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मौसम ने इंजीनियर किसान के सपनों पर फेरा पानी, बेटी को नहीं करा पाएगा UPSC की तैयारी

बोकारो के चास प्रखंड के सोनाबाद गांव का एक किसान खेती से होने वाली आमदनी से अपनी बेटी को यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करवाना चाहता था, लेकिन मौसम की मार ने उसके उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग इस किसान ने डेढ़ एकड़ भूमि में तरबूज की खेती की थी लेकिन मौसम की बेरुखी से किसान सड़क पर आ गया है.

loss to farmer in Bokaro
इंजीनियरिंग कर किसानी करने वाले किसान को हुई भारी क्षति
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Published : Jun 14, 2021, 6:26 PM IST

Updated : Jun 14, 2021, 8:55 PM IST

बोकारो: चास प्रखंड के सोनाबाद गांव के एक किसान पर मौसम की भारी मार पड़ी है. बेमौसम बारिश उस पर कहर बनकर टूटी है. किसान खेती के पैसे से अपनी बेटी को यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करवाना चाहता था, लेकिन मौसम की मार ने उसके उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. इसके बाद पूरे परिवार की उम्मीद टूट सी गई है. एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग करने वाले इस किसान ने डेढ़ एकड़ भूमि में तरबूज की खेती की, लेकिन मौसम के बेरुखी से किसान सड़क पर आ गया है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- नुकसानः किसानों ने तरबूज की फसल पर चलाया ट्रैक्टर, सरकार से मुआवजे की मांग

किसान को हुई भारी क्षति
इंजीनियरिंग करने के बाद जब उसे सरकारी नौकरी नहीं मिली तो हौसले के पंख के सहारे सब्जी के खेती करने की ठान ली. इसी के सहारे किसान राजकिशोर महतो ने लोगों से उधार लेकर डेढ़ एकड़ भूमि में तरबूज लगाया. जिस पर उसने 1.20 लाख रुपए खर्च किया लेकिन आंधी और तूफान ने तरबूज को अपने आगोश में ले लिया.

खेत में ही उसकी तैयार फसल सड़ गई, जिससे उसे लगभग 4 लाख रुपए का नुकसान हो गया. किसान कई अरमानों को अपने दिलो में दफन कर हताश होकर घर में बैठ गया है. किसान राजकिशोर ने बताया कि पूरे परिवार को हायर एजुकेशन देना चाहता है, यदि उसका फसल बाजार में बिकती तो आईएएस का ख्वाब देख रही अपनी बेटी निहारिका को तैयारी के लिए बाहर भेजता लेकिन सपने चकनाचूर हो गए.

संजोए हुए सपने हुए चकनाचूर

राजकिशोर के मुताबिक खेतो में चार भाइयों और बेटा बेटियों के साथ 8 घंटे जीतोड़ मेहनत करता रहा. इसके बाद भी कर्ज तले दब गया है. राजकिशोर ने बताया कि खेती के लिए उधार पैसे लिए थे लेकिन वे पैसै भी बुखार के इलाज में खत्म हो गए. किसान ने अब मदद के लिए उपायुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी, कृषि मंत्री झारखंड को ईमेल से स्थिति से अवगत करवाया है, लेकिन किसी ने उसके हालत पर तरस नहीं खाई.

आज हालत गंभीर है. खेतों में पड़ी फसल को देखकर किस्मत को कोस रहा है. बता दें कि किसान की बेटी निहारिका मेधावी छात्रा है. उसने मैट्रिक परीक्षा में 96.7 प्रतिशत अंक लाकर पिता के सिर को ऊंचा किया है. आज गौरान्वित पिता आर्थिक तंगी के कारण मदद की आश लगाए बैठा है.

