रांची: झारखंड में विधानसभा सीटों की कुल संख्या 81 है. इनमें 44 सीटें अनारक्षित है, जबकि 28 सीटें एसटी और नौ सीटें एससी के लिए रिजर्व है. राज्य गठन के समय से अब तक हुए सभी चुनावों की बात करें तो वोट प्रतिशत के मामले में बीजेपी का जनाधार बढ़ा और 2009 के चुनाव को छोड़कर जेएमएम दूसरे स्थान पर रही.
2005 विधानसभा चुनाव
2005 के चुनाव में बीजेपी ने कुल 63 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. इनमें से 30 उम्मीदवारों की जीत हुई थी, जबकि आठ सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी थी. बीजेपी को इस चुनाव में 23.57 प्रतिशत वोट मिले थे.
2005 के चुनाव में जेएमएम दूसरे स्थान पर रहा था. तब जेएमएम ने 49 उम्मीदवारों पर किस्मत आजमाया था. इसमें 17 की जीत हुई थी और 17 की जमानत जब्त हो गई थी. इस चुनाव में जेएमएम को 14.29 प्रतिशत वोट मिला था.
तीसरे स्थान पर रही कांग्रेस 41 प्रत्याशियों के साथ मैदान में उतरी थी, जिसमें 9 की जीत और 13 की जमानत जब्त हुई थी. कांग्रेस को इस चुनाव में 12.05 प्रतिशत वोट मिला था.
2009 विधानसभा चुनाव
2009 चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा फिर भी अन्य पार्टियों के मुकाबले वोट प्रतिशत ज्यादा ही रहा. इस चुनाव में बीजेपी ने 67 उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें 18 की जीत हुई थी तो 12 उम्मीदवारों की जमातन जब्त हो गई थी. बीजेपी को इस चुनाव में 20.18 प्रतिशत ही वोट मिले.
जेएमएम को इस चुनाव में फायदा मिला और वो एक सीट ज्यादा जीतकर बीजेपी के बराबर हो गया. इस चुनाव में जेएमएम के 78 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाया जिसमें 18 की जीत और 46 की जमानत जब्त हो गई. वोट प्रतिशत इस चुनाव में जेएमएम का 15.20 प्रतिशत था.
2000 के चुनाव की तुलना में कांग्रेस को पांच सीटें ज्यादा यानी 14 सीटें मिली. कांग्रेस ने इस चुनाव में कुल 61 उम्मीदवार उतारे जिसमें 14 की जीत और 22 की जमानत जब्त हो गई. वोट प्रतिशत के मामले में जेएमएम से आगे निकलते हुए कांग्रेस ने 16.16 प्रतिशत बटोरे.
पहली बार बीजेपी के बागी के रूप में झारखंड विकास मोर्चा बनाकर मैदान में उतरे बाबूलाल मरांडी ने 11 सीटें जीतकर सारे समीकरण बिगाड़ दिए.
2014 विधानसभा चुनाव
2014 में मोदी लहर के बीच केंद्र में पहली बार बीजेपी ने बहुमत की सरकार बनाई थी. इस चुनाव के कुछ महीने बाद ही झारखंड में भी चुनाव हुए. उस वक्त भी मोदी लहर की चर्चा रही. जोश से भरी बीजेपी ने 72 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन बहुमत से पांच सीट कम यानी 37 सीट ही निकाल पाई. इस चुनाव में बीजेपी को 31.26 प्रतिशत वोट मिले थे.
इधर, इसी चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले एक सीट ज्यादा यानी 19 सीटें जीतकर जेएमएम ने साबित कर दिया कि झारखंड में उसकी पकड़ कितनी मजबूत है.
इस चुनाव में 2009 के मुकाबले कांग्रेस को आठ सीटों का नुकसान हुआ था. जेवीएम को तीन और आरजेडी को पांच सीटें गंवानी पड़ी थी.
अभी तक हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में कुल वोट प्रतिशत की बात की जाए तो 2005 में 57.03%, 2009 में 56.96% और 2014 में 66.42 प्रतिशत वोट पड़े. अब 2019 के चुनाव में कैसी तस्वीर बनने वाली है इसका सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है. इस साल भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत हुई है लिहाजा, बीजेपी इस कांफिडेंस में है कि इसबार झारखंड में उसे मैजिक फिगर से ज्यादा सीटें मिलेंगी.