ETV Bharat / city

झारखंड में डायन बिसाही बताकर हत्या पर पुलिस सख्त, रडार पर ओझा और तांत्रिक

झारखंड में डायन बताकर हत्या कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस तरह की वारदातों को अंजाम देने वालों की अब खैर नहीं है. रांची पुलिस ऐसे ओझा और तांत्रिकों की सूची तैयार कर रही है जो लोगों को बरगलाते हैं.

Witchcraft in Jharkhand
Witchcraft in Jharkhand
author img

By

Published : Aug 17, 2022, 8:45 PM IST

Updated : Aug 17, 2022, 9:03 PM IST

रांची: झारखंड में डायन बिसाही (Witchcraft in Jharkhand) के मामला अक्सर आते रहते हैं. राजधानी रांची में डायन प्रथा (Witchcraft in Ranchi) के नाम पर ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास (Superstitions In Rural Area) फैलाने वाले और ग्रामीणों को बरगलाने वाले ओझा, गुनी और तांत्रिक झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के रडार पर हैं. रांची पुलिस (Ranchi Police) ने वैसे तमाम ओझा गुनी और तांत्रिकों को चिन्हित किया है (Police is preparing list of Tantriks), जिनके बरगलाने पर ही ग्रामीण अपने ही गांव के महिलाओं को डायन करार देकर उनकी हत्या तक कर डालते हैं. ऐसे तत्वों पर पुलिस न सिर्फ नजर रख रही है बल्कि समय-समय पर उन्हें थाने बुलाकर चेतावनी भी दे रही है कि वे किसी भी कीमत अंधविश्वास ना फैलाएं वरना कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: अंधविश्वास का दंश, ट्राइबल बहुल गांव में हैं सिर्फ तीन महिलाएं, बाकी जेल में, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

तैयार हो गई ओझा गुनी और तांत्रिको की लिस्ट: झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) सहित राज्य के अधिंकाश जिलों में डायन करार देकर महिलाओं को प्रताड़ित करने का मामला अक्सर सुर्खियों में छाया रहता है, ऐसे मामले में कई बार महिलाओं की हत्या तक कर दी जाती है. पुलिस के पड़ताल में अक्सर यह बातें सामने आती रहीं हैं कि महिलाओं को डायन करार देने के पीछे ओझा गुनी और तांत्रिकों का सबसे बड़ा हाथ होता है. ऐसे ओझा गुनी और तांत्रिकों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने एक बेहतर प्रयास किया है. राजधानी रांची के वैसे थाना क्षेत्र जहां अक्सर डायन बिसाही के मामले सामने आते रहते हैं वहां पुलिस ने वैसे ओझा गुनी और तांत्रिकों का लिस्ट तैयार की जा रही है (Police is preparing list of Tantriks).

देखें वीडियो

लिस्ट तैयार करने के लिए ग्रामीण थानों में पदस्थापित चौकीदारों और कुछ एनजीओ की भी मदद ली गई है. लिस्ट में शामिल ओझा गुनी और तांत्रिकों को बकायदा थाने में बुलाकर हर सप्ताह चेतावनी भी दी जा रही है. ओझा गुनी करने वाले तथाकथित ग्रामीणों को पुलिस ने यह स्पष्ट कह दिया है कि अगर उनके क्षेत्र में कहीं भी डायन बिसाही के नाम पर महिलाओं के साथ किसी तरह की प्रताड़ना हो या फिर उनकी हत्या होती है तो उन पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.



कसा जा रहा नकेल: रांची के ग्रामीण एसपी नौसाद आलम (Rural SP Nausad Alam) के अनुसार अधिकतर घटनाओं में यह बात सामने आती है कि किसी का बच्चा बीमार है, तो अशिक्षित लोग अंधविश्वास में ओझा-गुणी के पास झाड़-फूंक के लिए चले जाते हैं. वहां ओझा गुणी गांव के किसी महिला या पुरुष का नाम बता देता है कि उसने जादू टोना किया है, गुस्से में लोग उक्त व्यक्ति या महिला को प्रताड़ित करते हैं. उसकी हत्या भी कर देते है. अंधविश्वास में गांव में कभी किसी के बीमार होने के लिए तो कभी किसी की मौत होने के लिए यहां तक कि पशुओं की मौत के लिए भी जिम्मेदार ठहराकर लोग किसी को भी डायन करार देते हैं.