बेटी को नहीं करा पाएंगे UPSC की तैयारी
बेटी निहारिका ने बताया कि इस फसल से होने वाले आमदनी से मेरे पिता को उम्मीद थी कि वह मुझे यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करने के लिए कोलकाता भेज सकेंगे, लेकिन स्थिति इतनी खराब हो गई है कि अब यूपीएससी(UPSC) की तैयारी नहीं करा पाएंगे. वहीं, घर के अन्य लोग बताते हैं कि 8-8 घंटे तरबूज की खेती के लिए मेहनत करनी पड़ी लेकिन मौसम की मार के कारण तरबूज की फसल पूरी तरह से चौपट बर्बाद हो गई.

बोकारो: चास प्रखंड के सोनाबाद गांव के एक किसान पर मौसम की भारी मार पड़ी है. बेमौसम बारिश उस पर कहर बनकर टूटी है. किसान खेती के पैसे से अपनी बेटी को यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करवाना चाहता था, लेकिन मौसम की मार ने उसके उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. इसके बाद पूरे परिवार की उम्मीद टूट सी गई है. एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग करने वाले इस किसान ने डेढ़ एकड़ भूमि में तरबूज की खेती की, लेकिन मौसम के बेरुखी से किसान सड़क पर आ गया है.

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ये भी पढ़ें- नुकसानः किसानों ने तरबूज की फसल पर चलाया ट्रैक्टर, सरकार से मुआवजे की मांग

किसान को हुई भारी क्षति
इंजीनियरिंग करने के बाद जब उसे सरकारी नौकरी नहीं मिली तो हौसले के पंख के सहारे सब्जी के खेती करने की ठान ली. इसी के सहारे किसान राजकिशोर महतो ने लोगों से उधार लेकर डेढ़ एकड़ भूमि में तरबूज लगाया. जिस पर उसने 1.20 लाख रुपए खर्च किया लेकिन आंधी और तूफान ने तरबूज को अपने आगोश में ले लिया.

खेत में ही उसकी तैयार फसल सड़ गई, जिससे उसे लगभग 4 लाख रुपए का नुकसान हो गया. किसान कई अरमानों को अपने दिलो में दफन कर हताश होकर घर में बैठ गया है. किसान राजकिशोर ने बताया कि पूरे परिवार को हायर एजुकेशन देना चाहता है, यदि उसका फसल बाजार में बिकती तो आईएएस का ख्वाब देख रही अपनी बेटी निहारिका को तैयारी के लिए बाहर भेजता लेकिन सपने चकनाचूर हो गए.

संजोए हुए सपने हुए चकनाचूर

राजकिशोर के मुताबिक खेतो में चार भाइयों और बेटा बेटियों के साथ 8 घंटे जीतोड़ मेहनत करता रहा. इसके बाद भी कर्ज तले दब गया है. राजकिशोर ने बताया कि खेती के लिए उधार पैसे लिए थे लेकिन वे पैसै भी बुखार के इलाज में खत्म हो गए. किसान ने अब मदद के लिए उपायुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी, कृषि मंत्री झारखंड को ईमेल से स्थिति से अवगत करवाया है, लेकिन किसी ने उसके हालत पर तरस नहीं खाई.

आज हालत गंभीर है. खेतों में पड़ी फसल को देखकर किस्मत को कोस रहा है. बता दें कि किसान की बेटी निहारिका मेधावी छात्रा है. उसने मैट्रिक परीक्षा में 96.7 प्रतिशत अंक लाकर पिता के सिर को ऊंचा किया है. आज गौरान्वित पिता आर्थिक तंगी के कारण मदद की आश लगाए बैठा है.

बेटी को नहीं करा पाएंगे UPSC की तैयारी
बेटी निहारिका ने बताया कि इस फसल से होने वाले आमदनी से मेरे पिता को उम्मीद थी कि वह मुझे यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करने के लिए कोलकाता भेज सकेंगे, लेकिन स्थिति इतनी खराब हो गई है कि अब यूपीएससी(UPSC) की तैयारी नहीं करा पाएंगे. वहीं, घर के अन्य लोग बताते हैं कि 8-8 घंटे तरबूज की खेती के लिए मेहनत करनी पड़ी लेकिन मौसम की मार के कारण तरबूज की फसल पूरी तरह से चौपट बर्बाद हो गई.

Last Updated : Jun 14, 2021, 8:55 PM IST
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