रांची: प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के बेरोजगार युवकों को भत्ता देने को लेकर पार्टी के स्टैंड पर सियासत तेज हो गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एक तरफ स्पष्ट कहा कि पार्टी वैसे युवकों को बेरोजगारी भत्ता देने का मन बना रही है, जिन्हें राज्य में रोजगार नहीं मिल पाएगा. इस बाबत पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष और झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर इशारा भी किया है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी सत्तारूढ़ बीजेपी की तरह मोमेंटम झारखंड जैसा इवेंट नहीं करना चाहती. भट्टाचार्य ने कहा कि युवाओं को रोजगार देना झारखंड मुक्ति मोर्चा की पहली प्राथमिकता है. राज्य में सत्ता में आने पर पार्टी जरूर पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि इसके तहत जिन युवाओं को राज्य में नौकरी नहीं मिलेगी, उन्हें सम्मानजनक राशि देने की योजना पर पार्टी विचार कर रही है.
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वहीं, बीजेपी ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह ठीक उसी तरह फ्लॉप होने वाली योजना है, जिस तरह विपक्षी दल कांग्रेस साल में 72 हजार रुपए देने की घोषणा कर लोकसभा चुनाव में वोट बटोरने की कोशिश कर रही थी. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल ने कहा कि जिस तरह लोकसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा को यहां के लोगों ने एक सीट पर समेट दिया. आगामी विधानसभा चुनाव में ऐसा ही कुछ होने की उम्मीद है.
दीनदयाल बरनवाल ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता केवल एक 'पॉलीटिकल स्टंट' है और इसके झांसे में झारखंड के लोग नहीं आने वाले हैं. उन्होंने ये भी कहा कि मौजूदा सरकार ने बेरोजगार युवकों के लिए कौशल विकास जैसी योजनाएं शुरू की और बड़ी संख्या में झारखंड के युवकों को नौकरी मिली है.
बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दल की बैठक में बेरोजगार युवकों को ऐसा भत्ता देने की बात पर चर्चा हुई है. आगामी 16-17 जून को पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति में इस पर कोई निर्णय लिया जा सकता है.