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किराया दोगुना-आमदनी आधी, कम यात्री के साथ दोगुना किराया, मंदा चल रहा ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय

कोरोना संक्रमण काल में प्रदेश सरकार ने अनलॉक 4 में प्रदेश के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए बस और ऑटो को चलने का निर्देश जारी किया है. इस निर्देश के बाद आम लोगों को जहां दोगुना किराया भुगतान करना पड़ रहा है, वहीं इस व्यवसाय से जुड़े लोग इस दौरान होने वाली कम कमाई को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं.

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किराया दोगुना-आमदनी आधी
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Published : Sep 19, 2020, 6:02 AM IST

बोकारोः कोविड-19 के संक्रमण काल में पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा सी गई है. ऐसे में झारखंड प्रदेश में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. झारखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए पहले ऑटो को सोशल डिस्टेंसिंग का नियम पालन करते हुए परिचालन के निर्देश दिया था. अब अनलॉक 4 में प्रदेश के अंदर बसों को नियमों का पालन करते हुए चलाने का निर्देश दिया है.

देखें पूरी खबर

'पैसे बचाने के लिए चलते हैं पैदल'

इस आदेश के बाद यात्रियों को पहले से दोगुना किराया का भुगतान कर सफर करना पड़ रहा है. इसको लेकर यात्री अचानक से आर्थिक बोझ बढ़ने की बात कह रहे हैं. यात्रियों का कहना है अब प्रतिदिन शहर में आने जाने के लिए ₹30 खर्चा करना पड़ रहा है, जिससे हम लोग अब कुछ दूर तक पैदल ही चलना बेहतर समझते हैं. लोगों का कहना है सरकार को इस दिशा में कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए. क्योंकि कमाई जस की तस है और खर्च में अधिकता आ गई है. वहीं एक यात्री ने कहा कि जो नियम बनाया गया है, हम लोगों के लिए भी बनाया गया है ऐसे में नियमों का पालन करते हुए सफर करना है.

'नहीं निकाल पा रहे खर्च'

वहीं ऑटो चालक का कहना है कि पहले से किराया तो जरूर दोगुनी ले रहे हैं, हमारी मजबूरी भी है. क्योंकि ऑटो में अब लोग चार लोग ही बैठा सकते हैं, बावजूद इसके खर्च पूरा नहीं हो पा रहा है. हम लोगों को घर चलाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें- दफ्तर में नरमुंड, सार्वजनिक कार्यालय में रखा नरकंकाल, ऑफिस में लोगों को लगता है डर

बसों में कम हो गए यात्री

नया मोड़ बस स्टैंड मे बसों की एजेंटी करने वालों ने कहा कि कोरोना की वजह से यात्रियों की संख्या पहले से काफी कम है. सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए यात्रियों को एक सीट देकर दो सीट का किराया लेना पड़ रहा है, इसके बाद भी बस मालिकों को खर्च की पूर्ति नहीं हो पा रही है. यही कारण है कि मालिक बसों को सड़क पर नहीं भेज रहे हैं. कुछ बसें जरूर चल रही हैं, बावजूद इसके हम लोगों को प्रतिदिन डेढ़ सौ से ₹200 कमा पा रहे हैं.

बोकारोः कोविड-19 के संक्रमण काल में पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा सी गई है. ऐसे में झारखंड प्रदेश में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. झारखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए पहले ऑटो को सोशल डिस्टेंसिंग का नियम पालन करते हुए परिचालन के निर्देश दिया था. अब अनलॉक 4 में प्रदेश के अंदर बसों को नियमों का पालन करते हुए चलाने का निर्देश दिया है.

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'पैसे बचाने के लिए चलते हैं पैदल'

इस आदेश के बाद यात्रियों को पहले से दोगुना किराया का भुगतान कर सफर करना पड़ रहा है. इसको लेकर यात्री अचानक से आर्थिक बोझ बढ़ने की बात कह रहे हैं. यात्रियों का कहना है अब प्रतिदिन शहर में आने जाने के लिए ₹30 खर्चा करना पड़ रहा है, जिससे हम लोग अब कुछ दूर तक पैदल ही चलना बेहतर समझते हैं. लोगों का कहना है सरकार को इस दिशा में कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए. क्योंकि कमाई जस की तस है और खर्च में अधिकता आ गई है. वहीं एक यात्री ने कहा कि जो नियम बनाया गया है, हम लोगों के लिए भी बनाया गया है ऐसे में नियमों का पालन करते हुए सफर करना है.

'नहीं निकाल पा रहे खर्च'

वहीं ऑटो चालक का कहना है कि पहले से किराया तो जरूर दोगुनी ले रहे हैं, हमारी मजबूरी भी है. क्योंकि ऑटो में अब लोग चार लोग ही बैठा सकते हैं, बावजूद इसके खर्च पूरा नहीं हो पा रहा है. हम लोगों को घर चलाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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बसों में कम हो गए यात्री

नया मोड़ बस स्टैंड मे बसों की एजेंटी करने वालों ने कहा कि कोरोना की वजह से यात्रियों की संख्या पहले से काफी कम है. सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए यात्रियों को एक सीट देकर दो सीट का किराया लेना पड़ रहा है, इसके बाद भी बस मालिकों को खर्च की पूर्ति नहीं हो पा रही है. यही कारण है कि मालिक बसों को सड़क पर नहीं भेज रहे हैं. कुछ बसें जरूर चल रही हैं, बावजूद इसके हम लोगों को प्रतिदिन डेढ़ सौ से ₹200 कमा पा रहे हैं.

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