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7+7 के फॉर्मूले पर महागठबंधन में महासंग्राम, बाबूलाल मानेंगे?

झारखंड महागठबंधन में घमासान जारी है. सीट बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों में सहमति नहीं बन पा रही है. बाबूलाल मरांडी सीट शेयरिंग के फॉर्मूले से नाराज चल रहे हैं. वहीं उन्हें मनाने के लिए कांग्रेस वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय भी उनके घर गए थे लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.

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Published : Feb 9, 2019, 8:21 AM IST

महागठबंधन के नेता.

रांची: झारखंड में महागठबंधन के लिए कांग्रेस का फॉर्मूला कामयाब होता नहीं दिख रहा है. सीट बंटवारे से पहले ही महागठबंधन में बवंडर मचा है. सीट की संख्या और पसंदीदा सीटों को लेकर घमासान जारी है.

दरअसल, झारखंड में कांग्रेस, जेएमएम, जेवीएम और राजद महागठबंधन में शामिल है. वामदलों की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है. प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों में से कौन कितने सीट पर चुनाव लड़ेगा, ये स्पष्ट नहीं है. लेकिन गुरुवार को दिल्ली में जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और राहुल गांधी की मुलाकात के बाद सीट बंटवारे को लेकर कुछ स्थिति साफ हुई.

गुरुवार को राहुल से मुलाकात के दौरान हेमंत सोरेन, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार मौजूद रहे. राहुल के आवास से आरपीएन सिंह जब बाहर निकले तो उन्होंने कहा कि सीट को लेकर बात बन गई है. ये तय हुआ है कि कांग्रेस लोकसभा में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं, विधानसभा चुनाव में जेएमएम ज्यादा सीटों पर लड़ेगी. विधानसभा हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.

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सीट शेयरिंग का फॉर्मूला बताते आरपीएन सिंह और हेमंत सोरेन
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इस ऐलान के बाद यह तो साफ हो गया था कि कांग्रेस सबसे ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस की तरफ से सहयोगी दलों को 7+7 का फॉर्मूला दिया गया है. जिसमें 7 सीट पर कांग्रेस, 4 पर जेएमएम, 2 पर जेवीएम और एक सीट पर आरजेडी चुनाव लड़ेगी.

दिल्ली में आरपीएन और हेमंत सोरेन के इस ऐलान के बाद रांची में बैठे जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी गरम हो गए है. उन्होंने साफ कर दिया कि हम तीन सीट से कम पर चुनाव नहीं लड़ेंगे. अगर इस पर समझौता नहीं हुआ तो फिर अकेले चुनावी मैदान में उतरेंगे.

बाबूलाल मरांडी से बात करते हमारे संवाददाता अमित मिश्र
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बाबूलाल ने इन सीटों पर जताई दावेदारी

बाबूलाल मरांडी कोडरमा और गोड्डा की सीट के अलावे भी एक सीट और चाहते हैं. जेवीएम सुप्रीमो चाहते हैं कि वहां से उनके विधायक प्रदीप यादव चुनाव लड़ें. इसके साथ ही कोडरमा की सीट खुद के लिए चाह रहे हैं.

गोड्डा पर है घमासान

महागठबंधन में गोड्डा सीट को लेकर सबसे ज्यादा घमासान है. इस सीट पर गठबंधन के दो प्रमुख दल जेवीएम और कांग्रेस दावा पेश कर रही है. कांग्रेस चाहती है कि इस सीट मुस्लिम उम्मीदवार दें. बाबूलाल के बयान पर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि वे सीनियर व्यक्ति हैं, उनसे ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती है. ऐसे में हमलोग फिर मान लेंगे कि मुस्लिम सिर्फ वोट देने के लिए हैं.

कोडरमा पर माले की दावेदारी

कोडरमा सीट से खुद जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. लेकिन कथित रूप से महागठबंधन में शामिल भाकपा माले के विधायक राजकुमार यादव ने भी इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है. उन्होंने कहा है कि अगर सीटों पर बात होगी तो हमारी पार्टी भी कोडरमा सीट चाहेगी.

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वहीं, नाराज बाबूलाल मरांडी को मनाने के लिए उनके रांची स्थित आवास पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय मनाने के लिए गए थे. लेकिन दोनों के बीच बात नहीं बनी है. सुबोधकांत ने कहा कि बाबूलाल ने उनसे कहा कि पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद आगे का फैसला सुनाएंगे.

