JPSC RESULT 2022: वेल्डर की बेटी सावित्री ने जेपीएससी परीक्षा में किया टॉप, पहले प्रयास में ही मिली सफलता - Asian University of Women
बोकारो के कसमार की रहने वाली सावित्री कुमारी जेपीएससी परीक्षा के प्रशासनिक सेवा में टॉप स्थान हासिल कर छात्रों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गई हैं. साधारण परिवार में जन्मी सावित्री को यह उपलब्धि कड़ी मेहनत, और लगन के कारण मिली है.

झारखंड लोक सेवा आयोग के 7वीं से लेकर 10वीं सिविल सेवा परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया है. इस परीक्षा में बोकारो जिला कसमार प्रखंड के दांतु गांव के रहने वाले बेल्डर राजेश्वर नायक की बेटी सावित्री कुमारी झारखंड प्रशासनिक सेवा वर्ग में टॉप पर रही. कुल 252 पदों पर नियुक्ति के लिए ली गई परीक्षा में प्रशासनिक सेवा में कट ऑफ मार्क्स अधिक रहने से अनारक्षित कोटा में सावित्री कुमारी अपने पहले प्रयास में ही अव्वल स्थान प्राप्त किया. रिजल्ट देख सावित्री और उसके परिजनों ने खुशी जाहिर की है.
ये भी पढ़ें:- JPSC EXAM: सातवीं से दसवीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी, 802 अभ्यर्थी हुए सफल
बचपन से ही मेधावी थी सावित्री कुमारी: प्रशासनिक सेवा में टॉप करने वाली सावित्री बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी थी. गांव के मिडिल स्कूल से पांचवी तक की शिक्षा हासिल करने के बाद उनका चयन जवाहर नवोदय विद्यालय तेनुघाट में हुआ था. 11वीं तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय में पूरी करने के बाद 2010 में उसी स्कूल से स्कॉलरशिप के जरिए एशियन यूनिवर्सिटी ऑफ वुमेन जो कि बांग्लादेश में स्थित है, वहां जाकर उन्होंने एनवायरनमेंट साइंस में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. ग्रेजुएशन करने के बाद सावित्री का चयन उसी यूनिवर्सिटी में रिसर्च फेलो के रूप में हो गया. इसके बाद मास्टर डिग्री के लिए उसका नामांकन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ऑफ इंग्लैंड में हुआ. मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद 2018 में वह इंडिया लौट गई. सावित्री फिलहाल आईआईटी मुंबई में क्लाइमेट चेंज पर रिसर्च कर रही थी.
वेल्डिंग की दुकान चलाते हैं पिता: प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छा बचपन से ही सावित्री की थी. दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी भी उन्होंने की. लेकिन कुछ कारणों की वजह से उन्हें झारखंड लौटना पड़ा और अपने गांव में रहकर 1 साल तक उन्होंने झारखंड प्रशासनिक सेवा की तैयारी की. ग्रास रूट लेवल पर सावित्री काम करना चाहती हैं और इसी उद्देश्य को लेकर उन्होंने प्रशासनिक सेवा का चयन भी किया है. बताते चलें कि सावित्री के पिता राजेश्वर प्रसाद नायक गांव में ही एक वेल्डिंग की दुकान चलाते हैं और मां गृहिणी है. राजेश्वर नायक की तीन बेटियों में सावित्री दूसरे नंबर पर है. सावित्री के जेपीएससी में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.