इस मामले में झाड़ फूंक करने वाले ओझा-गुनी की भी भूमिका रहती है, जो ग्रामीणों की अज्ञानता का फायदा उठाकर अंधविश्वास को बढ़ावा देते रहते हैं. ओझा-गुनी ही चिन्हित कर बताते हैं कि किस गांव में कौन डायन है।ऐसे में सभी ग्रामीण थाना प्रभारियों को यह आदेश दिया गया था कि वे लोग जिस तरह अपराधियों का डाटा तैयार करते हैं. उसी तरह से गांव में झाड़-फूंक करने वाले लोगों को भी चिन्हित कर उनके लिस्ट बनाएं और उनके कार्यों पर नजर रखें. इस पर कार्रवाई करते हुए बकायदा ओझा गुनी और तांत्रिकों की लिस्ट बना ली गई है और उन पर लगातार नजर रखी जा रही है.


इन थाना क्षेत्रों में बनी लिस्ट: रांची के चान्हो, मांडर, मैक्लुस्कीगंज, नारकोपी, दसम, तमाड़, नामकुम, अनगड़ा और तुपुदाना थाना क्षेत्र डायन बिसाही जैसे मामले को लेकर बेहद सेंसिटिव रहे हैं. राजधानी रांची में अब तक इन्हीं थाना क्षेत्रों में सबसे ज्यादा डायन बिसाही के नाम पर महिलाओं की हत्या हुई है और उन्हें प्रताड़ित भी किया गया है. इन सभी थाना क्षेत्रों में पुलिस ने लगभग 75 ऐसे लोगों को चिन्हित किया है जो डायन बिसाही के नाम पर तंत्र मंत्र का काम किया करते हैं. ऐसे तमाम लोगों पर नकेल कसने के लिए गांव के चौकीदार, थाने के चौकीदार और मुखिया सहित कई पढ़े-लिखे समझदार लोगों को सभी पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं थाना प्रभारी को यह निर्देश दिया गया है कि जिन लोगों के नाम लिस्ट में शामिल हैं उनके गतिविधियों पर भी वह खुद नजर रखें अगर कहीं भी उनकी गतिविधि संदिग्ध नजर आती है तो उन्हें तुरंत थाना बुलाकर उनसे पूछताछ की जाए.

आंकड़े हैं भयावह: झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2015 से 2021 के इन छह वर्षों में डायन-बिसाही के नाम पर 259 लोगों की हत्या कर दी गई. इस अवधि में डायन-बिसाही से जुड़े कुल 4680 मामले राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज किए गए. इन घटनाओं का सबसे दुखद पहलू यह है कि ज्यादातर मामलों में गांव वालों ने एकजुट और एकमत होकर ये हत्याएं कीं. पीड़ित रहम की भीख मांगते रहे, लेकिन कल तक उनके साथ हंसने-बोलने-खेलने वालों ने ही बर्बरता पूर्वक जान ले ली. जिन इलाकों में डायन-बिसाही में हत्या की घटनाएं हुई हैं, वहां ग्रामीण अशिक्षा और अंधविश्वास की गिरफ्त में जकड़े हैं. कई मामलों में संपत्ति हड़पने के लिए भी डायन-बिसाही का आरोप लगा पूरे परिवार की हत्या कर देने के मामले सामने आए हैं.


सबसे ज्यादा हुई है महिलाओं की हत्या: 2015 से दिसंबर 2021 तक झारखंड में डायन बिसाही (Witchcraft in Jharkhand) के आरोप में सबसे ज्यादा 221 महिलाओं की हत्या की गयी है. इनमें सर्वाधिक चाईबासा की 40, गुमला की 32, खूंटी की 29, सिमडेगा की 22 और रांची की 25 महिलाएं शामिल हैं. झारखंड पुलिस के रिकाॅर्ड में वर्ष 2015 से जून 2021 तक 4680 डायन अधिनियम से जुड़े मामले विभिन्न जिलों के थानों में दर्ज किये गये हैं.

