रांची: इन दिनों बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मजदूरों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान वापस आए मजदूरों को अपने राज्य में रोजगार नहीं मिलने की वजह से उनके सब्र का बांध टूट रहा है. वैसे मजदूर जो पहले दूसरे राज्यों में काम किया करते थे लॉकडाउन में सरकार की पहल से हुए अपने राज्य को लौट आए थे. इस उम्मीद से कि राज्य सरकार उन्हें अपने ही राज्य में काम देगी. लेकिन सरकार की नाकामी बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर साफ तौर पर देखने को मिल रही है.
यह सभी मजदूर गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा समेत लगभग राज्य के सभी जिलों से यहां पहुंचे हैं. जो फिर से पलायन को मजबूर हैं, लॉकडाउन में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को सरकार सरकार की पहल से हजारों की संख्या में मजदूर अपने घर को लौट आए थे. लगभग 4 महीने बीत जाने के बाद अब उनकी आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं. ऐसे में जहां पहले काम कर रहे थे उसे कांटेक्ट कर अब कंपनियां उन्हें जहाज की टिकट उपलब्ध करा कर वापस बुलाने का काम कर रही है. इन लोगों का मानना है कि अपने राज्य में रोजगार नहीं मिलने की वजह से एक बार फिर से घर छोड़कर बाहर निकलने को मजबूर हैं.
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सरकार की तरफ से यह भी बताया गया था कि जो मजदूर राज्य से दूसरे राज्य में काम करने जाएंगे. उन्हें सरकार के तहत बिना रजिस्ट्रेशन किए नहीं जाने की अनुमति है, बावजूद हजारों की संख्या में जाने वाले मजदूर जिनका किसी सरकार खाते में जिक्र ही नहीं है. इन लोगों को बाहर की कंपनियां टिकट उपलब्ध कराकर वापस बुला रही है. प्रतिदिन एयर एशिया, इंडिगो के विमान से सैकड़ों मजदूर सूरत, मुंबई, दिल्ली, गुजरात लुधियाना जैसे शहरों में पलायन कर रहे हैं. ऐसे में सरकार को दिए आश्वासन पर खरा उतरने की जरूरत है.