नई दिल्ली: क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने के कुछ ही दिनों के बाद भारत के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने यह खुलासा किया है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और पूर्व कप्तान एमएस धोनी राष्ट्रीय टीम से उन्हें बाहर करने के लिए जिम्मेदार थे. लंबे समय तक हरभजन भारत के प्रमुख स्पिनर रहे थे और अंतत: उन्होंने अपने बेहतरीन करियर के बाद संन्यास ले लिया.
41 साल के हरभजन ने पिछले दिसंबर में प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की थी. महान स्पिनर ने बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों को लेकर खुलासा किया है. हरभजन ने एक टीवी इंटरव्यू में बताया, किस्मत ने हमेशा मेरा साथ दिया है. बस कुछ बाहरी कारक मेरे पक्ष में नहीं थे और शायद, वे पूरी तरह से मेरे खिलाफ थे. इसका कारण यह है कि जिस तरह से मैं गेंदबाजी कर रहा था या जिस गति से मैं आगे बढ़ रहा था. मैं 31 साल का था, जब मैंने 400 विकेट लिया था और अगर मैं 4-5 साल और खेलता, तो शायद मैं 100-150 या उससे अधिक विकेट और लिए होते.
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उन्होंने आगे कहा, हां, एमएस धोनी तब कप्तान थे लेकिन मुझे लगता है कि यह बात धोनी के सिर से ऊपर थी. कुछ हद तक, कुछ बीसीसीआई अधिकारी थे, जो इसमें शामिल थे और वे नहीं चाहते थे कि मुझे कप्तान से कोई समर्थन प्राप्त हो. लेकिन एक कप्तान कभी भी बीसीसीआई से ऊपर नहीं हो सकता. बीसीसीआई के अधिकारी हमेशा कप्तान, कोच या टीम से बड़े रहे हैं.
हरभजन ने कहा, धोनी के पास अन्य खिलाड़ियों की तुलना में बीसीसीआई का ज्यादा समर्थन था और अगर बाकी खिलाड़ियों को भी उसी तरह का समर्थन मिलता, तो वे भी खेलते. ऐसा नहीं था कि बाकी खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करना भूल गए या किया नहीं.
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भज्जी ने कहा, हर खिलाड़ी भारत की जर्सी पहनकर संन्यास लेना चाहता है, लेकिन किस्मत हमेशा आपके साथ नहीं होती और कभी-कभी आप जो चाहते हैं वह नहीं होता है. आपने वीवीएस (लक्ष्मण), राहुल (द्रविड़) और वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ियों को देखा होगा, जिन्होंने मौका न मिलने पर संन्यास ले लिया था.
हरभजन ने अपने जीवन पर बायोपिक बनने की इच्छा भी जताई. हरभजन ने कहा, मैं अपने जीवन पर एक फिल्म या वेब सीरीज बनाना चाहता हूं ताकि लोग मेरी कहानी के बारे में जान सके कि मैं किस तरह का आदमी हूं और मैं क्या करता हूं.