रांची: झारखंड में डायन बिसाही (Witchcraft in Jharkhand) के मामला अक्सर आते रहते हैं. राजधानी रांची में डायन प्रथा (Witchcraft in Ranchi) के नाम पर ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास (Superstitions In Rural Area) फैलाने वाले और ग्रामीणों को बरगलाने वाले ओझा, गुनी और तांत्रिक झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के रडार पर हैं. रांची पुलिस (Ranchi Police) ने वैसे तमाम ओझा गुनी और तांत्रिकों को चिन्हित किया है (Police is preparing list of Tantriks), जिनके बरगलाने पर ही ग्रामीण अपने ही गांव के महिलाओं को डायन करार देकर उनकी हत्या तक कर डालते हैं. ऐसे तत्वों पर पुलिस न सिर्फ नजर रख रही है बल्कि समय-समय पर उन्हें थाने बुलाकर चेतावनी भी दे रही है कि वे किसी भी कीमत अंधविश्वास ना फैलाएं वरना कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: अंधविश्वास का दंश, ट्राइबल बहुल गांव में हैं सिर्फ तीन महिलाएं, बाकी जेल में, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

तैयार हो गई ओझा गुनी और तांत्रिको की लिस्ट: झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) सहित राज्य के अधिंकाश जिलों में डायन करार देकर महिलाओं को प्रताड़ित करने का मामला अक्सर सुर्खियों में छाया रहता है, ऐसे मामले में कई बार महिलाओं की हत्या तक कर दी जाती है. पुलिस के पड़ताल में अक्सर यह बातें सामने आती रहीं हैं कि महिलाओं को डायन करार देने के पीछे ओझा गुनी और तांत्रिकों का सबसे बड़ा हाथ होता है. ऐसे ओझा गुनी और तांत्रिकों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने एक बेहतर प्रयास किया है. राजधानी रांची के वैसे थाना क्षेत्र जहां अक्सर डायन बिसाही के मामले सामने आते रहते हैं वहां पुलिस ने वैसे ओझा गुनी और तांत्रिकों का लिस्ट तैयार की जा रही है (Police is preparing list of Tantriks).

देखें वीडियो

लिस्ट तैयार करने के लिए ग्रामीण थानों में पदस्थापित चौकीदारों और कुछ एनजीओ की भी मदद ली गई है. लिस्ट में शामिल ओझा गुनी और तांत्रिकों को बकायदा थाने में बुलाकर हर सप्ताह चेतावनी भी दी जा रही है. ओझा गुनी करने वाले तथाकथित ग्रामीणों को पुलिस ने यह स्पष्ट कह दिया है कि अगर उनके क्षेत्र में कहीं भी डायन बिसाही के नाम पर महिलाओं के साथ किसी तरह की प्रताड़ना हो या फिर उनकी हत्या होती है तो उन पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.



कसा जा रहा नकेल: रांची के ग्रामीण एसपी नौसाद आलम (Rural SP Nausad Alam) के अनुसार अधिकतर घटनाओं में यह बात सामने आती है कि किसी का बच्चा बीमार है, तो अशिक्षित लोग अंधविश्वास में ओझा-गुणी के पास झाड़-फूंक के लिए चले जाते हैं. वहां ओझा गुणी गांव के किसी महिला या पुरुष का नाम बता देता है कि उसने जादू टोना किया है, गुस्से में लोग उक्त व्यक्ति या महिला को प्रताड़ित करते हैं. उसकी हत्या भी कर देते है. अंधविश्वास में गांव में कभी किसी के बीमार होने के लिए तो कभी किसी की मौत होने के लिए यहां तक कि पशुओं की मौत के लिए भी जिम्मेदार ठहराकर लोग किसी को भी डायन करार देते हैं.

