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निजी प्रैक्टिस करने वाले RIMS के डॉक्टरों पर कसेगा शिकंजा, CM ने दिए कई जरूरी निर्देश

सूबे के सीएम रघुवर दास ने रिम्स की व्यवस्था को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की. इस दौरान उन्होंने रिम्स के डॉक्टरों पर निजी प्रैक्टिस के लिए कार्रवाई करने की बात कही. दौरान उन्होंने रिम्स के डॉक्टरों पर निजी प्रैक्टिस के लिए कार्रवाई करने की बात कही.

बैठक करते सीएम
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Published : Jun 26, 2019, 7:45 PM IST

रांची: 25 जून को रिम्स के इमरजेंसी वार्ड का औचक निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास राज्य के इस सबसे बड़े अस्पताल की व्यवस्थागत खामियों को दूर करने में जुट गए हैं. बुधवार को उन्होंने प्रोजेक्ट भवन में रिम्स की व्यवस्था को लेकर हाई लेवल मीटिंग की. उन्होंने तत्काल प्रभाव से नये पेइंग वार्ड में कुछ ओपीडी को शिफ्ट करने का निर्देश दिया.
सीएम ने कहा कि अक्सर यह सुनने को मिलता है कि रिम्स में मशीन खराब होने के कारण मरीजों को जांच के लिए बाहर जाना पड़ता है. लंबे समय तक मशीनों की मरम्मत नहीं हो पाती है. मुख्यमंत्री ने इसकी जवाबदेही संबंधित विभागाध्यक्ष को दी है. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर मशीन ठीक नहीं हुई तो संबंधित विभागाध्यक्ष पर कार्रवाई होगी.

देखें पूरी खबर

निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों पर कसेगा शिकंजा
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि निजी प्रैक्टिस करने वाले रिम्स के चिकित्सकों की सूची सरकार को मिल चुकी है. अब एसीबी से उनके कार्यों की जांच करायी जायेगी. इसके साथ ही रिम्स में घुमने वाले दलालों पर भी कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि दलालों पर केस दर्ज कर जेल भेजा जाएगा.

जल्द भरे जाएंगे डॉक्टर और नर्सों के पद
बैठक में यह फैसला लिया गया कि एक महीने के अंदर नर्सों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. 15 दिनों के भीतर सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों के पद सृजित किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- महागठबंधन में बन रहा नया समीकरण, JVM और आरजेडी से किया जा सकता है किनारा

पुलिस संभालेगी रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था
रिम्स में आए दिन मरीज और जूनियर डॉक्टरों के बीच मारपीट की खबरें आती रहती हैं. लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता है. हमेशा डॉक्टर सुरक्षा की मांग करते हैं. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने डीजीपी केएन चौबे को खुद रिम्स जाकर जरूरत के मुताबिक सुरक्षाबल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. दुर्घटना के मामलों में यूडी करने के लिए एक टीम भी रिम्स में रहेगी. सीएम ने स्पष्ट किया कि मरीजों से उनके परिजन तय समय में ही मिले इसको सुनिश्चित करना है.

दवा के स्टॉक की मिलती रहेगी जानकारी
रिम्स में अक्सर दवाओं की कमी के कारण मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है. इस दौरान स्टॉक में दवा नहीं होने का हवाला दिया जाता है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि दवाओं के स्टाफ को कंप्यूटरीकृत करें ताकि दवा की उपलब्धता की सही जानकारी मिलती रहे.

ये भी पढ़ें- CNT मामले पर बीजेपी ने हेमंत सोरेन को घेरा, कहा- पत्नी के नाम पर गलत तरीके से खरीदी जमीन

रिम्स को अतिक्रमण से बचाने का निर्देश
रिम्स के मुख्य गेट के सामने पार्किंग के आसपास के क्षेत्र में ठेले और खोमचे की दुकानें भरी पड़ी है. बार-बार हटाने के बाद भी दुकानें लग जाती हैं, मुख्यमंत्री ने अविलंब ऐसी दुकानों को हटाने और उन्हें किसी सुरक्षित खाली क्षेत्र में दुकान लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया है.
इस हाई लेवल मीटिंग में मुख्य सचिव, विकास आयुक्त, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव, भवन निर्माण विभाग के सचिव और रिम्स के निदेशक मौजूद थे.

रांची: 25 जून को रिम्स के इमरजेंसी वार्ड का औचक निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास राज्य के इस सबसे बड़े अस्पताल की व्यवस्थागत खामियों को दूर करने में जुट गए हैं. बुधवार को उन्होंने प्रोजेक्ट भवन में रिम्स की व्यवस्था को लेकर हाई लेवल मीटिंग की. उन्होंने तत्काल प्रभाव से नये पेइंग वार्ड में कुछ ओपीडी को शिफ्ट करने का निर्देश दिया.
सीएम ने कहा कि अक्सर यह सुनने को मिलता है कि रिम्स में मशीन खराब होने के कारण मरीजों को जांच के लिए बाहर जाना पड़ता है. लंबे समय तक मशीनों की मरम्मत नहीं हो पाती है. मुख्यमंत्री ने इसकी जवाबदेही संबंधित विभागाध्यक्ष को दी है. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर मशीन ठीक नहीं हुई तो संबंधित विभागाध्यक्ष पर कार्रवाई होगी.

देखें पूरी खबर

निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों पर कसेगा शिकंजा
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि निजी प्रैक्टिस करने वाले रिम्स के चिकित्सकों की सूची सरकार को मिल चुकी है. अब एसीबी से उनके कार्यों की जांच करायी जायेगी. इसके साथ ही रिम्स में घुमने वाले दलालों पर भी कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि दलालों पर केस दर्ज कर जेल भेजा जाएगा.

