बोकारो: झारखंड के गिरिडीह सीट से मैदान में आजसू, जेएमएम, लोजपा और बसपा समेत क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी को मिलाकर कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं. गिरिडीह में झारखंड के बाहर से भी आए प्रत्याशी किस्मत अजमा रहे हैं.
प्रत्याशी अमित जानी उत्तर प्रदेश के मेरठ से गिरिडीह चुनाव लड़ने आए हैं. अमित जानी यूपी के मेरठ के रहने वाले हैं. उनपर आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना नाम के एक राजनीतिक के अध्यक्ष भी हैं, लेकिन गिरिडीह में वह बतौर निर्दलीय प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं. अमित जानी उस वक्त सुर्खियों में आए जब उन्होंने मार्च 2016 में फेसबुक पर पोस्ट कर जेएनयू में शूटआउट करने और कन्हैया कुमार को दिल्ली छोड़ने की धमकी दी थी.
इसके बाद इन्हें 3 महीने से ज्यादा जेल की हवा खानी पड़ी थी. इसके साथ ही लखनऊ में मायावती की मूर्ति तोड़ कर भी वो अखबारों की सुर्खियों को बनने में कामयाब हुए थे. वहीं अक्टूबर 2017 में ताजमहल की विवादित फोटो फेसबुक पर शेयर करने के बाद भी वह सुर्खियों में आए थे. उस समय अमित जानी ने दावा किया था कि वह 3000 लोगों के साथ ताजमहल का घेराव करेंगे और वहां शिव चालीसा का पाठ कराएंगे. जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
वहीं, अमित जानी अब धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर गिरिडीह के मैदान में है. जानी का कहना है कि झारखंड में सबसे ज्यादा धर्मांतरण हो रहा है, लेकिन यहां के हिंदू चुप हैं. वह हिंदुओं की आवाज बुलंद करने और धर्मांतरण रोकने के लिए गिरिडीह आए हैं. जानी ने कहा कि झारखंड में मिशनरी सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन करा रहे हैं और हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. अमिज जानी ने कहा कि अगर वह चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचते हैं तो संसद में हिंदुओं की आवाज को बुलंद करेंगे.