इस मामले में झाड़ फूंक करने वाले ओझा-गुनी की भी भूमिका रहती है, जो ग्रामीणों की अज्ञानता का फायदा उठाकर अंधविश्वास को बढ़ावा देते रहते हैं. ओझा-गुनी ही चिन्हित कर बताते हैं कि किस गांव में कौन डायन है।ऐसे में सभी ग्रामीण थाना प्रभारियों को यह आदेश दिया गया था कि वे लोग जिस तरह अपराधियों का डाटा तैयार करते हैं. उसी तरह से गांव में झाड़-फूंक करने वाले लोगों को भी चिन्हित कर उनके लिस्ट बनाएं और उनके कार्यों पर नजर रखें. इस पर कार्रवाई करते हुए बकायदा ओझा गुनी और तांत्रिकों की लिस्ट बना ली गई है और उन पर लगातार नजर रखी जा रही है.


इन थाना क्षेत्रों में बनी लिस्ट: रांची के चान्हो, मांडर, मैक्लुस्कीगंज, नारकोपी, दसम, तमाड़, नामकुम, अनगड़ा और तुपुदाना थाना क्षेत्र डायन बिसाही जैसे मामले को लेकर बेहद सेंसिटिव रहे हैं. राजधानी रांची में अब तक इन्हीं थाना क्षेत्रों में सबसे ज्यादा डायन बिसाही के नाम पर महिलाओं की हत्या हुई है और उन्हें प्रताड़ित भी किया गया है. इन सभी थाना क्षेत्रों में पुलिस ने लगभग 75 ऐसे लोगों को चिन्हित किया है जो डायन बिसाही के नाम पर तंत्र मंत्र का काम किया करते हैं. ऐसे तमाम लोगों पर नकेल कसने के लिए गांव के चौकीदार, थाने के चौकीदार और मुखिया सहित कई पढ़े-लिखे समझदार लोगों को सभी पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं थाना प्रभारी को यह निर्देश दिया गया है कि जिन लोगों के नाम लिस्ट में शामिल हैं उनके गतिविधियों पर भी वह खुद नजर रखें अगर कहीं भी उनकी गतिविधि संदिग्ध नजर आती है तो उन्हें तुरंत थाना बुलाकर उनसे पूछताछ की जाए.

आंकड़े हैं भयावह: झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2015 से 2021 के इन छह वर्षों में डायन-बिसाही के नाम पर 259 लोगों की हत्या कर दी गई. इस अवधि में डायन-बिसाही से जुड़े कुल 4680 मामले राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज किए गए. इन घटनाओं का सबसे दुखद पहलू यह है कि ज्यादातर मामलों में गांव वालों ने एकजुट और एकमत होकर ये हत्याएं कीं. पीड़ित रहम की भीख मांगते रहे, लेकिन कल तक उनके साथ हंसने-बोलने-खेलने वालों ने ही बर्बरता पूर्वक जान ले ली. जिन इलाकों में डायन-बिसाही में हत्या की घटनाएं हुई हैं, वहां ग्रामीण अशिक्षा और अंधविश्वास की गिरफ्त में जकड़े हैं. कई मामलों में संपत्ति हड़पने के लिए भी डायन-बिसाही का आरोप लगा पूरे परिवार की हत्या कर देने के मामले सामने आए हैं.


सबसे ज्यादा हुई है महिलाओं की हत्या: 2015 से दिसंबर 2021 तक झारखंड में डायन बिसाही (Witchcraft in Jharkhand) के आरोप में सबसे ज्यादा 221 महिलाओं की हत्या की गयी है. इनमें सर्वाधिक चाईबासा की 40, गुमला की 32, खूंटी की 29, सिमडेगा की 22 और रांची की 25 महिलाएं शामिल हैं. झारखंड पुलिस के रिकाॅर्ड में वर्ष 2015 से जून 2021 तक 4680 डायन अधिनियम से जुड़े मामले विभिन्न जिलों के थानों में दर्ज किये गये हैं.

Last Updated : Aug 17, 2022, 9:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.