गर्व है. एक समाज में लॉ ऑर्डर बनाने को लेकर सख्त रहते हैं. दूसरी तरफ अगर किसी की जान बचाने की जरूरत होती है तो उसमें भी वह आगे आते हैं. साथ ही कहा कि इससे समाज में एक बेहतर संदेश जाता है.

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रांची: राजधानी के रिम्स में मानवता की मिसाल देखने को मिली. सीआरपीएफ जवान राजकमल ने एक घायल नक्सली को खून देकर उसकी जान बचाई. जिसके बाद रिम्स में हर कोई राजकमल की चर्चा कर रहा है.

जानकारी देते रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह
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बता दें कि 29 जनवरी को अरकी थाना क्षेत्र के जंगलों में पुलिस बल एवं नक्सलियों के बीच भारी गोलीबारी हुई थी. जिसमें चार नक्सली मारे गए थे और दो नक्सलियों को गंभीर हालत में गिरफ्तार किया गया था. जिसे बेहतर इलाज के लिए रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया था. उसी में घायल नक्सली सोमू पूर्ति की जान बचाने के लिए बी पॉजिटिव खून की जरूरत पर रही थी. जिसकी सूचना मिलते ही 133 बटालियन सीआरपीएफ जवान राजकमल ने रक्तदान कर उसकी जान बचाई.

रिम्स ब्लड बैंक में कार्यरत लैब टेक्नीशियन कमलेन्द्र कुमार ने बताया कि राजकमल और इनके जैसे हजारों जवानों पर हम गर्व करते हैं, जो हमारी जान बचाने के लिए अपनी जान पर खेलते हैं. फिर वैसे नक्सलियों और आतंकवादियों की जान बचाने के लिए रक्तदान करते हैं, जो उनकी जान लेना चाहते हैं.

वहीं, रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह ने कहा कि पुलिस की ये दो मानवता के पक्ष को देखकर उन्हें गर्व है. एक समाज में लॉ ऑर्डर बनाने को लेकर सख्त रहते हैं. दूसरी तरफ अगर किसी की जान बचाने की जरूरत होती है तो उसमें भी वह आगे आते हैं. साथ ही कहा कि इससे समाज में एक बेहतर संदेश जाता है.

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Intro:रांची
हितेश
special स्टोरी।

रांची के रिम्स अस्पताल में सोमवार को मानवता की मिसाल देखने को मिली। सीआरपीएफ का जवान राजकमल ने आज एक घायल नक्सली को खून देकर उसकी जान बचाई।

दरअसल 29 जनवरी को अरकी थाना क्षेत्र के जंगलों में पुलिस बल एवं नक्सलियों के बीच भारी गोलीबारी हुई थी जिसमें चार नक्सली मारे भी गए थे और दो नक्सलियों को गंभीर हालत में गिरफ्तार किया गया था और फिर उसे बेहतर इलाज के लिए रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

उसी में घायल नक्सली सोमू पूर्ति की जान बचाने के लिए आज बी पॉजिटिव खून की जरूरत पर रही थी, जिसकी सूचना मिलते ही 133 बटालियन सीआरपीएफ जवान राजकमल ने अपने रक्तदान कर उस नक्सली की जान बचाई।




Body:सीआरपीएफ की इस मानवतावादी दृष्टिकोण को देखने के बाद पूरे रिम्स में यही चर्चा हो रही है कि ऐसे जवानों को हम सलाम करते हैं और इन पर गर्व है।

रिम्स ब्लड बैंक में कार्यरत लैब टेक्नीशियन कमलेन्द्र कुमार कहते हैं कि सीआरपीएफ का जवान राजकमल और इनके जैसे हजारों जवानों पर हम गर्व करते हैं जो हमारी जान बचाने के लिए अपनी जान पर खेलते हैं और फिर वैसे नक्सलियों और आतंकवादियों की जान बचाने के लिए भी रक्तदान करते हैं जो उनकी जान लेनी चाहते हैं।

सीआरपीएफ के परोपकार और मानवता के दृष्टिकोण को देखने के बाद रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह भी इन जवानों की प्रशंसा करने से नहीं चूके, उन्होंने भी इस मानवता की दृष्टिकोण को देख कर हम यही कहेंगे कि पुलिस की यह दो मानवता के पक्ष को देखकर हमें उन पर गर्व है, एक समाज में लॉयन ऑर्डर बनाने को लेकर वह सख्त रहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ अगर किसी की जान बचाने की जरूरत होती है तो उसमें भी वह आगे आते हैं।
इससे समाज में एक बेहतर संदेश जाता है।


Conclusion:सीआरपीएफ के 133 बटालियन के जवान राजकमल और उनकी पूरी टीम कि इस मानवतावादी दृष्टिकोण से समाज को यह संदेश जाता है कि हमें किसी की जान बचाने के लिए किसी जरूरतमंदो की जरूरतों को अवश्य पूरा करना चाहये।

बाईट कोमलेंद्र कुमार, लैब तकनीशियन
बाईट डॉ डी के सिंह,डायरेक्टर
Last Updated : Feb 5, 2019, 7:06 PM IST
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