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नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू, 4 राज्यों की पुलिस के टारगेट पर माओवादी

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बिहार के सीमावर्ती जिलों में संयुक्त सुरक्षा बलों की टीम अभियान चला रही है. झारखंड में भाकपा माओवादियों और दूसरे नक्सली संगठनों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू हो गया है. चुनाव को देखते हुए और हाल के दिनों में नक्सलियों द्वारा घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश को देखते हुए सुरक्षाबलों ने सीमावर्ती राज्यों के साथ मिलकर अपनी दबिश बढ़ा दी है.

देखिए स्पेशल स्टोरी
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Published : Apr 16, 2019, 7:19 PM IST

रांची: झारखंड में भाकपा माओवादियों और दूसरे नक्सली संगठनों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू हो गया है. चुनाव को देखते हुए और हाल के दिनों में नक्सलियों द्वारा घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश को देखते हुए सुरक्षाबलों ने सीमावर्ती राज्यों के साथ मिलकर अपनी दबिश बढ़ा दी है.

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लोकसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बिहार के सीमावर्ती जिलों में संयुक्त सुरक्षा बलों की टीम अभियान चला रही है. सोमवार को गिरिडीह में हुए एनकाउंटर में बिहार पुलिस ने भी झारखंड पुलिस का साथ दिया था. इस एनकाउंटर में तीन नक्सली मारे गए थे. गौरतलब है कि हाल के दिनों में सीमावर्ती राज्यों के साथ मिलकर इस संबंध में बैठके आयोजित की गई थी. इन बैठकों के बाद नक्सली दस्ते को चिन्हित कर कार्रवाई करने की रणनीति बनाई गई थी.


अस्थाई कैंप भी बने
चुनाव के मद्देनजर नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए तीन दर्जन अस्थाई कैंप 4 पड़ोसी राज्यों की सीमाओं पर बनाए गए हैं. इन कैंपों में दूसरे राज्यों की पुलिस टीम भी रहेगी. सीआरपीएफ की तैनाती भी इन कैंपों में की जा रही है ताकि नक्सली संगठन के किसी भी हमले के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.


सभी कैंप की सुरक्षा बढाई गई
झारखंड पुलिस मुख्यालय में अस्थाई पुलिस कैंप की सुरक्षा को लेकर भी काफी गंभीरता से विचार किया गया है. चुनाव के दौरान सीआरपीएफ की टुकड़ी अपने मूल कैंपों से बाहर होगी. ऐसे में इन कैंपों की सुरक्षा के लिए आईजी अभियान सीआरपीएफ आईजी संजय लेटकर से इस संबंध में ठोस निर्णय लेने का आग्रह किया है. इस संबंध में सीआरपीएफ रिजर्व फोर्स का इस्तेमाल करेगी. छत्तीसगढ़ में हुए हाल के दिनों में दो बड़े हमलों में शामिल नक्सलियों के झारखंड में आने की सूचना को लेकर पुलिस मुख्यालय ने सभी को अलर्ट पर रखा है.


कौन-कौन है टारगेट
एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस का दस्ता इन दिनों सिंहभूम में मौजूद है. इस दस्ते के खिलाफ चाईबासा पुलिस अभियान चला रही है. अभियान के लिए ओडिशा पुलिस की भी मदद ली जा रही है. सिमडेगा और ओडिशा की सीमा पर पीएलएफआई की गतिविधियां बढ़ी है. ऐसे में वहां भी अभियान शुरू किया गया है. चतरा में माओवादी संदीप यादव का दस्ता, दुमका में नंदलाल माझी, जमशेदपुर में आकाश के दस्ते पर राज्य पुलिस की नजर है. चुनाव में माओवादी या दूसरे संगठन किसी वारदात को अंजाम न दे सके इसके लिए भी पुलिस मुख्यालय पर काम कर रहा है.


पीएलएफआई पर भी है नजर
दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्र यानी रांची रेंज में पड़ने वाले पांच जिले रांची, सिमडेगा, खूंटी, गुमला और लोहरदगा में नक्सली संगठन पीएलएफआई का प्रभाव ज्यादा है. वहीं सिमडेगा और खूंटी के कुछ इलाके ओडिशा और छत्तीसगढ़ सटे हुए हैं. इन इलाकों में झारखंड पुलिस ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ विशेष अभियान चला रही है. रांची रेंज के डीआईजी अमोल वेणुकांत होमकर के अनुसार आम लोग भय मुक्त होकर चुनाव में भाग ले सके, इसके लिए नक्सलियों के खिलाफ कारगर अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें पड़ोसी राज्यों की पुलिस टीम भी साथ दे रही है.