हालांकि राहुल गांधी से मीटिंग के बाद जेएमएम और कांग्रेस की तरफ से कहा गया था कि जल्द ही सीट बंटवारे को लेकर औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा. लेकिन सहयोगी दलों ने जिस तरह से तेवर दिखाए हैं, उससे लगता नहीं है कि झारखंड में महागठबंधन की राहें आसान हैं.

रांची: झारखंड में महागठबंधन के लिए कांग्रेस का फॉर्मूला कामयाब होता नहीं दिख रहा है. सीट बंटवारे से पहले ही महागठबंधन में बवंडर मचा है. सीट की संख्या और पसंदीदा सीटों को लेकर घमासान जारी है.

दरअसल, झारखंड में कांग्रेस, जेएमएम, जेवीएम और राजद महागठबंधन में शामिल है. वामदलों की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है. प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों में से कौन कितने सीट पर चुनाव लड़ेगा, ये स्पष्ट नहीं है. लेकिन गुरुवार को दिल्ली में जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और राहुल गांधी की मुलाकात के बाद सीट बंटवारे को लेकर कुछ स्थिति साफ हुई.

गुरुवार को राहुल से मुलाकात के दौरान हेमंत सोरेन, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार मौजूद रहे. राहुल के आवास से आरपीएन सिंह जब बाहर निकले तो उन्होंने कहा कि सीट को लेकर बात बन गई है. ये तय हुआ है कि कांग्रेस लोकसभा में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं, विधानसभा चुनाव में जेएमएम ज्यादा सीटों पर लड़ेगी. विधानसभा हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.

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सीट शेयरिंग का फॉर्मूला बताते आरपीएन सिंह और हेमंत सोरेन
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इस ऐलान के बाद यह तो साफ हो गया था कि कांग्रेस सबसे ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस की तरफ से सहयोगी दलों को 7+7 का फॉर्मूला दिया गया है. जिसमें 7 सीट पर कांग्रेस, 4 पर जेएमएम, 2 पर जेवीएम और एक सीट पर आरजेडी चुनाव लड़ेगी.

दिल्ली में आरपीएन और हेमंत सोरेन के इस ऐलान के बाद रांची में बैठे जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी गरम हो गए है. उन्होंने साफ कर दिया कि हम तीन सीट से कम पर चुनाव नहीं लड़ेंगे. अगर इस पर समझौता नहीं हुआ तो फिर अकेले चुनावी मैदान में उतरेंगे.

बाबूलाल मरांडी से बात करते हमारे संवाददाता अमित मिश्र
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बाबूलाल ने इन सीटों पर जताई दावेदारी

बाबूलाल मरांडी कोडरमा और गोड्डा की सीट के अलावे भी एक सीट और चाहते हैं. जेवीएम सुप्रीमो चाहते हैं कि वहां से उनके विधायक प्रदीप यादव चुनाव लड़ें. इसके साथ ही कोडरमा की सीट खुद के लिए चाह रहे हैं.

गोड्डा पर है घमासान

महागठबंधन में गोड्डा सीट को लेकर सबसे ज्यादा घमासान है. इस सीट पर गठबंधन के दो प्रमुख दल जेवीएम और कांग्रेस दावा पेश कर रही है. कांग्रेस चाहती है कि इस सीट मुस्लिम उम्मीदवार दें. बाबूलाल के बयान पर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि वे सीनियर व्यक्ति हैं, उनसे ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती है. ऐसे में हमलोग फिर मान लेंगे कि मुस्लिम सिर्फ वोट देने के लिए हैं.

कोडरमा पर माले की दावेदारी

कोडरमा सीट से खुद जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. लेकिन कथित रूप से महागठबंधन में शामिल भाकपा माले के विधायक राजकुमार यादव ने भी इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है. उन्होंने कहा है कि अगर सीटों पर बात होगी तो हमारी पार्टी भी कोडरमा सीट चाहेगी.

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वहीं, नाराज बाबूलाल मरांडी को मनाने के लिए उनके रांची स्थित आवास पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय मनाने के लिए गए थे. लेकिन दोनों के बीच बात नहीं बनी है. सुबोधकांत ने कहा कि बाबूलाल ने उनसे कहा कि पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद आगे का फैसला सुनाएंगे.

