बोकारो: 15 दिनों के एकांतवास में रहने के बाद भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा आज बाहर आए. इस मौके पर श्रद्धालुओं ने भगवान के नव यौवन स्वरूप का दर्शन किया. बोकारो के सेक्टर 4 स्थित जगन्नाथ मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ भगवान के 15 दिनों के बाद बाहर आने पर पूजा पाठ कर उनकी आरती की गई.
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आरती के बाद सभी लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर सके, इसलिए मंदिर खोल दिया गया. एकांतवास में जाने से पहले भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा और सुदर्शन चक्र को पवित्र स्नान कराया गया था, जिसके बाद से सभी एकांतवास में 15 दिनों तक रहे. मंगलवार को मंदिर से रथ यात्रा निकाली जाएगी, जो राम मंदिर मौसी बाड़ी शाम को पहुंचेगी.
मौसी बाड़ी जाते हैं भगवान: भगवान जगन्नाथ की यह परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है. जैसे ही भगवान जगन्नाथ स्वस्थ हो जाते हैं. वह रथ पर सवार होकर विराजमान हो जाते हैं और नगर की यात्रा करते हैं. इसके बाद वह कुछ दिन के लिए अपनी मौसी के घर आराम करने के लिए जाते हैं.
रथ यात्रा की तैयारी अंतिम चरण में: रथ यात्रा के लिए रथ को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है. ओडिशा से आए कलाकार रथ सजाने का काम लगभग पूरा कर चुके हैं. प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है. इस दिन भव्य और विशालकाय रथों पर विराजमान होकर भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा नगर भ्रमण कर सेक्टर 1 स्थित राममंदिर जाते हैं, जिसे उनकी मौसी का घर भी कहा जाता है.