आईडी से निपटने की ट्रेनिंग
अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को नक्सली आईडी की चपेट में न लें. इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. बीडीएस के अफसर पुलिस अधिकारियों और जवानों को आईडी से निपटने की ट्रेनिंग दे चुके हैं. ट्रेनिंग के बाद ही उन्हें अभियान में भेजा गया है.

रांची: झारखंड में भाकपा माओवादियों और दूसरे नक्सली संगठनों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू हो गया है. चुनाव को देखते हुए और हाल के दिनों में नक्सलियों द्वारा घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश को देखते हुए सुरक्षाबलों ने सीमावर्ती राज्यों के साथ मिलकर अपनी दबिश बढ़ा दी है.

देखिए स्पेशल स्टोरी


लोकसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बिहार के सीमावर्ती जिलों में संयुक्त सुरक्षा बलों की टीम अभियान चला रही है. सोमवार को गिरिडीह में हुए एनकाउंटर में बिहार पुलिस ने भी झारखंड पुलिस का साथ दिया था. इस एनकाउंटर में तीन नक्सली मारे गए थे. गौरतलब है कि हाल के दिनों में सीमावर्ती राज्यों के साथ मिलकर इस संबंध में बैठके आयोजित की गई थी. इन बैठकों के बाद नक्सली दस्ते को चिन्हित कर कार्रवाई करने की रणनीति बनाई गई थी.


अस्थाई कैंप भी बने
चुनाव के मद्देनजर नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए तीन दर्जन अस्थाई कैंप 4 पड़ोसी राज्यों की सीमाओं पर बनाए गए हैं. इन कैंपों में दूसरे राज्यों की पुलिस टीम भी रहेगी. सीआरपीएफ की तैनाती भी इन कैंपों में की जा रही है ताकि नक्सली संगठन के किसी भी हमले के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.


सभी कैंप की सुरक्षा बढाई गई
झारखंड पुलिस मुख्यालय में अस्थाई पुलिस कैंप की सुरक्षा को लेकर भी काफी गंभीरता से विचार किया गया है. चुनाव के दौरान सीआरपीएफ की टुकड़ी अपने मूल कैंपों से बाहर होगी. ऐसे में इन कैंपों की सुरक्षा के लिए आईजी अभियान सीआरपीएफ आईजी संजय लेटकर से इस संबंध में ठोस निर्णय लेने का आग्रह किया है. इस संबंध में सीआरपीएफ रिजर्व फोर्स का इस्तेमाल करेगी. छत्तीसगढ़ में हुए हाल के दिनों में दो बड़े हमलों में शामिल नक्सलियों के झारखंड में आने की सूचना को लेकर पुलिस मुख्यालय ने सभी को अलर्ट पर रखा है.


कौन-कौन है टारगेट
एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस का दस्ता इन दिनों सिंहभूम में मौजूद है. इस दस्ते के खिलाफ चाईबासा पुलिस अभियान चला रही है. अभियान के लिए ओडिशा पुलिस की भी मदद ली जा रही है. सिमडेगा और ओडिशा की सीमा पर पीएलएफआई की गतिविधियां बढ़ी है. ऐसे में वहां भी अभियान शुरू किया गया है. चतरा में माओवादी संदीप यादव का दस्ता, दुमका में नंदलाल माझी, जमशेदपुर में आकाश के दस्ते पर राज्य पुलिस की नजर है. चुनाव में माओवादी या दूसरे संगठन किसी वारदात को अंजाम न दे सके इसके लिए भी पुलिस मुख्यालय पर काम कर रहा है.


पीएलएफआई पर भी है नजर
दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्र यानी रांची रेंज में पड़ने वाले पांच जिले रांची, सिमडेगा, खूंटी, गुमला और लोहरदगा में नक्सली संगठन पीएलएफआई का प्रभाव ज्यादा है. वहीं सिमडेगा और खूंटी के कुछ इलाके ओडिशा और छत्तीसगढ़ सटे हुए हैं. इन इलाकों में झारखंड पुलिस ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ विशेष अभियान चला रही है. रांची रेंज के डीआईजी अमोल वेणुकांत होमकर के अनुसार आम लोग भय मुक्त होकर चुनाव में भाग ले सके, इसके लिए नक्सलियों के खिलाफ कारगर अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें पड़ोसी राज्यों की पुलिस टीम भी साथ दे रही है.


आईडी से निपटने की ट्रेनिंग
अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को नक्सली आईडी की चपेट में न लें. इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. बीडीएस के अफसर पुलिस अधिकारियों और जवानों को आईडी से निपटने की ट्रेनिंग दे चुके हैं. ट्रेनिंग के बाद ही उन्हें अभियान में भेजा गया है.