हालांकि राहुल गांधी से मीटिंग के बाद जेएमएम और कांग्रेस की तरफ से कहा गया था कि जल्द ही सीट बंटवारे को लेकर औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा. लेकिन सहयोगी दलों ने जिस तरह से तेवर दिखाए हैं, उससे लगता नहीं है कि झारखंड में महागठबंधन की राहें आसान हैं.

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रांची: झारखंड में महागठबंधन के लिए कांग्रेस का फॉर्मूला कामयाब होता नहीं दिख रहा है. सीट बंटवारे से पहले ही महागठबंधन में बवंडर मचा है. सीट की संख्या और पसंदीदा सीटों को लेकर घमासान जारी है.



दरअसल, झारखंड में कांग्रेस, जेएमएम, जेवीएम और राजद महागठबंधन में शामिल है. वामदलों की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है. प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों में से कौन कितने सीट पर चुनाव लड़ेगा, ये स्पष्ट नहीं है. लेकिन गुरुवार को दिल्ली में जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और राहुल गांधी की मुलाकात के बाद सीट बंटवारे को लेकर कुछ स्थिति साफ हुई.





गुरुवार को राहुल से मुलाकात के दौरान हेमंत सोरेन, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार मौजूद रहे. राहुल के आवास से आरपीएन सिंह जब बाहर निकले तो उन्होंने कहा कि सीट को लेकर बात बन गई है. ये तय हुआ है कि कांग्रेस लोकसभा में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं, विधानसभा चुनाव में जेएमएम ज्यादा सीटों पर लड़ेगी. विधानसभा हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.





इस ऐलान के बाद यह तो साफ हो गया था कि कांग्रेस सबसे ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस की तरफ से सहयोगी दलों को 7+7 का फॉर्मूला दिया गया है. जिसमें 7 सीट पर कांग्रेस, 4 पर जेएमएम, 2 पर जेवीएम और एक सीट पर आरजेडी चुनाव लड़ेगी.





 दिल्ली में आरपीएन और हेमंत सोरेन के इस ऐलान के बाद रांची में बैठे जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी गरम हो गए है. उन्होंने साफ कर दिया कि हम तीन सीट से कम पर चुनाव नहीं लड़ेंगे. अगर इस पर समझौता नहीं हुआ तो फिर अकेले चुनावी मैदान में उतरेंगे.





बाबूलाल ने इन सीटों पर जताई दावेदारी

बाबूलाल मरांडी कोडरमा और गोड्डा की सीट के अलावे भी एक सीट और चाहते हैं. जेवीएम सुप्रीमो चाहते हैं कि वहां से उनके विधायक प्रदीप यादव चुनाव लड़ें. इसके साथ ही कोडरमा की सीट खुद के लिए चाह रहे हैं.





गोड्डा पर है घमासान

महागठबंधन में गोड्डा सीट को लेकर सबसे ज्यादा घमासान है. इस सीट पर गठबंधन के दो प्रमुख दल जेवीएम और कांग्रेस दावा पेश कर रही है. कांग्रेस चाहती है कि इस सीट मुस्लिम उम्मीदवार दें. बाबूलाल के बयान पर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि वे सीनियर व्यक्ति हैं, उनसे ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती है. ऐसे में हमलोग फिर मान लेंगे कि मुस्लिम सिर्फ वोट देने के लिए हैं.





कोडरमा पर माले की दावेदारी

कोडरमा सीट से खुद जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. लेकिन कथित रूप से महागठबंधन में शामिल भाकपा माले के विधायक राजकुमार यादव ने भी इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है. उन्होंने कहा है कि अगर सीटों पर बात होगी तो हमारी पार्टी भी कोडरमा सीट चाहेगी.





हालांकि राहुल गांधी से मीटिंग के बाद जेएमएम और कांग्रेस की तरफ से कहा गया था कि जल्द ही सीट बंटवारे को लेकर औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा. लेकिन सहयोगी दलों ने जिस तरह से तेवर दिखाए हैं, उससे लगता नहीं है कि झारखंड में महागठबंधन की राहें आसान हैं.


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