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बोकारो में दिवंगत समरेश सिंह की अंतिम यात्रा, पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार - राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

बोकारो में दिवंगत समरेश सिंह की अंतिम यात्रा पूरे राजकीय सम्मान के साथ निकाली गयी (Late Samaresh Singh last journey in Bokaro). दिवंगत समरेश सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए पूरे शहर के साथ साथ आला नेता भी पहुंचे. उनके आवास पर झारखंड के आला नेताओं की समरेश सिंह को श्रद्धांजलि दी. दिवंगत समरेश सिंह के पैतृक गांव चंदनकियारी प्रखंड के देबुलटांड़ में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

Late Samaresh Singh last journey with state honours in Bokaro
बोकारो
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Published : Dec 2, 2022, 11:48 AM IST

बोकारोः बोकारो विधानसभा के पहले विधायक और भाजपा के संस्थापक सदस्य पूर्व मंत्री समरेश सिंह की अंतिम यात्रा उनके आवास सेक्टर 4 से निकाली गयी (Late Samaresh Singh last journey in Bokaro). यहां पर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास पहुंचे. इसके अलावा जमशेदपुर पूर्वी के पूर्व विधायक सरयू राय, धनबाद के भाजपा सांसद पशुपतिनाथ सिंह, खादी ग्राम उद्योग के पूर्व अध्यक्ष जयनंदू सहित तमाम राजनीतिक दल के नेताओं ने दिवंगत समरेश सिंह को श्रद्धांजलि दी (paid tribute to Late Samaresh Singh in Bokaro).

इसे भी पढ़ें- दिवंगत समरेश सिंह को श्रद्धांजलि, राजकीय सम्मान के साथ होगी अंतिम विदाई

समरेश सिंह के पैतृक गांव चंदनकियारी प्रखंड के देबुलटांड़ में उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा (Samaresh Singh last journey with state honours). इससे पहले उनके आवास पर राजकीय सम्मान के साथ समरेश सिंह की अंतिम विदाई दी गयी. इस दौरान बोकारो पुलिस के जवानों ने उनके पार्थिव शरीर पर तिरंगा समर्पित कर उन्हें सम्मान प्रदान किया. यहां पर प्रदेश के आला नेताओं की समरेश सिंह को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि समरेश सिंह का जाना उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है, क्योंकि समरेश सिंह एक जुझारू और लड़ाकू नेता रहे. उन्होंने झारखंड अलग राज्य का प्रस्ताव भाजपा के राष्ट्रीय कार्यसमिति में वर्ष 1988 में दिया था. समरेश सिंह ने वनांचल के नाम से इस राज्य को अलग करने का प्रस्ताव दिया था, आज उनके प्रयास से ही आज यह अलग राज्य हुआ है.

देखें पूरी खबर
वहीं जमशेदपुर पूर्वी के पूर्व विधायक सरयू राय ने कहा कि समरेश सिंह के जैसा नेता आज तक ना हुआ है ना होगा, वह एक अलग व्यक्तित्व के जन नेता थे. उन्होंने कहा कि समरेश दा जाना झारखंड के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. धनबाद से भाजपा सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने कहा कि वर्ष 1990 में समरेश सिंह ने ही उन्हें पार्टी में शामिल कराया था. आज वह अगर भाजपा में हैं तो उन्हीं की देन है, क्योंकि समरेश सिंह के नेतृत्व में ही उन्होंने राजनीति की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष होने के बाद भी वह किसी से अलग नहीं थे.

बोकारोः बोकारो विधानसभा के पहले विधायक और भाजपा के संस्थापक सदस्य पूर्व मंत्री समरेश सिंह की अंतिम यात्रा उनके आवास सेक्टर 4 से निकाली गयी (Late Samaresh Singh last journey in Bokaro). यहां पर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास पहुंचे. इसके अलावा जमशेदपुर पूर्वी के पूर्व विधायक सरयू राय, धनबाद के भाजपा सांसद पशुपतिनाथ सिंह, खादी ग्राम उद्योग के पूर्व अध्यक्ष जयनंदू सहित तमाम राजनीतिक दल के नेताओं ने दिवंगत समरेश सिंह को श्रद्धांजलि दी (paid tribute to Late Samaresh Singh in Bokaro).

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समरेश सिंह के पैतृक गांव चंदनकियारी प्रखंड के देबुलटांड़ में उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा (Samaresh Singh last journey with state honours). इससे पहले उनके आवास पर राजकीय सम्मान के साथ समरेश सिंह की अंतिम विदाई दी गयी. इस दौरान बोकारो पुलिस के जवानों ने उनके पार्थिव शरीर पर तिरंगा समर्पित कर उन्हें सम्मान प्रदान किया. यहां पर प्रदेश के आला नेताओं की समरेश सिंह को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि समरेश सिंह का जाना उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है, क्योंकि समरेश सिंह एक जुझारू और लड़ाकू नेता रहे. उन्होंने झारखंड अलग राज्य का प्रस्ताव भाजपा के राष्ट्रीय कार्यसमिति में वर्ष 1988 में दिया था. समरेश सिंह ने वनांचल के नाम से इस राज्य को अलग करने का प्रस्ताव दिया था, आज उनके प्रयास से ही आज यह अलग राज्य हुआ है.

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वहीं जमशेदपुर पूर्वी के पूर्व विधायक सरयू राय ने कहा कि समरेश सिंह के जैसा नेता आज तक ना हुआ है ना होगा, वह एक अलग व्यक्तित्व के जन नेता थे. उन्होंने कहा कि समरेश दा जाना झारखंड के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. धनबाद से भाजपा सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने कहा कि वर्ष 1990 में समरेश सिंह ने ही उन्हें पार्टी में शामिल कराया था. आज वह अगर भाजपा में हैं तो उन्हीं की देन है, क्योंकि समरेश सिंह के नेतृत्व में ही उन्होंने राजनीति की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष होने के बाद भी वह किसी से अलग नहीं थे.
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