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कभी JNU में शूटआउट कर कन्हैया को दी थी मारने की धमकी, अब गिरिडीह से लड़ रहे चुनाव

प्रत्याशी अमित जानी उत्तर प्रदेश के मेरठ से गिरिडीह चुनाव लड़ने आए हैं. अमित जानी यूपी के मेरठ के रहने वाले हैं. उनपर आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना नाम के एक राजनीतिक के अध्यक्ष भी हैं, लेकिन गिरिडीह में वह बतौर निर्दलीय प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं. अमित जानी उस वक्त सुर्खियों में आए जब उन्होंने मार्च 2016 में फेसबुक पर पोस्ट कर जेएनयू में शूटआउट करने और कन्हैया कुमार को दिल्ली छोड़ने की धमकी दी थी.

प्रत्याशी अमित जानी का बयान
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Published : May 4, 2019, 10:29 AM IST

बोकारो: झारखंड के गिरिडीह सीट से मैदान में आजसू, जेएमएम, लोजपा और बसपा समेत क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी को मिलाकर कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं. गिरिडीह में झारखंड के बाहर से भी आए प्रत्याशी किस्मत अजमा रहे हैं.

प्रत्याशी अमित जानी का बयान


प्रत्याशी अमित जानी उत्तर प्रदेश के मेरठ से गिरिडीह चुनाव लड़ने आए हैं. अमित जानी यूपी के मेरठ के रहने वाले हैं. उनपर आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना नाम के एक राजनीतिक के अध्यक्ष भी हैं, लेकिन गिरिडीह में वह बतौर निर्दलीय प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं. अमित जानी उस वक्त सुर्खियों में आए जब उन्होंने मार्च 2016 में फेसबुक पर पोस्ट कर जेएनयू में शूटआउट करने और कन्हैया कुमार को दिल्ली छोड़ने की धमकी दी थी.


इसके बाद इन्हें 3 महीने से ज्यादा जेल की हवा खानी पड़ी थी. इसके साथ ही लखनऊ में मायावती की मूर्ति तोड़ कर भी वो अखबारों की सुर्खियों को बनने में कामयाब हुए थे. वहीं अक्टूबर 2017 में ताजमहल की विवादित फोटो फेसबुक पर शेयर करने के बाद भी वह सुर्खियों में आए थे. उस समय अमित जानी ने दावा किया था कि वह 3000 लोगों के साथ ताजमहल का घेराव करेंगे और वहां शिव चालीसा का पाठ कराएंगे. जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.


वहीं, अमित जानी अब धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर गिरिडीह के मैदान में है. जानी का कहना है कि झारखंड में सबसे ज्यादा धर्मांतरण हो रहा है, लेकिन यहां के हिंदू चुप हैं. वह हिंदुओं की आवाज बुलंद करने और धर्मांतरण रोकने के लिए गिरिडीह आए हैं. जानी ने कहा कि झारखंड में मिशनरी सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन करा रहे हैं और हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. अमिज जानी ने कहा कि अगर वह चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचते हैं तो संसद में हिंदुओं की आवाज को बुलंद करेंगे.

बोकारो: झारखंड के गिरिडीह सीट से मैदान में आजसू, जेएमएम, लोजपा और बसपा समेत क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी को मिलाकर कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं. गिरिडीह में झारखंड के बाहर से भी आए प्रत्याशी किस्मत अजमा रहे हैं.

प्रत्याशी अमित जानी का बयान


प्रत्याशी अमित जानी उत्तर प्रदेश के मेरठ से गिरिडीह चुनाव लड़ने आए हैं. अमित जानी यूपी के मेरठ के रहने वाले हैं. उनपर आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना नाम के एक राजनीतिक के अध्यक्ष भी हैं, लेकिन गिरिडीह में वह बतौर निर्दलीय प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं. अमित जानी उस वक्त सुर्खियों में आए जब उन्होंने मार्च 2016 में फेसबुक पर पोस्ट कर जेएनयू में शूटआउट करने और कन्हैया कुमार को दिल्ली छोड़ने की धमकी दी थी.


