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देखिये मंत्रीजी ये आपका ही क्षेत्र है...जनप्रतिनिधियों से आस टूटी तो ग्रामीणों ने उठाया कुदाल, शुरू किया सड़क का निर्माण

शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र बेरमो के जामुनपनिया गांव में सड़क बदहाल है. ग्रामीण लंबे समय से इसके निर्माण की गुहार लगा रहे हैं लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. ग्रामीण हर साल श्रमदान कर कच्ची सड़क का निर्माण करते हैं.

Jamunpaniya village of Bokaro
बोकारो का जामुनपनिया गांव
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Published : Oct 20, 2021, 3:29 PM IST

Updated : Oct 20, 2021, 4:51 PM IST

बोकारो: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के विधानसभा क्षेत्र बेरमो के जामुनपनिया गांव में लोग पिछले 10 सालों से सड़क निर्माण की आस लगाए बैठे हैं. ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक-सांसद से सड़क बनवाने की गुहार लगाई लेकिन जब किसी ने नहीं सुनी तो श्रमदान कर एक किलोमीटर पथ मरम्मत कार्य शुरू कर दिया.

यह भी पढ़ें: 'बाहर में जहर फैला है निकलना है मना' जानिए क्यों एक परिवार 8 दिनों से घर में था कैद

हर साल करनी पड़ती है मरम्मत

जामुनपनिया गांव प्रखंड मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. गांव के पास से ही चकाचक सड़क गुजरती है लेकिन लोगों को अपने गांव जाने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है. बरसात के दिनों में ग्रामीणों का जीना मुहाल हो जाता है. ग्रामीण पिछले 10 वर्षों से सड़क निर्माण की आस लगाए बरसात के दिनों में अपने गांव जाने वाली सड़क की मरम्मत मिलकर करते हैं. ग्रामीण हर साल श्रमदान कर एक किलोमीटर रास्ते को बरसात के बाद चलने लायक बनाते हैं.

देखें पूरी खबर

मंत्री से भी लगाई गुहार

ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में या फिर उसके बाद यह सड़क चलने लायक नहीं रहती है. इस सड़क से होकर मुख्य पथ पहुंचने के लिए पैदल चलना भी मुश्किल होता है. इस सड़क के रास्ते ग्रामीण नावाडीह आना-जाना करते हैं. आदिवासी बहुल इस गांव की आबादी करीब 200 है. ग्रामीणों का कहना है सड़क ठीक नहीं रहने के कारण यहां लोगों को काफी दिक्कत होती है. लोगों ने बताया कि इस सड़क के निर्माण को लेकर मंत्री जगरनाथ महतो और सांसद से भी गुहार लगाई लेकिन सड़क निर्माण नहीं हो सका.

बोकारो: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के विधानसभा क्षेत्र बेरमो के जामुनपनिया गांव में लोग पिछले 10 सालों से सड़क निर्माण की आस लगाए बैठे हैं. ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक-सांसद से सड़क बनवाने की गुहार लगाई लेकिन जब किसी ने नहीं सुनी तो श्रमदान कर एक किलोमीटर पथ मरम्मत कार्य शुरू कर दिया.

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हर साल करनी पड़ती है मरम्मत

जामुनपनिया गांव प्रखंड मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. गांव के पास से ही चकाचक सड़क गुजरती है लेकिन लोगों को अपने गांव जाने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है. बरसात के दिनों में ग्रामीणों का जीना मुहाल हो जाता है. ग्रामीण पिछले 10 वर्षों से सड़क निर्माण की आस लगाए बरसात के दिनों में अपने गांव जाने वाली सड़क की मरम्मत मिलकर करते हैं. ग्रामीण हर साल श्रमदान कर एक किलोमीटर रास्ते को बरसात के बाद चलने लायक बनाते हैं.

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मंत्री से भी लगाई गुहार

ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में या फिर उसके बाद यह सड़क चलने लायक नहीं रहती है. इस सड़क से होकर मुख्य पथ पहुंचने के लिए पैदल चलना भी मुश्किल होता है. इस सड़क के रास्ते ग्रामीण नावाडीह आना-जाना करते हैं. आदिवासी बहुल इस गांव की आबादी करीब 200 है. ग्रामीणों का कहना है सड़क ठीक नहीं रहने के कारण यहां लोगों को काफी दिक्कत होती है. लोगों ने बताया कि इस सड़क के निर्माण को लेकर मंत्री जगरनाथ महतो और सांसद से भी गुहार लगाई लेकिन सड़क निर्माण नहीं हो सका.

Last Updated : Oct 20, 2021, 4:51 PM IST
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