बोकारोः जिला पुलिस और चतरा पुलिस ने नवजात को बेचने के मामले में कार्रवाई की है. इस घिनौने अपराध के लिए तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है. चतरा सदर अस्पताल में जन्मे नवजात का सौदा साढ़े चार लाख में करने के मामले में सभी लोगों के अलग अलग बयान सामने आ रहे हैं.
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जानकारी के अनुसार हरला थाना पुलिस और चतरा पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत बोकारो में बसंती मोड़ में छापेमारी कर एक बिचौलिया रजनीकांत को गिरफ्तार कर लिया गया. इससे पहले दो बिचौलियों (आनंद और सौरभ) को चतरा से पकड़ लिया गया था. वहीं बच्चे की खरीद करने वाले हजारीबाग के बिष्णुगढ़ के रहने वाले दंपती को बच्चे के साथ पकड़ लिया गया है. लेकिन साढ़े चार लाख में हुए नवजात के सौदे को लेकर सभी पक्ष अपना अपना बचाव करते नजर आ रहे हैं.
बताते चलें कि चतरा के सदर थाना क्षेत्र की रहने वाली आशा देवी ने अपने नवजात बेटे को साढ़े चार लाख में हजारीबाग के बिष्णुगढ़ के रहने वाले बीरेंद्र कुमार और उसकी पत्नी रीना देवी को बेच दिया था. इस डील को तय कराने में तीन बिचौलिये भी शामिल थे.
क्या कहती हैं नवजात की मांः बच्चे को जन्म देने वाली मां आशा देवी का कहना है कि चतरा सदर अस्पताल में प्रसव के बाद सहिया दीदी ने उनसे बच्चा लिया था. उसने कहा कि वो इस बच्चे का लालन-पालन करेंगी, मां का ये भी कहना है कि हमने किसी से अपने बच्चे का सौदा नहीं किया है और ना ही किसी से पैसा लिया है.
नवजात को गोद लेने वाली महिला का बयानः वहीं पूरे मामले में गोद लेने वाली महिला रीना देवी का कहना है कि वो इस बच्चे का पालन पोषण करेंगी. रीना देवी का साफ कहना है कि साढ़े लाख रुपये में उन्होंने बच्चा लिया है. उनको पहले से बच्चा है लेकिन वो इस बच्चे को भी पालेंगी.
बिचौलियों की अपनी दलीलः इस मामले को लेकर बिचौलियों का कहना है कि उन्होंने किसी से और कहीं से भी पैसा नहीं लिया है. बिचौलिये चतरा के सौरभ और बोकारो के रजनीकांत का कहना है कि उन लोगों ने सिर्फ इन दोनों लोगों को मिलवाया था, सौरभ ने कहा कि मां ने अपने बच्चे का पालन पोषण करने में असमर्थता जाहिर की, जिसके बाद उनके परिचित से उनकी बात कराई गयी. उसने बताया कि किसने कितना पैसा लिया और किसने कितना पैसा दिया, इसमें हमारा कोई हाथ नहीं है. महिला ने अपनी स्वेच्छा से नवजात को दे दिया था.