इसके बाद इन्हें 3 महीने से ज्यादा जेल की हवा खानी पड़ी थी. इसके साथ ही लखनऊ में मायावती की मूर्ति तोड़ कर भी वो अखबारों की सुर्खियों को बनने में कामयाब हुए थे. वहीं अक्टूबर 2017 में ताजमहल की विवादित फोटो फेसबुक पर शेयर करने के बाद भी वह सुर्खियों में आए थे. उस समय अमित जानी ने दावा किया था कि वह 3000 लोगों के साथ ताजमहल का घेराव करेंगे और वहां शिव चालीसा का पाठ कराएंगे. जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.


वहीं, अमित जानी अब धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर गिरिडीह के मैदान में है. जानी का कहना है कि झारखंड में सबसे ज्यादा धर्मांतरण हो रहा है, लेकिन यहां के हिंदू चुप हैं. वह हिंदुओं की आवाज बुलंद करने और धर्मांतरण रोकने के लिए गिरिडीह आए हैं. जानी ने कहा कि झारखंड में मिशनरी सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन करा रहे हैं और हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. अमिज जानी ने कहा कि अगर वह चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचते हैं तो संसद में हिंदुओं की आवाज को बुलंद करेंगे.

Intro:गिरिडीह में 12 तारीख को मतदान होगा। यहां मैदान में आजसू लोजपा और बसपा समेत क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी को मिलाकर कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें एक है एक अमित जानी। अमित जानी साहब अपने नाम के जैसे ही दिलचस्प प्रत्याशी हैं। साहब उत्तर प्रदेश के मेरठ से गिरिडीह चुनाव लड़ने आए हैं।


Body:कौन है अमित जानी ? अमित जानी up के मेरठ के रहने वाले हसीन। उनपर आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। व्व उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना नामक एक राजनीतिक के अध्यक्ष भी हैं। लेकिन गिरिडीह में वो बतौर निर्दलीय प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं। और उसका चुनाव चिन्ह ट्रैक्टर छाप है। अमित जानी उस वक्त सुर्खियों में आया था जब उसने मार्च 2016 में फेसबुक पर पोस्ट कर जेएनयू में शूटआउट करने और कन्हैया कुमार को दिल्ली छोड़ने की धमकी दी थी। जिसके बाद उसे 3 महीने से ज्यादा जेल की हवा खानी पड़ी थी। इसके साथ ही लखनऊ में मायावती की मूर्ति तोड़ कर भी वो अखबारों की सुर्खियों को बनने में कामयाब हुआ था। तो वहीं अक्टूबर 2017 में ताजमहल की विवादित फोटो फेसबुक पर शेयर करने के बाद भी वह सुर्खियों में आया था। तब अमित जानी ने दावा किया था कि वह 3000 लोगों के साथ ताजमहल का घेराव करेगा और वहां शिव चालीसा का पाठ कराएगा। जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वही अमित जानी अब धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर गिरिडीह के मैदान में है। जानी का कहना है झारखंड में सबसे ज्यादा धर्मांतरण हो रहा है। लेकिन यहां के हिंदू चुप है। वह हिंदुओं की आवाज बुलंद करने और धर्मांतरण रोकने के लिए गिरिडीह आए हैं। जानी ने कहा झारखंड में मिशनरी सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन करा रहे हैं।और हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। वह धर्म परिवर्तन रोकने, लोगों की समस्याओं को दूर करने और हिंदुत्व का परचम फिर से लहराने के लिए उत्तर प्रदेश से गिरिडीह आए हैं। और अगर वह जीत कर लोकसभा पहुंचते हैं तो संसद में हिंदुओं की आवाज को बुलंद करेंगे। मजेदार बात यह है की जिनके ऊपर खुद ही कई अपराधिक मामले चल रहे हो। जो जेल की हवा खा चुका हो। और पूर्व में कानून व्यवस्था के लिए चुनौती रहा हो। संविधान और न्याय प्रणाली से पड़े खुद फैसला लेने की बात करता हो।वैसे उम्मीदवार पर गिरिडीह की जनता कितना भरोसा करती है। या फिर अमित जानी जो सुर्खियों में रहने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है। वह यहां भी महज सुर्खियां बटोरने के लिए वोट कटवा बन कर तो नहीं रह जाते हैं। बोकारो से आलोक रंजन सिंह की रिपोर्ट।


Conclusion:अमित जानी, निर्दलीय प्रत्याशी गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र
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