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बाबूलाल मरांडी ने कोर्ट में किया सरेंडर,  10-10 हजार का भरा बेल बांड

जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को कोर्ट में सरेंडर किया. जिसके बाद दस-दस हजार के बांड भरे. बताया जा रहा था कि पर न्यायायुक्त स्वर्ण शंकर प्रसाद की अदालत में बाबूलाल मरांडी को 1 फरवरी को अग्रिम जमानत दी थी.

बाबूलाल मरांडी ने किया सरेंडर
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Published : Feb 2, 2019, 4:28 PM IST

रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेवीएम के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने सिविल कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत में सरेंडर किया. जिसके बाद उनकी ओर से कोर्ट में 10-10 हजार का बेल बांड भरा.

जानकारी के अनुसार, सिविल कोर्ट स्थित अपर न्यायायुक्त स्वर्ण शंकर प्रसाद की अदालत में बाबूलाल मरांडी को 1 फरवरी को अग्रिम जमानत दी थी. इसके अलावा मरांडी को न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया था. सरेंडर करने के बाद कोर्ट में उनकी ओर से दस-दस हजार का बेल बांड गया.

बाबूलाल मरांडी ने किया सरेंडर
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क्या है पूरा मामला
बता दें कि बाबूलाल मरांडी सहित 54 अन्य लोगों के खिलाफ जगन्नाथपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सीएनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में विधानसभा का घेराव संपूर्ण विपक्षी दलों द्वारा किया गया था. जिसमें पुलिस और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच झड़प हुई थी. इसमें प्रदर्शन कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे. इसके अलावा लाठीचार्ज भी की थी. कई लोग घायल भी हुए थे.

54 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी
इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से 23 नवंबर 2016 को जगन्नाथपुर थाने में 54 लोगों के खिलाफ नामजद 1500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आरोपियों के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा डालने, नाजायज तरीके से भीड़ लगाने, निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने सहित अन्य आरोप को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेवीएम के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने सिविल कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत में सरेंडर किया. जिसके बाद उनकी ओर से कोर्ट में 10-10 हजार का बेल बांड भरा.

जानकारी के अनुसार, सिविल कोर्ट स्थित अपर न्यायायुक्त स्वर्ण शंकर प्रसाद की अदालत में बाबूलाल मरांडी को 1 फरवरी को अग्रिम जमानत दी थी. इसके अलावा मरांडी को न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया था. सरेंडर करने के बाद कोर्ट में उनकी ओर से दस-दस हजार का बेल बांड गया.

बाबूलाल मरांडी ने किया सरेंडर
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क्या है पूरा मामला
बता दें कि बाबूलाल मरांडी सहित 54 अन्य लोगों के खिलाफ जगन्नाथपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सीएनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में विधानसभा का घेराव संपूर्ण विपक्षी दलों द्वारा किया गया था. जिसमें पुलिस और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच झड़प हुई थी. इसमें प्रदर्शन कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे. इसके अलावा लाठीचार्ज भी की थी. कई लोग घायल भी हुए थे.

54 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी
इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से 23 नवंबर 2016 को जगन्नाथपुर थाने में 54 लोगों के खिलाफ नामजद 1500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आरोपियों के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा डालने, नाजायज तरीके से भीड़ लगाने, निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने सहित अन्य आरोप को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

Intro:रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी को सिविल कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत में सरेंडर किया. उनकी ओर से कोर्ट में बेल बांड भरा जा रहा है.
बता दें कि सिविल कोर्ट स्थित अपर न्यायायुक्त स्वर्ण शंकर प्रसाद की अदालत से उन्हें एक फरवरी को अग्रिम जमानत की सुविधा प्रदान की थी. साथ ही बाबूलाल मरांडी को न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था. कोर्ट में उनकी ओर से दस-दस हजार का बेल बांड भरा जा रहा है.
बता दें कि बाबूलाल मरांडी सहित 54 अन्य लोगों के खिलाफ जगन्नाथपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सीएनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में विधानसभा का घेराव संपूर्ण विपक्षी दलों द्वारा किया गया था, जिसमें पुलिस और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच झड़प हुई थी. यह झड़प सेटेलाइट कॉलनी के समीप हुई थी. इसमें प्रदर्शन कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे. इसके अलावा लाठीचार्ज भी की थी. कई लोग घायल भी हुए थे. इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से 23 नवंबर 2016 को जगन्नाथपुर थाने में 54 लोगों के खिलाफ नामजद 1500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आरोपियों के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा डालने, नाजायज तरीके से मजमा लगाने, निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने सहित अन्य आरोप को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.


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