Intro:डे प्लान स्टोरी

झारखंड में भाकपा माओवादियों और दूसरे नक्सली संगठनों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू हो गया है। चुनाव को देखते हुए और हाल के दिनों में नक्सलियों द्वारा घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश को देखते हुए सुरक्षाबलों ने सीमावर्ती राज्यों के साथ मिलकर अपनी दबिश बढ़ा दी है।

चार राज्यो की टीम चला रही अभियान

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड, बिहार, उड़ीसा ,छत्तीसगढ़ और बिहार के सीमावर्ती जिलों में संयुक्त सुरक्षा बलों की टीम अभियान चला रही है। सोमवार को गिरिडीह में हुए इनकाउंटर में बिहार पुलिस ने भी झारखंड पुलिस का साथ दिया था इस एनकाउंटर में तीन नक्सली मारे गए थे।गौरतलब है कि हाल के दिनों में सीमावर्ती राज्यों के साथ मिलकर इस संबंध में बैठके आयोजित की गई थी ।इन बैठकों के बाद नक्सली दस्ते को चिन्हित कर कार्रवाई करने की रणनीति बनाई गई थी।

अस्थाई कैम्प भी बने

चुनाव के मद्देनजर नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए तीन दर्जन अस्थाई के 4 पड़ोसी राज्यों की सीमाओं पर बनाए गए हैं। इन कैंपों में दूसरे राज्यों की पुलिस टीम भी रहेगी। सीआरपीएफ की तैनाती भी इन कैंपों में की जा रही है ताकि नक्सली संगठन के किसी भी हमले के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।

कैम्पो की सुरक्षा बढाई गई

झारखंड पुलिस मुख्यालय में अस्थाई पुलिस कैम्पो की सुरक्षा को लेकर भी काफी गंभीरता से विचार किया गया है ।चुनाव के दौरान सीआरपीएफ की टुकड़ी या अपने मूल कैंपों से बाहर प होगी ऐसे में इन कैंपों की सुरक्षा के लिए आईजी अभियान सीआरपीएफ आईजी संजय लेटकर से इस संबंध में ठोस निर्णय लेने का आग्रह किया है। इस संबंध में सीआरपीएफ रिजर्व फोर्स का इस्तेमाल करेगी। छत्तीसगढ़ में हुए हाल के दिनों में दो बड़े हमलों में शामिल नक्सलियों के झारखंड में आने की सूचना को लेकर पुलिस मुख्यालय ने सभी को अलर्ट पर रखा है।

कौन कौन है टारगेट

एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस का दस्ता इन दिनों सिंहभूम में मौजूद है ।इस दस्ते के खिलाफ चाईबासा पुलिस अभियान चला रही है। अभियान के लिए ओडिशा पुलिस की भी मदद ली जा रही है। सिमडेगा और ओडिशा की सीमा पर पीएलएफआई की गतिविधियां बढ़ी है ।ऐसे में वहां भी अभियान शुरू किया गया है ।चतरा में माओवादी संदीप यादव का दस्ता, दुमका में नंदलाल माझी, जमशेदपुर में आकाश के दस्ते पर राज्य पुलिस की नजर है ।चुनाव में माओवादी या दूसरे संगठन किसी वारदात को अंजाम न दे सके इसके लिए भी पुलिस मुख्यालय पर काम कर रहा है।

पीएलएफआई पर भी है नजर

दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्र यानी रांची रेंज में पड़ने वाले पांच जिलों रांची , सिमडेगा , खूंटी , गुमला और लोहरदगा में नक्सली संगठन पीएलएफआई का प्रभाव ज्यादा है। वहीं सिमडेगा और खूंटी के कुछ इलाके उड़ीसा और छतीसगढ़ सटे हुए हैं। इन इलाकों में झारखंड पुलिस उड़ीसा और छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ विशेष अभियान चला रही है। रांची रेंज के डीआईजी अमोल वेणुकान्त होमकर के अनुसार आम लोग भय मुक्त होकर चुनाव में भाग ले सके, इसके लिए नक्सलियों के खिलाफ कारगर अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें पड़ोसी राज्यों की पुलिस टीम भी साथ दे रही है।


बाईट - आशीष बत्रा , आईजी अभियान
बाईट - अमोल वेणुकान्त होमकर , डीआईजी रांची रेंज

आईडी से निपटने की ट्रेनिंग

अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को नक्सली आईडी की चपेट में ना लें इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। बीडीएस के अफसर पुलिस अधिकारियों और जवानों को आईडी से निपटने की ट्रेनिंग दे चुके हैं। ट्रेनिंग के बाद ही उन्हें अभियान में भेजा गया है।


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