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रेलवे ने ग्रामीणों को दिया घर खाली करने का नोटिस, लोगों ने की पुनर्वास की मांग - बोकारो में रेलवे लाइन काट चौड़ीकरण

बोकारो के हरला थाना क्षेत्र अंतर्गत धनधरी गांव में रेलवे की ओर से विकास कार्य करने और रेलवे लाइन की चौड़ीकरण के लिए ग्रामीणों को घर खाली करने का नोटिस दिया है. इस मामले में ग्रामीणों ने प्रशासन से पहले पुनर्वास की मांग की है.

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ग्रामीणों को दिया घर खाली करन का नोटिस
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Published : Mar 2, 2021, 5:28 PM IST

बोकारोः जिले के हरला थाना क्षेत्र के अंतर्गत नन पंचायत में एक गांव धनधरी है. यह गांव इस्पात नगर स्टेशन से महज 200 मीटर की दूरी पर बसा हुआ. इस गांव में अधिकतर ग्रामीण कई पीढ़ियों से गुजर बसर करते रहे हैं. जहां रेलवे की ओर से विकास कार्य करने और रेलवे लाइन चौड़ीकरण करने के लिए ग्रामीणों को घर खाली करने का नोटिस थमा दिया गया है. इस नोटिस से 19 घरों के ग्रामीण भयभीत हैं.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- सरायकेलाः वन विभाग की जमीन पर बना अवैध मकान पर चला हथौड़ा, बिना नोटिस कार्रवाई से लोगों में आक्रोश


नोटिस के माध्यम से घर खाली करने के आदेश
1984 में रेलवे की ओर से 16 घरों को नोटिस देकर घर खाली कराया गया था. उस समय रेलवे की ओर से मौखिक रूप से जमीन का मुआवजा और रेलवे में नौकरी देने की सहमति बनी थी, लेकिन आज तक न ही मुआवजा मिला और न ही नौकरी मिली. अब दोबारा से रेलवे की ओर से 19 घरों के लोगों को 20 जनवरी 2021 को नोटिस के माध्यम से घरों को खाली करने का आदेश दिया गया है.



पुनर्वास की गई मांग
ग्रामीण कमाल खान का कहना है कि रेलवे की ओर से गलत तरीके से नोटिस भेजा गया है. रेलवे को खाली पड़ी जमीन से रेलवे लाइन लेकर जाना था, पहले रेलवे ने 1984 में 16 घरों को उजाड़ा अब फिर से 19 घरों को हटाने के लिए नोटिस दिया है. ऐसा ही होता रहा तो एक दिन पूरा धनघरी गांव उजड़ जाएगा. गांव में आज भी 200 साल पुराना घर है, आज तक हम लोगों को स्थाई रूप से नहीं बसाया गया.

रेलवे विकास के लिए लोगों को कर रही बेघर
गांव की ही महिला नुरेशा खातून कहती हैं कि रेलवे उन लोगों को बेघर कर रहा है. वे कहती हैं कि वे किसी भी कीमत पर जमीन और घर छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी. रेलवे की ओर से जारी किए गए नोटिस को देखकर यह कहा जा सकता है कि रेलवे अपने विकास कार्यो को लेकर जमीन और 19 घरों को खाली कराने का मूड बना चुकी है.

बोकारोः जिले के हरला थाना क्षेत्र के अंतर्गत नन पंचायत में एक गांव धनधरी है. यह गांव इस्पात नगर स्टेशन से महज 200 मीटर की दूरी पर बसा हुआ. इस गांव में अधिकतर ग्रामीण कई पीढ़ियों से गुजर बसर करते रहे हैं. जहां रेलवे की ओर से विकास कार्य करने और रेलवे लाइन चौड़ीकरण करने के लिए ग्रामीणों को घर खाली करने का नोटिस थमा दिया गया है. इस नोटिस से 19 घरों के ग्रामीण भयभीत हैं.

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नोटिस के माध्यम से घर खाली करने के आदेश
1984 में रेलवे की ओर से 16 घरों को नोटिस देकर घर खाली कराया गया था. उस समय रेलवे की ओर से मौखिक रूप से जमीन का मुआवजा और रेलवे में नौकरी देने की सहमति बनी थी, लेकिन आज तक न ही मुआवजा मिला और न ही नौकरी मिली. अब दोबारा से रेलवे की ओर से 19 घरों के लोगों को 20 जनवरी 2021 को नोटिस के माध्यम से घरों को खाली करने का आदेश दिया गया है.



पुनर्वास की गई मांग
ग्रामीण कमाल खान का कहना है कि रेलवे की ओर से गलत तरीके से नोटिस भेजा गया है. रेलवे को खाली पड़ी जमीन से रेलवे लाइन लेकर जाना था, पहले रेलवे ने 1984 में 16 घरों को उजाड़ा अब फिर से 19 घरों को हटाने के लिए नोटिस दिया है. ऐसा ही होता रहा तो एक दिन पूरा धनघरी गांव उजड़ जाएगा. गांव में आज भी 200 साल पुराना घर है, आज तक हम लोगों को स्थाई रूप से नहीं बसाया गया.

रेलवे विकास के लिए लोगों को कर रही बेघर
गांव की ही महिला नुरेशा खातून कहती हैं कि रेलवे उन लोगों को बेघर कर रहा है. वे कहती हैं कि वे किसी भी कीमत पर जमीन और घर छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी. रेलवे की ओर से जारी किए गए नोटिस को देखकर यह कहा जा सकता है कि रेलवे अपने विकास कार्यो को लेकर जमीन और 19 घरों को खाली कराने का मूड बना चुकी है.

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