बोकारोः गांव वालों को आने-जाने में परेशानी हो रही थी. हर रोज पगडंडियों से गुजरना पड़ता था. बारिश के मौसम में कच्ची सड़क पर फिसलन होने से काफी दिक्कत होती है. इस बाबत कई बार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगायी गयी. जब ग्रामीणों की किसी ने नहीं सुनी तब उन्होंने अपने दिल की आवाज सुनी और अपनी मेहनत से एक किलोमीटर की कच्ची सड़क का निर्माण कर दिया.
श्रमदान से सड़क निर्माण की ये कहानी बोकारो के नावाडीह प्रखंड के पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की है. यहां पोखरिया पंचायत अंतर्गत बंशी से जरवा जाने वाली लगभग एक किलोमीटर सड़क का निर्माण ग्रामीणों ने श्रमदान किया है. ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें अपने घर जाने के लिए गांव से कुछ दूर तक पीसीसी सड़क का निर्माण किया गया है. लेकिन मुख्य पथ तक लगभग एक किलोमीटर तक सड़क नहीं रहने के कारण उन लोगों को मेन रोड तक जाने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ग्रामीणों को मुख्य पथ तक जाने के लिए एक कच्ची सड़क का सहारा लेना पड़ता है. ये सड़क बरसात के दिनों में आना जाना काफी जानलेवा साबित हो जाता है. इस सड़क पर जरवा के ग्रामीणों को पैदल चलना मुश्किल हो जाता है, कई बाइक सवार गिरकर जख्मी भी हो चुके हैं. ग्रामीणों ने अपनी इस समस्या को लेकर कई बार पंचायत के जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया. लेकिन किसी ने उस और ध्यान नहीं दिया.
जब किसी ने ग्रामीणों की नहीं सुनी तो उन्होंने श्रमदान से सड़क निर्माण करने का फैसला लिया और गांव के महिला पुरुष सभी सड़क निर्माण में जुट गए और सड़क को चलने लायक बना दिया. श्रमदान कर सड़क निर्माण कर रहीं ममता देवी ने बताया कि सड़क नहीं रहने के कारण कई बेटियों की शादी टूट चुकी है. साथ ही यहां के बेटे-बेटियों को माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए जुड़मान जाना पड़ता है. लेकिन पक्की सड़क नहीं रहने के कारण बरसात के मौसम में विद्यालय जाने में भी दिक्क्क्त होती है. साथ ही अगर रात में किसी की तबीयत खराब हो गयी तो उसे भी इलाज करवाने के लिए काफी दिक्क्क्त होती है.