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BSL एजीएम से मारपीट पर बीजेपी विधायक की सफाई, कहा- राजनीतिक साजिश - बोकारो न्यूज

बिना एनओसी के तिरंगा पार्क का निर्माण मामले में बीएसएल के एजीएम ने विधायक बिरंची नारायण पर मारपीट करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद विधायक ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि हमारे ऊपर लगाया गया आरोप सरासर गलत है.

एजीएम से मारपीट मामले में विधायक की सफाई
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Published : Jul 16, 2019, 9:30 PM IST

बोकारो: विधायक बिरंची नारायण पर बीएसएल के एजीएम ने मारपीट करने का आरोप लगाया है. जिसके बाद उन्होंने मामले पर सफाई दी है. उन्होंने कहा की बिरंची नारायण ने कभी हिंसा की राजनीति नहीं की है. उन्होंने इस मामले को राजनीतिक साजिश बताया है.

ईटीवी भारत पर विधायक की सफाई

बिरंची नारायण ने बिना एनओसी के तिरंगा पार्क के निर्माण पर कहा कि जिला प्रशासन और खुद सेल से कई बार एनओसी की गुहार लगायी गयी है. लेकिन सेल प्रबंधन ने एनओसी नहीं दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का नियम है कि कोई संस्था जब 1 महीने तक लगातार एनओसी मांगने पर नहीं देती है और इससे विकास कार्य प्रभावित होता है, तो उसे स्वतः एनओसी मान लिया जाता है. साथ ही उन्होंने बीएसएल प्रबंधन पर विकास विरोधी राजनीति करने का आरोप लगाया.

इसे भी पढ़ें:- जिन हाथों में था 'भीख का कटोरा', अब उन बच्चों को मिला शिक्षा का 'मंदिर'

विधायक ने कहा कि जब जिला प्रशासन ने टेंडर पास किया है तो वह काम अवैध नहीं हो सकता है. इसके बावजूद अगर सेल प्रबंधन को कोई आपत्ति थी तो वह कोर्ट से आदेश लेकर कार्यपालक दंडाधिकारी को जानकारी देते, लेकिन सेल के अधिकारी मौके पर पहुंचकर मनमाने तरीके से निर्माण को तोड़ने लगे. उन्होंने कहा कि एजीएम को डांटा जरूर था, लेकिन उनके साथ कोई अभद्रता नहीं की.

बोकारो: विधायक बिरंची नारायण पर बीएसएल के एजीएम ने मारपीट करने का आरोप लगाया है. जिसके बाद उन्होंने मामले पर सफाई दी है. उन्होंने कहा की बिरंची नारायण ने कभी हिंसा की राजनीति नहीं की है. उन्होंने इस मामले को राजनीतिक साजिश बताया है.

ईटीवी भारत पर विधायक की सफाई

बिरंची नारायण ने बिना एनओसी के तिरंगा पार्क के निर्माण पर कहा कि जिला प्रशासन और खुद सेल से कई बार एनओसी की गुहार लगायी गयी है. लेकिन सेल प्रबंधन ने एनओसी नहीं दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का नियम है कि कोई संस्था जब 1 महीने तक लगातार एनओसी मांगने पर नहीं देती है और इससे विकास कार्य प्रभावित होता है, तो उसे स्वतः एनओसी मान लिया जाता है. साथ ही उन्होंने बीएसएल प्रबंधन पर विकास विरोधी राजनीति करने का आरोप लगाया.

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विधायक ने कहा कि जब जिला प्रशासन ने टेंडर पास किया है तो वह काम अवैध नहीं हो सकता है. इसके बावजूद अगर सेल प्रबंधन को कोई आपत्ति थी तो वह कोर्ट से आदेश लेकर कार्यपालक दंडाधिकारी को जानकारी देते, लेकिन सेल के अधिकारी मौके पर पहुंचकर मनमाने तरीके से निर्माण को तोड़ने लगे. उन्होंने कहा कि एजीएम को डांटा जरूर था, लेकिन उनके साथ कोई अभद्रता नहीं की.

Intro:बोकारो के विधायक बिरंचि नारायण ने बीएसएल के एजीएम को पीटने के आरोप पर सफाई दी है।उन्होंने कहा की बिरंचि नारायण ने कभी हिंसा की राजनीति नहीं की है। यह आरोप सरासर गलत है।


Body:बोकारो विधायक ने कहा की चुनावी मौसम है। और यह मामला राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में कभी हिंसा की राजनीति नहीं की। यह बोकारो के लोग जानते हैं। इसलिए उन पर लगाए गए सभी आरोप सरासर गलत है। वही बिना एनओसी के निर्माण कार्य पर उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और खुद सेल से बार बार एनओसी की गुहार लगाते रहे हैं।लेकिन सेल प्रबंधन ने एनओसी नहीं दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का नियम है कि कोई संस्था जब 1 महीने तक लगातार एनओसी मांगने पर नहीं देती है। और इससे विकास कार्य प्रभावित होता है तो उसे स्वतः एनओसी मान लिया जाए। उन्होंने कहा जो लोग विकास विरोधी राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं जनता उन्हें सबक सिखाएगी।


Conclusion:बिरंचि नारायण ने कहा की जब टेंडर जिला प्रशासन ने पास किया है वह काम अवैध कैसे हो सकता है। इसके बावजूद अगर सेल प्रबंधन को कोई आपत्ति थी तो वह कोर्ट से आदेश लेकर कार्यपालक दंडाधिकारी के साथ पहुंचते सूचना देते और फिर निर्माण को रुकवाने या तुड़वाते। लेकिन सेल के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और मनमाने तरीके से अवैध निर्माण को तोड़ने लगे। इस पर एजीएम को डांटा जरूर था लेकिन उसके साथ कोई अभद्रता नहीं की। उन्होंने कहा कि सेल की टीम जब कोई भी निर्माण को गिराने जाती है तो बजापते उसके साथ एक टीम जाती है। जिसमें वीडियो रिकॉर्डिंग करने वाले भी होते हैं। अगर हम ने मारपीट की है तो कोई सबूत दिखाएं।
बिरंचि नारायण विधायक बोकारो
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