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Bokaro: 'सरकार को निर्णय लेना है कि यहां पर बेड की संख्या बढ़ाई जाए या नहीं' सदर अस्पताल की कुव्यवस्था पर बोले डॉक्टर - Jharkhand News

बोकारो सदर अस्पताल की हालत खास्ता हो गई है. सुविधाओं का यहां टोटा है. मरीजों के हिसाब से बेड की संख्या लगभग आधी है. ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

Bokaro Sadar Hospital
बोकारो सदर अस्पताल
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Published : Mar 30, 2023, 10:07 PM IST

बोकारो: सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों की लगातार संख्या बढ़ रही है. इसके चलते यहां बेड कम पड़ रहे हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पताल में अतिरिक्त बेड लगाकर इलाज करना पड़ रहा है. बोकारो सदर अस्पताल में कुल 100 बेड है, जो मरीजों के हिसाब से नाकाफी है. जिसमें आईसीयू समेत अन्य यूनिट भी शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: Bokaro एयरपोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का खेल शुरू! प्रतिमाह 49,000 रुपये की रखी गई सैलरी, लालच में फंस रहे युवा

सदर अस्पताल में सुविधाओं का टोटा: दूसरी ओर मरीजों की संख्या पहले से दोगुनी से भी अधिक हो गई है. इस कारण से गैलरी समेत अन्य जगहों पर भी बेड लगाना पड़ता है. ऐसे में यहां इलाज कराने आ रहे रोगियों को बेड की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. सदर अस्पताल में जिस तरह से रोगियों की भीड़ लग रही है, उस अनुपात में सुविधाएं नहीं होने से इलाज कराने आ रहे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

एक माह में 400 प्रसव के केस: सदर अस्पताल के डीएस डॉक्टर बीपी गुप्ता ने बताया कि एक माह में लगभग 400 से अधिक प्रसव के केस आते हैं. जिसमें सिजेरियन भी शामिल हैं. बेड कम होने से जगह का अभाव हो जाता है. वहीं पूरे जिले से मरीज प्रसव के लिए सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं. कई बार महिलाओं को कॉरिडोर में रखना पड़ता हैं. मरीजों को परेशानी होती है. बीपी गुप्ता ने बताया कि बोकरो सदर अस्पताल का संबंध झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग से है. यहां की व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेदारी सरकार की है. सरकार को निर्णय लेना है कि यहां पर बेड की संख्या बढ़ाई जाए या नहीं. डॉक्टर ने बताया कि मरीजों को अस्पताल आने से मना नहीं कर सकते. ऐसे में परेशानी होना लाजिमी है.

बोकारो: सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों की लगातार संख्या बढ़ रही है. इसके चलते यहां बेड कम पड़ रहे हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पताल में अतिरिक्त बेड लगाकर इलाज करना पड़ रहा है. बोकारो सदर अस्पताल में कुल 100 बेड है, जो मरीजों के हिसाब से नाकाफी है. जिसमें आईसीयू समेत अन्य यूनिट भी शामिल हैं.

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सदर अस्पताल में सुविधाओं का टोटा: दूसरी ओर मरीजों की संख्या पहले से दोगुनी से भी अधिक हो गई है. इस कारण से गैलरी समेत अन्य जगहों पर भी बेड लगाना पड़ता है. ऐसे में यहां इलाज कराने आ रहे रोगियों को बेड की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. सदर अस्पताल में जिस तरह से रोगियों की भीड़ लग रही है, उस अनुपात में सुविधाएं नहीं होने से इलाज कराने आ रहे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

एक माह में 400 प्रसव के केस: सदर अस्पताल के डीएस डॉक्टर बीपी गुप्ता ने बताया कि एक माह में लगभग 400 से अधिक प्रसव के केस आते हैं. जिसमें सिजेरियन भी शामिल हैं. बेड कम होने से जगह का अभाव हो जाता है. वहीं पूरे जिले से मरीज प्रसव के लिए सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं. कई बार महिलाओं को कॉरिडोर में रखना पड़ता हैं. मरीजों को परेशानी होती है. बीपी गुप्ता ने बताया कि बोकरो सदर अस्पताल का संबंध झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग से है. यहां की व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेदारी सरकार की है. सरकार को निर्णय लेना है कि यहां पर बेड की संख्या बढ़ाई जाए या नहीं. डॉक्टर ने बताया कि मरीजों को अस्पताल आने से मना नहीं कर सकते. ऐसे में परेशानी होना लाजिमी है.

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