रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी को बड़कागांव गोलीकांड में कोर्ट ने दोषी करार दिया है. बड़कागांव में एनटीपीसी अपना प्लांट लगा रही थी, जिसका स्थानीय विरोध कर रहे थे. वे अपनी जमीन प्लांट को देना नहीं चाहते थे. इस मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर 2015 में एनटीपीसी के खिलाफ बड़कागांव, हजारीबाग में कफन सत्याग्रह किया था. इस दौरान हिंसा भड़के ने बाद पुलिस ने फायरिंग की थी जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी.
2015 में बड़कागांव में योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्माला देवी ने एनटीपीसी कफन सत्याग्रह चलाया था. इस आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने भी पूरी कोशिश की थी लेकिन बातचीत के कई दौर होने के बाद भी वह बेनतीजा रहा था. इसके बाद तब के बड़कागांव विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया.
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पुलिस के निर्मला देवी के गिरफ्तार करने पर ग्रामीण भड़क गए और पुलिस पर पथराव कर उन्हें पुलिस की हिरासत से छुड़ा लिया. इधर पुलिस ने भी हिंसक झड़प के बाद मामला बिगड़ता देख पहले लाठीचार्ज और फिर फायरिंग की जिसमे कई ग्रामीणों की मौत हो गई. इस मामले में कांग्रेस की विधायक अंबा के पिता योगेंद्र साव के खिलाफ 2 दर्जन से अधिक मामले दर्ज किए गए. दर्ज किए गए 11 मामलो में योगेंद्र साव को अदालत ने बरी कर दिया लेकिन एक मामले में उन्हें दोषी करार दिया है.