रांचीः शारदीय नवरात्रि के आठवे दिन आज माता के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा हो रही है. रांची के पूजा पंडालों और मंदिरों में सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. लोग मां से सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं.
रांची के अरगोड़ा, किशोरगंज, डोरंडा, धुर्वा, रातू रोड, बरियातू मेडिकल चौक, अशोक नगर सहित सभी देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्त मां की आराधना में लीन हैं. वहीं पूजा पंडालों में भी आज मां दुर्गा के आठवें रूप की पूजा अर्चना की जा रही है. आज दिन में भी पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ देखी जा रही है. अरगोड़ा चौक स्थित अति प्राचीन दुर्गा मंदिर में आज महाष्टमी का उपवास रखी महिलाएं धूप, नारियल, फल, दीप, चुनरी और खोइचा भर कर देवी मां से सर्वमंगल की कामना कर रही हैं.
आज शाम 4:47 तक महाष्टमीः हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि में हर दिन खास होता है और मां की आराधना से सभी मनोवांक्षित फल की प्राप्ति होती है. परंतु इन नौ दिनों में भी महाष्टमी और महानवमी का खास महत्व होता है. हालांकि आज शाम से ही महानवमी का आरंभ हो रहा है, परंतु वाराणसी से मां की पूजा आराधना कराने के लिए रांची आये पंडित भवनाथ मिश्रा कहते हैं कि नवरात्रि में अष्टमी और नवमी को पूजा अर्चना का खास महत्व है. 3 अक्टूबर की शाम से महानवमी शुरू हो रही है, जो 4 अक्टूबर को दोपहर बाद 2.20 तक रहेगी. ऐसे में उदय तिथि के अनुसार नवमी 4 अक्टूबर को माना जायेगा.
महानवमी में कन्या पूजन से नवरात्रि की पूजा से मिलने वाला फल दोगुना हो जाता हैः महानवमी को जहां मां के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. वहीं इस दिन नौ कन्याओं को मां भगवती के नौ रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है और उन्हें भोजन कराया जाता है. इसके बाद उन्हें और एक छोटे बच्चे को उपहार देना चाहिए. इसी तरह महानवमी को हवन करने से भी पूरे शारदीय नवरात्र में मां की जो आराधना जातक करता है उसका फल बढ़ जाता है. देवी के सहस्त्र नामो का जाप करते हुए हवन में आहुति दी जाती है.