जल्द भरे जाएंगे डॉक्टर और नर्सों के पद
बैठक में यह फैसला लिया गया कि एक महीने के अंदर नर्सों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. 15 दिनों के भीतर सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों के पद सृजित किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- महागठबंधन में बन रहा नया समीकरण, JVM और आरजेडी से किया जा सकता है किनारा

पुलिस संभालेगी रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था
रिम्स में आए दिन मरीज और जूनियर डॉक्टरों के बीच मारपीट की खबरें आती रहती हैं. लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता है. हमेशा डॉक्टर सुरक्षा की मांग करते हैं. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने डीजीपी केएन चौबे को खुद रिम्स जाकर जरूरत के मुताबिक सुरक्षाबल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. दुर्घटना के मामलों में यूडी करने के लिए एक टीम भी रिम्स में रहेगी. सीएम ने स्पष्ट किया कि मरीजों से उनके परिजन तय समय में ही मिले इसको सुनिश्चित करना है.

दवा के स्टॉक की मिलती रहेगी जानकारी
रिम्स में अक्सर दवाओं की कमी के कारण मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है. इस दौरान स्टॉक में दवा नहीं होने का हवाला दिया जाता है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि दवाओं के स्टाफ को कंप्यूटरीकृत करें ताकि दवा की उपलब्धता की सही जानकारी मिलती रहे.

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रिम्स को अतिक्रमण से बचाने का निर्देश
रिम्स के मुख्य गेट के सामने पार्किंग के आसपास के क्षेत्र में ठेले और खोमचे की दुकानें भरी पड़ी है. बार-बार हटाने के बाद भी दुकानें लग जाती हैं, मुख्यमंत्री ने अविलंब ऐसी दुकानों को हटाने और उन्हें किसी सुरक्षित खाली क्षेत्र में दुकान लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया है.
इस हाई लेवल मीटिंग में मुख्य सचिव, विकास आयुक्त, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव, भवन निर्माण विभाग के सचिव और रिम्स के निदेशक मौजूद थे.

Intro:निजी प्रैक्टिस करने वाले रिम्स के डॉक्टरों पर कसेगा शिकंजा, सीएम ने दिए कई जरूरी निर्देश


रांची

25 जून को रिम्स के इमरजेंसी वार्ड का औचक निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास, राज्य के इस सबसे बड़े अस्पताल की व्यवस्थागत खामियों को दूर करने में जुट गए हैं। आज उन्होंने प्रोजेक्ट भवन में रिम्स की व्यवस्था को लेकर हाई लेवल मीटिंग की। उन्होंने तत्काल प्रभाव से नये पेइंग वार्ड में कुछ ओपीडी को शिफ्ट करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अक्सर यह सुनने को मिलता है कि रिम्स में मशीन खराब होने के कारण मरीजों को जांच के लिए बाहर जाना पड़ता है और लंबे समय तक मशीन की मरम्मत नहीं होती। मुख्यमंत्री ने इसकी जवाबदेही संबंधित विभागाध्यक्ष को दी है। उन्होंने कहा कि 1 सप्ताह के अंदर मशीन ठीक नहीं हुई तो संबंधित विभागाध्यक्ष पर कार्रवाई होगी।

निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों पर कसेगा शिकंजा

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि निजी प्रेक्टिस करनेवाले रिम्स के चिकित्सकों की सूची सरकार को मिल चुकी है। अब एसीबी से उनके कार्यों की जांच करायी जायेगी।साथ ही रिम्स में घुमनेवाले दलालों पर भी कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि दलालों पर केस दर्ज कर जेल भेजा जाएगा।

डॉक्टर और नर्सों के पद जल्द भरे जाएंगे

बैठक में फैसला लिया गया कि 1 माह के भीतर नर्सों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। साथ में 15 दिनों के भीतर सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों के पद सृजित किए जाएंगे।

पुलिस संभालेगी रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था

रिम्स में आए दिन मरीज और जूनियर डॉक्टरों के बीच मारपीट की खबरें आती रहती हैं। लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता है। हमेशा डॉक्टर सुरक्षा की मांग करते हैं। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने डीजीपी केएन चौबे को खुद रिम्स जाकर जरूरत के मुताबिक सुरक्षा बल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। दुर्घटना के मामलों में एडी करने के लिए एक टीम भी रिम्स में रहेगी। सीएम ने स्पष्ट किया कि मरीजों से उनके परिजन तय समय में ही मिले इसको सुनिश्चित करना है।

दवा के स्टॉक की मिलती रहेगी जानकारी

रिम्स में अक्सर दवाओं की कमी के कारण मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है। इस दौरान स्टॉक में दवा नहीं होने का हवाला दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि दवाओं के स्टाफ को कंप्यूटरीकृत करें ताकि दवा की उपलब्धता की सही जानकारी मिलती रहे।

Body:रिम्स को अतिक्रमण से बचाने का निर्देश

फिल्म्स के मुख्य गेट के सामने पार्किंग के आसपास के क्षेत्र में ठेले और खोमचे की दुकानें भरी पड़ी है। बार-बार हटाने के बाद भी दुकानें लग जाती हैं। मुख्यमंत्री ने अविलंब ऐसी दुकानों को हटाने और उन्हें किसी सुरक्षित खाली क्षेत्र में दुकान लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया है।


       Conclusion:इस हाई लेवल मीटिंग में मुख्य सचिव, विकास आयुक्त, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव, भवन निर्माण विभाग के सचिव और रिम्स के निदेशक मौजूद थे
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