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सामूहिक छुट्टी पर जाएंगे झारखंड के 70 हजार पुलिसकर्मी, डीजीपी के साथ वार्ता के बाद भी नहीं बनी बात - ranchi

आगामी 28 फरवरी से 4 मार्च तक राज्य के 70 हजार पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे. जिससे झारखंड की लॉ एंड ऑर्डर चरमरा सकती है. दरअसल झारखंड पुलिस एसोसिएशन के राज्य के डीजीपी समेत आला अधिकारियों के साथ सात सूत्री मांगों को लेकर वार्ता सोमवार को विफल रही है. जिसके बाद एसोसिएशन ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की घोषणा की है.

जानकारी देते योगेंद्र सिंह
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Published : Feb 11, 2019, 5:27 PM IST

रांची: आगामी 28 फरवरी से 4 मार्च तक राज्य के 70 हजार पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे. जिससे झारखंड की लॉ एंड ऑर्डर चरमरा सकती है. दरअसल झारखंड पुलिस एसोसिएशन के राज्य के डीजीपी समेत आला अधिकारियों के साथ सात सूत्री मांगों को लेकर वार्ता सोमवार को विफल रही है. जिसके बाद एसोसिएशन ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की घोषणा की है.

इसके तहत 12 फरवरी से 3 दिनों तक काला बिल्ला लगाकर पुलिसकर्मी काम करेंगे. वहीं, 20 फरवरी को सामूहिक उपवास पर रहेंगे. जबकि 28 फरवरी से 4 मार्च तक 70 हजार पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे.

जानकारी देते योगेंद्र सिंह
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बता दें कि झारखंड पुलिस एसोसिएशन, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन और झारखंड पुलिस फोर्थ ग्रेड एसोसिएशन पिछले 3 सालों से अपनी 7 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है. जिसमें प्रमुख रूप से 13 महीने का वेतन, सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप पुलिस कर्मियों को मिलने वाले भत्ते की मांग और शाहिद पुलिसकर्मियों के आश्रितों को नौकरी की मांग शामिल है.

झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य के डीजीपी के अध्यक्षता में बैठक की गई. जिसमें विभाग के विशेष सचिव भी मौजूद थे. साथ ही मुख्यालय के सभी आला अधिकारियों ने भी माना है कि एसोसिएशन की मांगें जायज है. हालांकि आला अधिकारियों द्वारा सिर्फ आश्वासन मिला है. उन्होंने कहा कि जब तक मंत्री परिषद में लाकर अधिसूचना जारी नहीं की जाती तब तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि 28 फरवरी तक लंबा समय बचा है. इसमें निर्णय ले लेना चाहिए नहीं तो मजबूरन वो आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे.

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रांची: आगामी 28 फरवरी से 4 मार्च तक राज्य के 70 हजार पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे. जिससे झारखंड की लॉ एंड ऑर्डर चरमरा सकती है. दरअसल झारखंड पुलिस एसोसिएशन के राज्य के डीजीपी समेत आला अधिकारियों के साथ सात सूत्री मांगों को लेकर वार्ता सोमवार को विफल रही है. जिसके बाद एसोसिएशन ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की घोषणा की है.

इसके तहत 12 फरवरी से 3 दिनों तक काला बिल्ला लगाकर पुलिसकर्मी काम करेंगे. वहीं, 20 फरवरी को सामूहिक उपवास पर रहेंगे. जबकि 28 फरवरी से 4 मार्च तक 70 हजार पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे.

जानकारी देते योगेंद्र सिंह
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बता दें कि झारखंड पुलिस एसोसिएशन, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन और झारखंड पुलिस फोर्थ ग्रेड एसोसिएशन पिछले 3 सालों से अपनी 7 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है. जिसमें प्रमुख रूप से 13 महीने का वेतन, सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप पुलिस कर्मियों को मिलने वाले भत्ते की मांग और शाहिद पुलिसकर्मियों के आश्रितों को नौकरी की मांग शामिल है.

झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य के डीजीपी के अध्यक्षता में बैठक की गई. जिसमें विभाग के विशेष सचिव भी मौजूद थे. साथ ही मुख्यालय के सभी आला अधिकारियों ने भी माना है कि एसोसिएशन की मांगें जायज है. हालांकि आला अधिकारियों द्वारा सिर्फ आश्वासन मिला है. उन्होंने कहा कि जब तक मंत्री परिषद में लाकर अधिसूचना जारी नहीं की जाती तब तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि 28 फरवरी तक लंबा समय बचा है. इसमें निर्णय ले लेना चाहिए नहीं तो मजबूरन वो आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे.

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Intro:रांची. झारखंड की लॉ एंड ऑर्डर चरमरा सकती है। क्योंकि आगामी 28 फरवरी से 4 मार्च तक राज्य के 70 हजार पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। दरअसल झारखंड पुलिस एसोसिएशन की राज्य के डीजीपी समेत आला अधिकारियों के साथ सात सूत्री मांगों को लेकर वार्ता सोमवार को विफल रही है । जिसके बाद एसोसिएशन ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की घोषणा की है ।




Body:जिसके तहत 12 फरवरी से 3 दिनों तक काला बिल्ला लगाकर पुलिसकर्मी काम करेंगे। वहीं 20 फरवरी को सामूहिक उपवास पर रहेंगे। जबकि 28 फरवरी 4 मार्च तक 70 हजार पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। झारखंड पुलिस एसोसिएशन, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन और झारखंड पुलिस फोर्थ ग्रेड एसोसिएशन पिछले 3 वर्षों से अपनी 7 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है। जिसमें प्रमुख रूप से 13 माह का वेतन,सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप पुलिस कर्मियों को मिलने वाले भत्ते की मांग और शाहिद पुलिसकर्मियों के आश्रितों को नौकरी की मांग शामिल है।


Conclusion:झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य के डीजीपी के अध्यक्षता में बैठक की गई। जिसमें विभाग के विशेष सचिव भी मौजूद थे। साथ ही मुख्यालय के सभी आला अधिकारियों ने भी यह माना है कि एसोसिएशन की मांगे जायज है। हालांकि आला अधिकारियों द्वारा सिर्फ आश्वासन मिला है। उन्होंने कहा कि जब तक मंत्री परिषद में लाकर अधिसूचना जारी नहीं की जाती तब तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 28 फरवरी तक लंबा समय बचा है। इसमें निर्णय लेना चाहिए नहीं तो मजबूरन हम आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे।

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